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Upendra Kushwaha On RJD: '10 का शासन 90 पर नहीं चलेगा..'उपेंद्र कुशवाहा का आलोक मेहता को जवाब- 35 साल से लालू परिवार है शासक - Minister Alok Mehta

'दस का शासन नब्बे पर नहीं चलेगा' यह बात जगदेव बाबू बोलते थे लेकिन उस समय और आज के समय में काफी फर्क है. पहले जो शोषक थे आज शासक हैं. आज शासन में कौन है सभी जानते हैं. सत्ता परिवारवाद में सिमट कर रह गई है. 35 साल से बिहार में एक ही परिवार का शासन है. उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री आलोक मेहता के बयान पर पलटवार करते हुए लालू परिवार और सीएम नीतीश पर निशाना साधा है.

JDU Parliamentary Board President Upendra Kushwaha
JDU Parliamentary Board President Upendra Kushwaha
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Published : Feb 2, 2023, 4:56 PM IST

Updated : Feb 2, 2023, 5:52 PM IST

जदयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बापू सभागार में जो बातें राजद के नेताओं द्वारा कही गयी हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है. दरअसल आलोक मेहता के एक और बयान को लेकर बयानबाजी जारी है. उन्होंने कहा था कि 10 का शासन 90 पर नहीं चलेगा. इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने हमला करते हुए कहा कि जगदेव बाबू ने जिस समय में यह नारा दिया था, वह समय कुछ और था. अब बिहार में 35 साल से जो शासन रहा है वह सभी लोग देख रहे हैं.

पढ़ें- Bihar Politics : '10 फीसदी आरक्षण वाला बयान', तेजस्वी यादव ने किया अपने मंत्री का समर्थन, कही ये बड़ी बात

बोले उपेंद्र कुशवाहा- 'पहले जो शोषक थे आज शासक हैं': उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल को परिवारवाद की पार्टी बताया और कहा कि जब मौका मिला जमकर इस पार्टी ने परिवारवाद किया है. कभी भी पार्टी ने अति पिछड़ा को जगह देने के बारे में नहीं सोचा है और अब 'शोषित भाग हमारा है' का नारा दे रहे हैं. इतना ही नहीं उपेंद्र कुशवाहा ने जनता दल यूनाइटेड पर भी कई तरह के आरोप लगाए और साफ-साफ कहा कि सत्ता का हस्तांतरण तो हो गया लेकिन लोगों की सोच नहीं बदली. जो लोग दूसरे को शोषण करने वाला बताते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है.

"हम भी उस पार्टी में अभी जनता दल यूनाइटेड में हैं, जहां पर अभी भी अति पिछड़ों को कोई उच्च पद नहीं दिया गया है. आप खुद समझ लीजिए कि बिहार की हालात कैसी है. ऐसे हालात में जो लोग इस तरह का नारा मंच से देते हैं उन्हें भी सोचने की जरूरत है. हम नहीं समझते हैं कि आज ऐसे हालात हैं कि इस तरह का नारा उन्हें देना चाहिए. पहले खुद वह देखें कि उन्होंने अति पिछड़ों के लिए क्या किया है."- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

'डील के सवाल का नहीं मिला जवाब': उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से राजद और जदयू के बीच हुए डील की बातों को दोहराया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को कहीं ना कहीं उस डील के बारे में बताना चाहिए. क्योंकि जो हालात अभी बिहार में बने हैं, राजद के लोग साफ-साफ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार जी गद्दी छोड़िए और गद्दी हमको दे दीजिए. कहीं ना कहीं कोई डील जरूर हुई है. हम डील की बात पूछ रहे हैं लेकिन उसका जवाब नहीं मिल रहा है.

'लोगों में मतभेद उत्पन्न किया जा रहा है': उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डील को लेकर जवाब दें और अगर राजद और जदयू के बीच डील हुई है तो शहीद जगदेव प्रसाद का सपना कभी भी पूरा होने वाला नहीं है. जदयू ने भी किसी अति पिछड़ा को बड़ा पद नहीं दिया है. अभी भी पार्टी में कई ऐसी गतिविधि हैं, जिससे कई सामाजिक वर्ग के लोगों में मतभेद उत्पन्न हो रहा है. समता पार्टी के समय में लोगों ने गोलबंद होकर नीतीश कुमार का समर्थन किया था. नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल को चुनाव में पटखनी दी गई थी.

10 vs 90: दरअसल जगदेव प्रसाद की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में आलोक मेहता ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पहले देश में अंग्रेज शोषण करते थे. अंग्रेजों के जाने के बाद 10 प्रतिशत लोग शोषण करते हैं. उन्होंने कहा कि मजबूती से कहता हूं कि 10 फीसदी का शासन नहीं चलेगा. भागलपुर में मैंने जो कहा कुछ गलत नहीं कहा, 10 फीसदी लोगों के पास दिमाग ज्यादा है. इससे लड़ने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए.

पहले भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान: इससे पहले भी राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने 10 फीसदी आरक्षण पाने वाले को अंग्रेजों का दलाल बताया था. उन्होंने कहा था कि ये लोग अंग्रेजों के जमाने में मंदिरों में घंटी बजाते थे. जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े और वंचितों के उत्थान की लड़ाई लड़ी, जिनकी हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था. अंग्रेजों ने जाने के समय सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमींदार बना दिया. जबकि मेहनत, मजदूरी करने वाले भूमिहीन बने हुए हैं. मंत्री आलोक मेहता का इशारा आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) में शामिल लोगों की तरफ था.

जदयू संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि बापू सभागार में जो बातें राजद के नेताओं द्वारा कही गयी हैं, वह कहीं से भी उचित नहीं है. दरअसल आलोक मेहता के एक और बयान को लेकर बयानबाजी जारी है. उन्होंने कहा था कि 10 का शासन 90 पर नहीं चलेगा. इसपर उपेंद्र कुशवाहा ने हमला करते हुए कहा कि जगदेव बाबू ने जिस समय में यह नारा दिया था, वह समय कुछ और था. अब बिहार में 35 साल से जो शासन रहा है वह सभी लोग देख रहे हैं.

पढ़ें- Bihar Politics : '10 फीसदी आरक्षण वाला बयान', तेजस्वी यादव ने किया अपने मंत्री का समर्थन, कही ये बड़ी बात

बोले उपेंद्र कुशवाहा- 'पहले जो शोषक थे आज शासक हैं': उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनता दल को परिवारवाद की पार्टी बताया और कहा कि जब मौका मिला जमकर इस पार्टी ने परिवारवाद किया है. कभी भी पार्टी ने अति पिछड़ा को जगह देने के बारे में नहीं सोचा है और अब 'शोषित भाग हमारा है' का नारा दे रहे हैं. इतना ही नहीं उपेंद्र कुशवाहा ने जनता दल यूनाइटेड पर भी कई तरह के आरोप लगाए और साफ-साफ कहा कि सत्ता का हस्तांतरण तो हो गया लेकिन लोगों की सोच नहीं बदली. जो लोग दूसरे को शोषण करने वाला बताते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकने की जरूरत है.

"हम भी उस पार्टी में अभी जनता दल यूनाइटेड में हैं, जहां पर अभी भी अति पिछड़ों को कोई उच्च पद नहीं दिया गया है. आप खुद समझ लीजिए कि बिहार की हालात कैसी है. ऐसे हालात में जो लोग इस तरह का नारा मंच से देते हैं उन्हें भी सोचने की जरूरत है. हम नहीं समझते हैं कि आज ऐसे हालात हैं कि इस तरह का नारा उन्हें देना चाहिए. पहले खुद वह देखें कि उन्होंने अति पिछड़ों के लिए क्या किया है."- उपेंद्र कुशवाहा, अध्यक्ष, जदयू संसदीय बोर्ड

'डील के सवाल का नहीं मिला जवाब': उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार फिर से राजद और जदयू के बीच हुए डील की बातों को दोहराया और कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को कहीं ना कहीं उस डील के बारे में बताना चाहिए. क्योंकि जो हालात अभी बिहार में बने हैं, राजद के लोग साफ-साफ कह रहे हैं कि नीतीश कुमार जी गद्दी छोड़िए और गद्दी हमको दे दीजिए. कहीं ना कहीं कोई डील जरूर हुई है. हम डील की बात पूछ रहे हैं लेकिन उसका जवाब नहीं मिल रहा है.

'लोगों में मतभेद उत्पन्न किया जा रहा है': उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार डील को लेकर जवाब दें और अगर राजद और जदयू के बीच डील हुई है तो शहीद जगदेव प्रसाद का सपना कभी भी पूरा होने वाला नहीं है. जदयू ने भी किसी अति पिछड़ा को बड़ा पद नहीं दिया है. अभी भी पार्टी में कई ऐसी गतिविधि हैं, जिससे कई सामाजिक वर्ग के लोगों में मतभेद उत्पन्न हो रहा है. समता पार्टी के समय में लोगों ने गोलबंद होकर नीतीश कुमार का समर्थन किया था. नीतीश कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल को चुनाव में पटखनी दी गई थी.

10 vs 90: दरअसल जगदेव प्रसाद की जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में आलोक मेहता ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि पहले देश में अंग्रेज शोषण करते थे. अंग्रेजों के जाने के बाद 10 प्रतिशत लोग शोषण करते हैं. उन्होंने कहा कि मजबूती से कहता हूं कि 10 फीसदी का शासन नहीं चलेगा. भागलपुर में मैंने जो कहा कुछ गलत नहीं कहा, 10 फीसदी लोगों के पास दिमाग ज्यादा है. इससे लड़ने के लिए सभी को एकजुट होना चाहिए.

पहले भी दे चुके हैं विवादास्पद बयान: इससे पहले भी राजस्व मंत्री आलोक मेहता ने 10 फीसदी आरक्षण पाने वाले को अंग्रेजों का दलाल बताया था. उन्होंने कहा था कि ये लोग अंग्रेजों के जमाने में मंदिरों में घंटी बजाते थे. जगदेव बाबू ने दलित, शोषित, पिछड़े और वंचितों के उत्थान की लड़ाई लड़ी, जिनकी हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है. उन्हें समाज में कोई सम्मान नहीं मिलता था. अंग्रेजों ने जाने के समय सैकड़ों एकड़ जमीन देकर जमींदार बना दिया. जबकि मेहनत, मजदूरी करने वाले भूमिहीन बने हुए हैं. मंत्री आलोक मेहता का इशारा आर्थिक आधार पर मिलने वाले आरक्षण (ईडब्ल्यूएस) में शामिल लोगों की तरफ था.

Last Updated : Feb 2, 2023, 5:52 PM IST
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