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आरसीपी सिंह ने पीएम मोदी से की मुलाकात, कहा- विशेष इस्पात के उत्पादन में आत्मनिर्भर होगा भारत - पीएलआई योजना को मिली मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विशेष इस्पात (स्पेशियलटी स्टील) के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है. योजना से करीब 5 लाख 25 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा जिसमें से 68 हजार प्रत्यक्ष रोजगार होगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएलआई योजना को दी मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पीएलआई योजना को दी मंजूरी
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Published : Jul 23, 2021, 7:21 AM IST

पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना की अवधि वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों की होगी.

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केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस्पात क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से यह बहुत ही सामयिक, साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है. इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पूंजी निवेश भी होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

6,322 करोड़ रूपए के बजटीय परिव्यय के साथ इस योजना से करीब 40,000 करोड़ रूपए का निवेश होने और विशेष इस्पात के लिए 25 मिलियन टन क्षमता का संवर्धन होने की उम्मीद है. योजना से करीब 5.25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा जिसमें से 68,000 प्रत्यक्ष रोजगार होगा.

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'वर्ष 2026-27 तक देश में 42 मिलियन टन विशेष इस्पात का उत्पादन होगा जिसका मूल्य 2.5 लाख करोड़ होगा. अभी देश में विशेष इस्पात का उत्पादन केवल 18 मिलियन टन है. इससे निर्यात में भी बढ़ोत्तरो होगी और देश से करीब 5.5 मिलियन टन विशेष इस्पात का निर्यात होगा जिससे करीब 33,000 करोड़ रूपए की विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी.' : आरसीपी सिंह, केन्द्रीय इस्पात मंत्री

'विशेष इस्पात के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर भारत इस्पात की मूल्य श्रृंखला मे उन्नति करेगा और कोरिया और जापान जैसे उन्नत इस्पात विनिर्माणकारी देशों के समकक्ष आएगा. इस योजना का लाभ बड़े भागीदारों अर्थात एकीकृत इस्पात संयंत्रों और छोटे भागीदारों (द्वितीय इस्पात भागीदार) दोनों को प्राप्त होगा.' : आरसीपी सिंह, केन्द्रीय इस्पात मंत्री

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विशेष इस्पात मूल्यवर्धित इस्पात है जिसमें सामान्य तैयार इस्पात को उच्च मूल्यवर्धित इस्पात में परिवर्तित करने के लिए उसपर कोटिंग, प्लेटिंग, हीट ट्रीटमेंट के जरिये प्रभाव डाला जाता है. जिसका प्रयोग ऑटोमोबाइल क्षेत्र, विशेषीकृत कैपिटल गुड्स इत्यादि के अलावा विभिन्न रणनीतिक अनुप्रयोगों जैसे कि रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा में किया जा सकता है.

पीएलआई योजना में विशेष इस्पात की पांच श्रेणियों को चुना गया है. वे पांच श्रेणियां हैं, कोटेड/प्लेटेड इस्पात उत्पाद, हाई स्ट्रेंथ/ वियर रेजिस्टेंट स्टील, स्पेशियलटी रेल, अलॉय स्टील उत्पाद और स्टील वॉयर एवं इलेक्ट्रिकल स्टील.

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पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने विशेष इस्पात के लिए उत्पादन-सम्बद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना को मंजूरी दे दी है. इस योजना की अवधि वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों की होगी.

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केन्द्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि इस्पात क्षेत्र के लिए सरकार की ओर से यह बहुत ही सामयिक, साहसिक एवं ऐतिहासिक निर्णय है. इससे न सिर्फ उत्पादन बढ़ेगा बल्कि पूंजी निवेश भी होगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.

6,322 करोड़ रूपए के बजटीय परिव्यय के साथ इस योजना से करीब 40,000 करोड़ रूपए का निवेश होने और विशेष इस्पात के लिए 25 मिलियन टन क्षमता का संवर्धन होने की उम्मीद है. योजना से करीब 5.25 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा जिसमें से 68,000 प्रत्यक्ष रोजगार होगा.

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'विशेष इस्पात के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनकर भारत इस्पात की मूल्य श्रृंखला मे उन्नति करेगा और कोरिया और जापान जैसे उन्नत इस्पात विनिर्माणकारी देशों के समकक्ष आएगा. इस योजना का लाभ बड़े भागीदारों अर्थात एकीकृत इस्पात संयंत्रों और छोटे भागीदारों (द्वितीय इस्पात भागीदार) दोनों को प्राप्त होगा.' : आरसीपी सिंह, केन्द्रीय इस्पात मंत्री

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विशेष इस्पात मूल्यवर्धित इस्पात है जिसमें सामान्य तैयार इस्पात को उच्च मूल्यवर्धित इस्पात में परिवर्तित करने के लिए उसपर कोटिंग, प्लेटिंग, हीट ट्रीटमेंट के जरिये प्रभाव डाला जाता है. जिसका प्रयोग ऑटोमोबाइल क्षेत्र, विशेषीकृत कैपिटल गुड्स इत्यादि के अलावा विभिन्न रणनीतिक अनुप्रयोगों जैसे कि रक्षा, अंतरिक्ष, ऊर्जा में किया जा सकता है.

पीएलआई योजना में विशेष इस्पात की पांच श्रेणियों को चुना गया है. वे पांच श्रेणियां हैं, कोटेड/प्लेटेड इस्पात उत्पाद, हाई स्ट्रेंथ/ वियर रेजिस्टेंट स्टील, स्पेशियलटी रेल, अलॉय स्टील उत्पाद और स्टील वॉयर एवं इलेक्ट्रिकल स्टील.

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