पटना : यूनिसेफ (UNICEF) की बिहार प्रमुख नफीसा बिन्ते शफीक ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे (Health Minister Mangal Pandey) से मुलाकात की. कोरोना काल (Corona Pandemic) में तकनीकी सहयोग के लिए मंत्री ने यूनिसेफ की सराहना की. उन्होंने कहा कि कोरोना और एईएस (AES) को जड़ से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य विभाग यूनिसेफ के साथ मिलकर काम करेगा.
मंत्री के सामने गिनाई उपलब्धियां
यूनिसेफ (UNICEF) की बिहार प्रमुख ने नफीसा बिन्ते शफीक ने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के खिलाफ सरकार की तरफ से किए जा रहे कार्यों और कोरोना वैक्सीनेशन के लिए सरकार का धन्यवाद किया.
उन्होंने यूनिसेफ की तरफ से बिहार सरकार को वैक्सीन लॉजिस्टिक्स योजना निर्माण, निगरानी और मूल्यांकन के अलावा नियमित एडवोकेसी और संचार, क्षमता निर्माण, वैक्सीन आपूर्ति श्रृंखला आदि से जुड़े कार्यों में किए जा रहे सहयोग से भी मंत्री को अवगत कराया.
स्वास्थ्य विभाग को दिया भरोसा
शफीक ने कहा कि यूनिसेफ की तरफ से पिछले दो महीनों में स्वास्थ्य विभाग को 2 वॉक इन फ्रीजर, 25 आरटी-पीसीआर सिस्टम, 300 ऑक्सीजन कांन्संट्रेटर, 290 बड़े और 81 आइस लाइन रेफ्रिजरेटर, 62 बड़े और 2 छोटे फ्रीजर, 2041 कोल्ड बॉक्स, 4000 फ्रीज फ्री वैक्सीन कैरियर, 5076 वैक्सीन कैरियर, 5,50,000 ट्रिपल लेयर मास्क, 26478 हैंड टॉवल, 2655 वाटर बोतल, 90 मग आदि उपलब्ध कराए गए.
साथ ही, गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 1 मास थर्मल स्कैनर स्थापित किया गया. आने वाले दिनों में यूनिसेफ द्वारा स्वास्थ्य विभाग को 100 ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर, 6 आरटी-पीसीआर सिस्टम और 5 ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट मुहैया कराए जाएंगे.
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चुनौतियों से कराया अवगत
उन्होंने बताया कि संदिग्ध कोरोना मरीजों की पहचान के लिए SMNET के माध्यम से सभी 38 जिलों और 291 SMNET ब्लॉकों में कांटेक्ट ट्रेसिंग की गई. सभी 38 जिलों में 28770 स्थानीय प्रभावी व्यक्तियों और धर्म गुरुओं के माध्यम से कोविड टीकाकरण के लिए लाभार्थियों को जुटाकर कोविड टीकाकरण रोलआउट में भी व्यापक समर्थन दिया गया.
इसके अलावा बच्चों और महिलाओं की बेहतर स्वास्थ्य और पोषण संबंधी कार्यक्रमों में भी यूनिसेफ द्वारा निरंतर सहयोग दिया गया है. कोल्ड चेन की दक्षता में सुधार के लिए कोल्ड चेन प्वाइंट्स को मजबूत बनाने और विस्तार में भी निरंतर सहयोग दिया गया है.
यूनिसेफ राज्य प्रमुख ने स्वास्थ्य मंत्री को कुछ अहम चुनौतियों से भी अवगत कराया और उनसे सहयोग की अपील की. आंगनबाडी केन्द्रों के बंद होने के कारण बच्चों का समुचित पोषण सुनिश्चित करना एक बड़ी चिंता है. इसके अलावा, ग्रामीण समुदाय तक समय पर सभी जरूरी सूचनाएं पहुंचाने हेतु संचार तंत्र को और मजबूत करना एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा है. मंत्री द्वारा सभी मुद्दों के समुचित समाधान का आश्वासन दिया गया.