पटना: बिहार में अप्रैल 2016 में पूर्ण शराबबंदी लागू (Complete Prohibition In Bihar In April 2016) की गई है. इसके बाद से उत्पाद अधिनियम के तहत सात लाख से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा (Under Excise Act More Than Seven Lakh People Arrested) चुका है. जबकि करीब दो करोड़ 46 लाख से अधिक लीटर शराब बरामद की गई है. साल 2022 में सर्वाधिक कार्रवाई हुई. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अनुसार, अप्रैल 2016 से 2021 के बीच उत्पाद अधिनियम के तहत चार लाख 24 हजार 512 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. वहीं, एक जनवरी से 31 दिसंबर 2022 के बीच दो लाख 79 हजार 262 लोगों को पकड़ा गया है. यह अब तक हुई कुल गिरफ्तारी का 40 प्रतिशत है.
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बिहार में पूर्ण शराबबंदी : हालांकि जुर्माने का प्रावधान होने के कारण शराब पीने के अपराध में पकड़े गए अधिसंख्य लोगों को तय जुर्माना राशि लेकर छोड़ दिया गया. आपको बता दें कि वर्ष 2022 में ब्रेथ एनालाइजर से की गई जांच में 100 में प्रत्येक 12वें व्यक्ति में शराब पीने की पुष्टि हुई. विभाग के अनुसार, पिछले साल जनवरी से दिसंबर के बीच ब्रेथ एनालाइजर से 13 लाख 68 हजार 837 लोगों की जांच की गई. इनमें एक लाख 70 हजार 97 लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव पाई गई. एक जनवरी से 31 दिसंबर के बीच 43 लाख 83 हजार 232 लीटर शराब जब्त की गई है.
जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत : जब्त शराब में 21 लाख 17 हजार 363 लीटर विदेशी जबकि 22 लाख 65 हजार 869 लीटर देसी शराब शामिल है. वर्ष 2022 में ड्रोन और मोटर बोट से भी छापेमारी कर शराब बरामद की गई. वर्ष 2016-2021 तक कार्रवाई में 1,30,96,887 लीटर विदेशी शराब बरामद, 71, 42,593 लीटर देसी शराब बरामद, 4,24,512 अभियुक्त गिरफ्तार हुए हैं. वर्ष 2022 में कार्रवाई के बाद 21,17,363 लीटर विदेशी शराब, 22,65,869 लीटर देसी शराब बरामद करने के साथ-साथ 2,79,262 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं.
बिहार में 2016 से शराबबंदी : ड्रोन से कार्रवाई 3,35,473 लीटर शराब जब्त की गई, 144.53 लाख किलो जावा गुड़ बरामद की गई. 527 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए. मोटर बोट से कार्रवाई में 1,46,356 लीटर शराब जब्त की गई. 68.90 लाख किलो जावा गुड़ बरामद करने के साथ-साथ 330 अभियुक्त गिरफ्तार किए गए है. हैंडहेल्ड स्कैनर से कार्रवाई में 43,500 वाहनों को स्कैन किया गया. 1640 लीटर शराब जब्त की गई. 39 अभियुक्त गिरफ्तार किये गए. बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Liquor Ban In Bihar) लागू किया गया. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई.