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उमेश कुशवाहा ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला, कहा- 'सदन में चिल्लाने से जंगल राज को नहीं भूल सकती जनता' - बिहार में कानून व्यवस्था

जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला (Umesh Kushwaha Attacks Tejashwi Yadav) है. उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार के शासनकाल में भ्रष्टाचारियों, अत्याचारी और अपराधियों पर लगातार कार्रवाई होती रही है. यही वजह है कि उनको चौथी बार सत्ता की बागडोर मिली है. इससे तेजस्वी यादव और उनके पूरे परिवार को सीख लेनी चाहिए.

उमेश कुशवाहा ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला
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Published : Mar 5, 2022, 4:04 PM IST

पटना: बिहार में कानून व्यवस्था (Law And Order In Bihar) के मुद्दे को लेकर इन दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) सरकार पर हमलावर हैं और विधानसभा में लगातार सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अब जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU State President Umesh Kushwaha) ने उन पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सदन में चिल्लाकर बोलने से जंगल राज के अत्याचार को बिहार की जनता कभी भूल नहीं सकती है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि तेजस्वी को पहले 1990 के दशक को याद करना चाहिए और 1990 से 2005 के बीच मीडिया में छपी खबरों को पढ़कर आंकलन करना चाहिए था और उसे सदन में रखना चाहिए था लेकिन वो कड़वी सच्चाई से पीछा छुड़ाना चाहते हैं.

ये भी पढ़ें: सदन में सत्ता पक्ष पर जमकर बरसे तेजस्वी, कहा- सरकार चला रहे हैं या सर्कस?

विपक्ष का हंगामा बेवजह: उमेश कुशवाहा ने कहा कि जब से नीतीश कुमार की सरकार आई है, तब से बिहार में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. मुख्यमंत्री ने बिहार में बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में हुए विकास का आंकड़ा पेश किया. इसके साथ ही भ्रष्टाचार और अपराध पर जो लगातार करवाई हुई है, उसकी चर्चा की तो विपक्षी दलों को बिहार में हो रहे विकास और भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ हो रही कार्रवाईयां नहीं पच सकी और सदन में बेवजह हंगामा किया गया.

जनता आरजेडी को माफ नहीं करेगी: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी जानते हैं कि लालू-राबड़ी के शासनकाल को याद कर आज भी बिहार की जनता की रूह कांप जाती है. जिस गौरवमयी बिहार का तेजस्वी यादव के माता-पिता यानी लालू-राबड़ी ने अपने शासनकाल में विनाश किया और राज्य को बर्बादी के कगार पर ले गए, उन लोगों को बिहार की जनता की कभी माफ करने वाली नहीं है. जनता ने जिसे 16 साल पहले सत्ता से बेदखल कर दिया था और लालू-राबड़ी शासनकाल को सत्ता से उखाड़ कर फेंकने के बाद बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता की बागडोर सौंपी. उसके बाद बिहार के लोगों ने राहत की सांस ली. बिहार में सुशासन राज कायम हुआ और बिहार लगातार विकास के पथ पर अग्रसर हो सका है.

'चिल्लाने से सच्चाई नहीं छिपेगी': उमेश कुशवाहा ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में इतनी अराजकता थी और भ्रष्टाचार से गर्त में चला गया था, यह बातें जगजाहिर है. इसके बावजूद तेजस्वी यादव सदन में सरकार पर भ्रष्टाचार और अत्याचार को लेकर जोर-जोर से और चिल्ला-चिल्ला कर बोले. तेजस्वी यादव को पहले अपने माता-पिता के शासनकाल के दौरान हुए अपराध और भ्रष्टाचार मामले का आंकड़ा सदन के समक्ष रखना चाहिए था, तब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया होता. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और नीतीश सरकार पर बेवजह गंभीर आरोप लगा रहे हैं. देश और दुनिया यह मान चुकी है बिहार में पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की सरकार चल रही है और कानून का राज है, ऐसे में तेजस्वी यादव का सरकार पर भ्रष्टाचार और अराजकता का आरोप लगाना बिल्कुल ही निराधार है.

तेजस्वी को बोलने का अधिकार नहीं: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव को सरकार पर आरोप लगाने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि उनके पिता लालू यादव पर तो आरोप सिद्ध हो चुका है और लालू अपने किए की सजा जेल में काट रहे हैं. तेजस्वी यादव के पिता पर जब आरोप लगा था तो उसे बेबुनियाद बताया गया था और अब जब लालू प्रसाद दोषी करार दिए गए और उन्हें अदालत ने जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया तो तेजस्वी यादव और उनका कुनबा लालू प्रसाद को एक साजिश के तहत फंसाने की बात करते हैं, जबकि भ्रष्टाचार का आरोप लालू प्रसाद पर लगा और कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आरोप सिद्ध हो गया. जिसके बाद उन्हें सजा सुनाई गई. इसलिए तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार और अपराध पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.

'जंगल राज को भूला नहीं सकती जनता': तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि बिहार में भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार, अपराध, अपहरण, हत्या, लूट, डकैती का जो बिहार पर्याय बन चुका था, उसका दोषी कौन है? तेजस्वी यादव भले ही कड़वी सच्चाई को बोलने से अपना पीछा छुड़ाने में लगे हो लेकिन बिहार की जनता समझ चुकी है कि राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव का पूरा कुनबा किस तरह से बिहार में कोहराम मचाया था. बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं थी, जिसके कारण अदालत ने लालू यादव सरकार को जंगल राज की संज्ञा दी थी. वहीं बिहार में जबसे नीतीश सरकार आई, तब से कानून का राज कायम हुआ. बिहार में तेजी से विकास का काम हो रहा है.

ये भी पढ़ें: लेसी सिंह का तेजस्वी पर पलटवार, कहा- 'पहले बताएं कि दूध-भात खाने की उम्र में करोड़ों की संपत्ति कैसे अर्जित की?'

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पटना: बिहार में कानून व्यवस्था (Law And Order In Bihar) के मुद्दे को लेकर इन दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) सरकार पर हमलावर हैं और विधानसभा में लगातार सवाल उठा रहे हैं. ऐसे में अब जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा (JDU State President Umesh Kushwaha) ने उन पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सदन में चिल्लाकर बोलने से जंगल राज के अत्याचार को बिहार की जनता कभी भूल नहीं सकती है. उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि तेजस्वी को पहले 1990 के दशक को याद करना चाहिए और 1990 से 2005 के बीच मीडिया में छपी खबरों को पढ़कर आंकलन करना चाहिए था और उसे सदन में रखना चाहिए था लेकिन वो कड़वी सच्चाई से पीछा छुड़ाना चाहते हैं.

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विपक्ष का हंगामा बेवजह: उमेश कुशवाहा ने कहा कि जब से नीतीश कुमार की सरकार आई है, तब से बिहार में विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है. यही कारण है कि मुख्यमंत्री ने बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण के बाद सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. मुख्यमंत्री ने बिहार में बिजली, सड़क, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत सभी क्षेत्रों में हुए विकास का आंकड़ा पेश किया. इसके साथ ही भ्रष्टाचार और अपराध पर जो लगातार करवाई हुई है, उसकी चर्चा की तो विपक्षी दलों को बिहार में हो रहे विकास और भ्रष्टाचार और अत्याचार के खिलाफ हो रही कार्रवाईयां नहीं पच सकी और सदन में बेवजह हंगामा किया गया.

जनता आरजेडी को माफ नहीं करेगी: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सभी जानते हैं कि लालू-राबड़ी के शासनकाल को याद कर आज भी बिहार की जनता की रूह कांप जाती है. जिस गौरवमयी बिहार का तेजस्वी यादव के माता-पिता यानी लालू-राबड़ी ने अपने शासनकाल में विनाश किया और राज्य को बर्बादी के कगार पर ले गए, उन लोगों को बिहार की जनता की कभी माफ करने वाली नहीं है. जनता ने जिसे 16 साल पहले सत्ता से बेदखल कर दिया था और लालू-राबड़ी शासनकाल को सत्ता से उखाड़ कर फेंकने के बाद बिहार की जनता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सत्ता की बागडोर सौंपी. उसके बाद बिहार के लोगों ने राहत की सांस ली. बिहार में सुशासन राज कायम हुआ और बिहार लगातार विकास के पथ पर अग्रसर हो सका है.

'चिल्लाने से सच्चाई नहीं छिपेगी': उमेश कुशवाहा ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में इतनी अराजकता थी और भ्रष्टाचार से गर्त में चला गया था, यह बातें जगजाहिर है. इसके बावजूद तेजस्वी यादव सदन में सरकार पर भ्रष्टाचार और अत्याचार को लेकर जोर-जोर से और चिल्ला-चिल्ला कर बोले. तेजस्वी यादव को पहले अपने माता-पिता के शासनकाल के दौरान हुए अपराध और भ्रष्टाचार मामले का आंकड़ा सदन के समक्ष रखना चाहिए था, तब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया होता. उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव और नीतीश सरकार पर बेवजह गंभीर आरोप लगा रहे हैं. देश और दुनिया यह मान चुकी है बिहार में पिछले 16 सालों से नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की सरकार चल रही है और कानून का राज है, ऐसे में तेजस्वी यादव का सरकार पर भ्रष्टाचार और अराजकता का आरोप लगाना बिल्कुल ही निराधार है.

तेजस्वी को बोलने का अधिकार नहीं: जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि तेजस्वी यादव को सरकार पर आरोप लगाने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि उनके पिता लालू यादव पर तो आरोप सिद्ध हो चुका है और लालू अपने किए की सजा जेल में काट रहे हैं. तेजस्वी यादव के पिता पर जब आरोप लगा था तो उसे बेबुनियाद बताया गया था और अब जब लालू प्रसाद दोषी करार दिए गए और उन्हें अदालत ने जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया तो तेजस्वी यादव और उनका कुनबा लालू प्रसाद को एक साजिश के तहत फंसाने की बात करते हैं, जबकि भ्रष्टाचार का आरोप लालू प्रसाद पर लगा और कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद आरोप सिद्ध हो गया. जिसके बाद उन्हें सजा सुनाई गई. इसलिए तेजस्वी यादव को भ्रष्टाचार और अपराध पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है.

'जंगल राज को भूला नहीं सकती जनता': तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि बिहार में भ्रष्टाचार, अनाचार, अत्याचार, अपराध, अपहरण, हत्या, लूट, डकैती का जो बिहार पर्याय बन चुका था, उसका दोषी कौन है? तेजस्वी यादव भले ही कड़वी सच्चाई को बोलने से अपना पीछा छुड़ाने में लगे हो लेकिन बिहार की जनता समझ चुकी है कि राष्ट्रीय जनता दल और तेजस्वी यादव का पूरा कुनबा किस तरह से बिहार में कोहराम मचाया था. बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं थी, जिसके कारण अदालत ने लालू यादव सरकार को जंगल राज की संज्ञा दी थी. वहीं बिहार में जबसे नीतीश सरकार आई, तब से कानून का राज कायम हुआ. बिहार में तेजी से विकास का काम हो रहा है.

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