पटना: बिहार सरकार के लिए राहत भरी खबर है. बेरोजगारी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर बिहार में कमी दर्ज की गई है. केंद्र के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बिहार राज्य में बेरोजगारी के मामले में 2 प्रतिशत की कमी (Decrease In Unemployment Rate In Bihar) आई है. खास बात यह है कि इंडस्ट्रीयल राज्यों के नाम से पहचाने जाने वाले दिल्ली, हरियाणा और गुजरात के बाद बिहार का स्थान है. हालांकि, झारखंड और उत्तर प्रदेश भी इस मामले में बिहार से आगे हैं.
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बेरोजगारी पर राष्ट्रीय रिपोर्ट : दरअसल, राष्ट्रीय स्तर पर बेरोजगारी के आंकड़े (National Report On Unemployment) सामने आए हैं. विश्व और समानता डाटा रिपोर्ट और केंद्र के पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के रिपोर्ट में बिहार के लिए अच्छी खबर है. बिहार में बेरोजगारी के मामले में 2% की कमी आई है. देश में पिछले 1 साल में बेरोजगारी दर 2.6 प्रतिशत घटकर रह गई है. छत्तीसगढ़ पंजाब और आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में बेरोजगारी में कमी दर्ज की गई है.
सात प्रतिशत के साथ झारखंड सबसे आगे: रिपोर्ट में झारखंड और उत्तराखंड में सबसे ज्यादा तकरीबन 7% की गिरावट दर्ज की गई है. झारखंड, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात के बाद बिहार का स्थान है. बिहार बेरोजगारी पर काबू पाने के मामले में छठे स्थान पर है. जबकि झारखंड और उत्तराखंड में सबसे ज्यादा करीब 7% की गिरावट आई है.
कश्मीर और राजस्थान इस मामले में आगे: इसी तरह पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (Periodic Labor Force Survey) ने शहरी इलाकों पर भी एक रिपोर्ट जारी की है. जिसके अनुसार महिलाओं की बेरोजगारी दर में जम्मू कश्मीर में 29.4 प्रतिशत और राजस्थान में 19.9% दर्ज की गई है. बिहार इस मामले में पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है.
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