पटनाः पीएमसीएच (PMCH) इमरजेंसी भवन (Emergency Building) से सटे न्यू सर्जिकल इमरजेंसी भवन (New Surgical Emergency Building) का उद्घाटन तो पिछले साल ही कर दिया गया था, लेकिन इसमें मरीजों का इलाज अब तक शुरू नहीं हो पाया है. इसके बन जाने से मरीजों को काफी सहूलियत मिलने के दावे धरे के धरे रह गए हैं.
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इस भवन का उद्घाटन बिहार चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 22 सितंबर 2020 को किया था. उद्घाटन के वक्त कहा गया था कि इससे मरीजों की परेशानी कम हो सकेगी. इसी भवन के अंदर सभी प्रकार की जांच सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी, जिससे समय रहते इमरजेंसी में क्रिटिकल कंडीशन के मरीज का इलाज किया जा सके. लेकिन अब तक ऐसी कोई पहल नहीं की गई है.
पीएमसीएच के न्यू सर्जिकल भवन में प्रवेश करते ही बाईं तरफ क्लिनिकल पैथोलॉजी सेंटर तैयार किया गया जिसकी शुरूआत अब तक नहीं हो पाई है. इसके शुरू करने के पीछे मकसद जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट के आधार पर मरीजों का इलाज शुरू करना था. जिससे गंभीर मरीजों की जान बच सके.
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इस दिशा में अब तक किए गए कार्य की बात करें तो क्लिनिकल पैथोलॉजी के लिए जो कमरा न्यू इमरजेंसी भवन में शिफ्ट किया गया है. वहां पैथोलॉजी जांच से जुड़े तमाम उपकरण भी लाए गए हैं, मगर बीते दिनों यहां से इन उपकरणों को हटाकर साइड में रख दिया गया है.
अब अगर अस्पताल में भर्ती होने वाले गंभीर मरीजों के क्लीनिकल टेस्ट कराने की बारी आई तो उन्हें वहां से दूर दूसरे भवन राजेंद्र सर्जिकल भवन के फर्स्ट फ्लोर पर पैथोलॉजी डिपार्टमेंट जाना पड़ेगा. संभव है तब तक मरीज की जान भी जा सकती है. क्योंकि एक-एक पल काफी महत्वपूर्ण होता है.
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"सर्जिकल भवन के अंदर जब तक पूरा मेडिकल स्ट्रक्चर तैयार नहीं हो जाता तब तक पैथोलॉजी शुरू नहीं हो सकती है. पूरा मेडिकल स्ट्रक्चर तैयार होने में कम से कम 3 महीने का समय लगेगा."-आई.एस ठाकुर अधीक्षक, पीएमसीएच
पीएमसीएच अधीक्षक ने ईटीवी भारत संवाददाता को फोन पर यह जानकारी दी है. अब इसके बाद यह तो तय हो गया है कि कम से कम तीन महीनों के बाद ही इस पैथोलॉजी की शुरूआत हो सकेगी. लेकिन सवाल यह उठने लगा है कि क्या सिर्फ चुनावी लाभ लेने के लिए ही अधूरी परियोजनाओं का शिलान्यास कर दिया जाता है या फिर अस्पताल प्रबंधन इसके लिए जिम्मेदार है. क्योंकि, सरकारी आंकड़ों से कहीं ज्यादा किसी परिवार के लिए एक जिंदगी की अहमियत होती है.