ETV Bharat / state

'देश में 14 से 49 वर्ष की 70% विवाहित महिलाएं पिटाई, रेप व जबरन यौन शोषण की शिकार' - ईटीवी भारत बिहार न्यूज

महिला एवं बाल विकास निगम ने "कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा" विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था. जिसमें बोलते हुए राज्य महिला आयोग (State Commission for Women) की उपसचिव अंजू कुमारी ने कहा कि भारत में 70 प्रतिशत विवाहित महिलाएं घरेलू हिंसा से प्रभावित हैं. पढ़ें पूरी खबर.....

महिला पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
महिला पुलिसकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम
author img

By

Published : Jun 8, 2022, 11:01 PM IST

पटना: भारत में 15-49 आयुवर्ग की 70% विवाहित महिलाएं पिटाई, बलात्कार या जबरन यौन शोषण मौखिक दुर्व्यवहार की शिकार हैं. यह बात राज्य महिला आयोग की उप सचिव अंजू कुमारी ने बुधवार को बिहार के विभिन्न जिलों से आये महिला पुलिसकर्मियों और महिला थाना की थाना प्रभारियों को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन के दौरान कहा. कार्यशाला में बिहार के विभिन्न जिलों से लगभग 50 महिला पुलिसकर्मी (Training Program For Women Police) ने भाग लिया था.

यह भी पढ़ें: मायके में महिला ने कर ली खुदकुशी, परिजन बोले- 'बहुत नशा करती थी'

घरेलू हिंसा एक्ट के विषय पर जानकारी: इस कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार सरकार के द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, कमजोर वर्ग, अपराध अनुसंधान विभाग, बिहार के साथ यूएनएफपीए के तकनीकी सहयोग से किया गया था. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने प्रशिक्षण के उद्देश्य, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा एक्ट के बारे में बारे में बताया. उन्होंने आंतरिक शिकायत समिति की रचना एवं कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दिया. साथ ही उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों को कार्यक्षेत्र में मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत रहकर अपने दायित्व के निर्वहन करने का सलाह दिया.

दो-तिहाई महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार: राज्य महिला आयोग के उप सचिव अंजू कुमारी ने घरेलु हिंसा पर जोर देते हुए कहा कि सभ्य समाज में घरेलू हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने बताया कि यूनाइटेड पॉपुलेशन फण्ड रिपोर्ट के अनुसार लगभग दो-तिहाई विवाहित भारतीय महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं. आर्थिक स्वावलंबन ही महिलाओं को इन कुरीतियों से निजात दिला सकती है. मनोवैज्ञानिक डॉ समिधा पाण्डेय ने घरेलू हिंसा एवं यौन उत्पीड़न का महिलाओं के स्वास्थ्य पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की.

लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम पर दी जानकारी: चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मीता मोहिनी ने लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के बारे में इसके प्रकृति के बारे में बताया एवं उसके निराकरण पर भी चर्चा किया. कार्यशाला के दौरान यूएनएफपीए की राज्य प्रमुख कृति ने कहा कि महिलाएं कार्यक्षेत्र पर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेन्स नीति से जागरूक रहें. उन्होंने क्विज के माध्यम से महिला पुलिसकर्मियों से यौन उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा सम्बन्धी सम्बंधित काफी प्रश्न पूछे एवं आवश्यक सुझाव दिये. कार्यशाला के दौरान महिला एवं बाल विकास निगम के परियोजना निदेशक अजय कुमार श्रीवास्तव, बिहार भी उपस्थित रहें.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: भारत में 15-49 आयुवर्ग की 70% विवाहित महिलाएं पिटाई, बलात्कार या जबरन यौन शोषण मौखिक दुर्व्यवहार की शिकार हैं. यह बात राज्य महिला आयोग की उप सचिव अंजू कुमारी ने बुधवार को बिहार के विभिन्न जिलों से आये महिला पुलिसकर्मियों और महिला थाना की थाना प्रभारियों को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न और घरेलू हिंसा विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन के दौरान कहा. कार्यशाला में बिहार के विभिन्न जिलों से लगभग 50 महिला पुलिसकर्मी (Training Program For Women Police) ने भाग लिया था.

यह भी पढ़ें: मायके में महिला ने कर ली खुदकुशी, परिजन बोले- 'बहुत नशा करती थी'

घरेलू हिंसा एक्ट के विषय पर जानकारी: इस कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार सरकार के द्वारा अपर पुलिस महानिदेशक, कमजोर वर्ग, अपराध अनुसंधान विभाग, बिहार के साथ यूएनएफपीए के तकनीकी सहयोग से किया गया था. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक ने प्रशिक्षण के उद्देश्य, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा एक्ट के बारे में बारे में बताया. उन्होंने आंतरिक शिकायत समिति की रचना एवं कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दिया. साथ ही उन्होंने महिला पुलिसकर्मियों को कार्यक्षेत्र में मनोवैज्ञानिक रूप से मजबूत रहकर अपने दायित्व के निर्वहन करने का सलाह दिया.

दो-तिहाई महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार: राज्य महिला आयोग के उप सचिव अंजू कुमारी ने घरेलु हिंसा पर जोर देते हुए कहा कि सभ्य समाज में घरेलू हिंसा का कोई स्थान नहीं है. उन्होंने बताया कि यूनाइटेड पॉपुलेशन फण्ड रिपोर्ट के अनुसार लगभग दो-तिहाई विवाहित भारतीय महिला घरेलू हिंसा की शिकार हैं. आर्थिक स्वावलंबन ही महिलाओं को इन कुरीतियों से निजात दिला सकती है. मनोवैज्ञानिक डॉ समिधा पाण्डेय ने घरेलू हिंसा एवं यौन उत्पीड़न का महिलाओं के स्वास्थ्य पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की.

लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम पर दी जानकारी: चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मीता मोहिनी ने लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 के बारे में इसके प्रकृति के बारे में बताया एवं उसके निराकरण पर भी चर्चा किया. कार्यशाला के दौरान यूएनएफपीए की राज्य प्रमुख कृति ने कहा कि महिलाएं कार्यक्षेत्र पर राज्य सरकार की जीरो टॉलरेन्स नीति से जागरूक रहें. उन्होंने क्विज के माध्यम से महिला पुलिसकर्मियों से यौन उत्पीड़न एवं घरेलू हिंसा सम्बन्धी सम्बंधित काफी प्रश्न पूछे एवं आवश्यक सुझाव दिये. कार्यशाला के दौरान महिला एवं बाल विकास निगम के परियोजना निदेशक अजय कुमार श्रीवास्तव, बिहार भी उपस्थित रहें.

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.