पटना: भारत में जिस तेजी से ई-कॉमर्स (E-commerce) का व्यापार बढ़ रहा है और ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) के जरिये लोग अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं. इसे देखते हुए ई-कॉमर्स भविष्य की संभावनाओं का बड़ा बाजार बनता जा रहा है.
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पिछले 5 साल से अधिक समय से प्रकार अमेजन (Amazon), फ्लिपकार्ट (Flipkart) और विदेशी फंडिंग से चलने वाली अन्य ई कॉमर्स कंपनियों ने अपने निजी स्वार्थ के चलते भारत के ई कॉमर्स ही नहीं बल्कि रिटेल व्यापार पर कब्जा जमाने के लिए देश के ई कॉमर्स व्यापार को विषाक्त कर दिया है.
14-21 जून तक चलेगा अभियान
इसके चलते कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) बिहार ने 14 जून से 21 जून तक "ई कॉमर्स शुद्धिकरण अभियान" चलाने की घोषणा की है. इसमें देशभर के सभी व्यापारी संगठन शामिल होंगे. कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ रमेश गांधी ने बताया कि ई कॉमर्स शुद्धिकरण अभियान के दौरान बिहार समेत देश भर में व्यापारी संगठन आगामी 16 जून को देश के सभी राज्यों के विभिन्न जिलों में जिला कलेक्टर को प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन देंगे.
निगरानी तंत्र का गठन जरूरी
राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों से व्यापारी प्रतिनिधिमंडल मिलेंगे. ज्ञापन देकर राज्यों में ई कॉमर्स के जरिये होने वाले व्यापार पर निगरानी तंत्र का गठन करने की मांग करेंगे. निगरानी तंत्र ई कॉमर्स में FDI पॉलिसी को अपने राज्य में लागू करे, इस बात पर जोर देंगे.
व्यापारी संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को ई मेल के जरिये ज्ञापन भेजकर सीसीआई द्वारा अमेजन और फ्लिपकार्ट के व्यापारिक ढांचे की जांच कराने का आग्रह करेंगे.
तेजी से बढ़ रहा है ई कॉमर्स
अशोक कुमार वर्मा ने कहा, "भारत में पिछले एक साल में ई कॉमर्स व्यापार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसमें विशेष तौर पर पर्सनल केयर, ब्यूटी एंड वैलनेस, किराना, एफएमसीजी उत्पाद में 70 प्रतिशत और इलेक्ट्रॉनिक्स में 27 प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है. टियर 2 और टियर 3 शहरों में ई कॉमर्स व्यापार ने 2019 में 32 प्रतिशत और 2020 में 46 प्रतिशत वृद्धि की.
मानव संसाधन को कर रहे हैं खत्म
कैट बिहार के संयुक्त महासचिव आरसी मल्होत्रा ने कहा, "इन तथाकथित मार्केट प्लेस मॉडल द्वारा किये जा रहे बड़े पैमाने पर पूंजी डंपिंग के खेल ने देश की उद्यमशीलता, कौशल और मानव संसाधन पूंजी को खत्म कर दिया है.
किसी देश की मानव संसाधन पूंजी को बेकार कर देना. उन्हें उनके व्यवसायों से विस्थापित करना और विदेशी कंपनियों द्वारा उनके देश के लोगों की आजीविका का अतिक्रमण करना बेहद गंभीर मामला है. इस पर केंद्र और राज्य सरकारों को तुरंत ध्यान देकर आवश्यक कदम उठाना चाहिए."
लागत से कम दाम पर सामान बेच रहीं विदेशी कंपनियां
कैट बिहार के उपाध्यक्ष मुकेश नंदन ने कहा, "अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी कंपनियों ने देश के सभी कानूनों को धता बताते हुए लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना, बड़े डिस्काउंट देना, सामान बेचने के हुए नुकसान की भरपाई करना, अपने चहेते विक्रेताओं के जरिये ही अपने पोर्टल पर माल बेचना और स्टॉक पर नियंत्रण करने जैसी अवैध व्यापारिक प्रथाओं के जरिये व्यापार करने के कारण देश का ई कॉमर्स व्यापार अस्त-व्यस्त और विषाक्त कर दिया है. छोटे व्यापारियों के लिए यह खतरे की घंटी है."
"देश के बड़े हित में और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनाने की दृष्टि से ई कॉमर्स व्यापार की बुराइयों और अवैध व्यापारिक प्रथाओं पर सरकार द्वारा प्रभावी अंकुश लगाया जाना बहुत जरूरी हो गया है. इस उद्देश्य को लेकर देश भर के 40 हजार से ज्यादा व्यापारी संगठन शुद्धिकरण अभियान को सफल बनाने में पूरी ताकत से जुड़ेंगे."- मुकेश नंदन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, कैट बिहार
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