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RTI में खुलासाः बॉडीगार्ड लेकर भुगतान नहीं करनेवालों की सूची लंबी, प्रशांत किशोर के पिता पर लाखों बकाया

बिहार में कई विशिष्ट व्यक्तियों ने अपनी सुरक्षा के लिए बिहार पुलिस से बॉडीगार्ड लिया था, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया (bodyguard fee not paid in bihar) गया. इस वजह से बिहार पुलिस पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है. आरटीआई से मिली जानकारी से इसका खुलासा हुआ. हालांकि, पुलिस मुख्यालय को इसकी जानकारी नहीं है.

बॉडीगार्ड
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Published : Oct 23, 2022, 5:44 PM IST

पटना: बिहार के 38 जिलों में विशिष्ट व्यक्तियों के अंगरक्षकों की प्रतिनियुक्ति के एवज में सरकार का उनके ऊपर करीब 100 करोड़ का बकाया (bodyguard fee not paid in bihar) है. बकाया राशि वित्तीय वर्ष 2012-13 से लेकर वित्तीय वर्ष 2019- 20 तक की है. इसे लेकर भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा विभाग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में नाराजगी जता चुका है. विशेष व्यक्तियों के अंगरक्षकों की प्रतिनियुक्ति के एवज में बकाये राशि को लेकर सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को भी पत्र लिखा गया है. इन बकायेदारों की सूची में प्रशांत किशोर के पिता जैसे कई रसूखदार भी शामिल हैं. इस मामले का खुलासा RTI activist शिव प्रकाश राय द्वारा मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है.

इसे भी पढ़ेंः STF ने इस वर्ष अब तक 50 नक्सली और 233 मोस्ट वांटेड अपराधियों को किया गिरफ्तार


कई रसूखदारों पर वर्षों से बकायाः आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के तहत जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष और जनसुराज कैंपेन चलाने वाले प्रशांत किशोर के पिता (Prashant Kishor father did not pay bodyguard fee) पर लाखों रुपया बकाया है. 2021 में उनका निधन हो गया. रकम की वसूली नहीं हो सकी. आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने कहा कि इसके लिए कहीं ना कहीं वहां के एसपी जिम्मेवार हैं. इसके अलावा पूर्व सांसद विशाल सिंह पर 37 लाख तीन हजार नौ सै 58 रुपये बकाया है. हुलास पांडेय के भाई संतोष कुमार पांडेय पर 320544 रुपये बकाया है.बक्सर के जमीन कारोबारी प्रदीप कुमार राय, सूरत में व्यवसाय करने वाले बक्सर निवासी मिथिलेश पाठक, रोहतास के मंजीत मिश्र को भी भुगतान के आधार पर गार्ड दिया गया है. इन पर भी राशि बकाया है. इसके अलावा भी कई अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी हैं जिन्होंने बॉडीगार्ड के एवज में पैसे का भुगतान नहीं किया है. जिन पर वर्षों से बकाया चल रहा है.


बकाया मामले में अरवल जिला अव्वलः आरटीआई के द्वारा मांगी गई जानकारी के आधार पर पता चला है कि सरकार से बॉडीगार्ड लेने वाले विशिष्ट व्यक्तियों पर सूबे में सबसे ज्यादा बकाया अरवल जिले में है. वर्ष 2019-20 में इस जिले में बॉडीगार्ड लेने वाले कई ऐसे लोग हैं जिन पर एक करोड़ 24लाख 94 हजार रुपए बकाया है. दूसरे नंबर पर अररिया है. यहां बॉडीगार्ड लेने की एवज में वर्ष 2017-18 में 101 लाख 38000 का भुगतान नहीं हुआ है. अररिया में ही वर्ष 2015-16 में 87 लाख 16 हजार, जहानाबाद में वर्ष 2013-14 में 77 लाख और गोपालगंज में वर्ष 2016-17 का 70 लाख 56 हजार रुपए बकाया है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार के सभी जिलों के दो पुलिस निरीक्षकों को दिया जाएगा हथियार जांच का प्रशिक्षण

पुलिस मुख्यालय को नहीं है जानकारीः पुलिस विभाग का इतना रकम बकाया है और पुलिस मुख्यालय को इसकी जानकारी भी नहीं है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. अगर इस तरह की कोई बात सामने आती है तो जांच करवाई जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी. बक्सर के पुलिस अधीक्षक नीरज सिंह की मानें तो बकाया राशि का भुगतान नहीं करने वालों पर सर्टिफिकेट केस किया जाएगा. राशि की वसूली हर हाल में की जाएगी.

पटना: बिहार के 38 जिलों में विशिष्ट व्यक्तियों के अंगरक्षकों की प्रतिनियुक्ति के एवज में सरकार का उनके ऊपर करीब 100 करोड़ का बकाया (bodyguard fee not paid in bihar) है. बकाया राशि वित्तीय वर्ष 2012-13 से लेकर वित्तीय वर्ष 2019- 20 तक की है. इसे लेकर भारतीय लेखा और लेखा परीक्षा विभाग ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट में नाराजगी जता चुका है. विशेष व्यक्तियों के अंगरक्षकों की प्रतिनियुक्ति के एवज में बकाये राशि को लेकर सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को भी पत्र लिखा गया है. इन बकायेदारों की सूची में प्रशांत किशोर के पिता जैसे कई रसूखदार भी शामिल हैं. इस मामले का खुलासा RTI activist शिव प्रकाश राय द्वारा मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है.

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कई रसूखदारों पर वर्षों से बकायाः आरटीआई द्वारा मांगी गई सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के तहत जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष और जनसुराज कैंपेन चलाने वाले प्रशांत किशोर के पिता (Prashant Kishor father did not pay bodyguard fee) पर लाखों रुपया बकाया है. 2021 में उनका निधन हो गया. रकम की वसूली नहीं हो सकी. आरटीआई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने कहा कि इसके लिए कहीं ना कहीं वहां के एसपी जिम्मेवार हैं. इसके अलावा पूर्व सांसद विशाल सिंह पर 37 लाख तीन हजार नौ सै 58 रुपये बकाया है. हुलास पांडेय के भाई संतोष कुमार पांडेय पर 320544 रुपये बकाया है.बक्सर के जमीन कारोबारी प्रदीप कुमार राय, सूरत में व्यवसाय करने वाले बक्सर निवासी मिथिलेश पाठक, रोहतास के मंजीत मिश्र को भी भुगतान के आधार पर गार्ड दिया गया है. इन पर भी राशि बकाया है. इसके अलावा भी कई अन्य विशिष्ट व्यक्ति भी हैं जिन्होंने बॉडीगार्ड के एवज में पैसे का भुगतान नहीं किया है. जिन पर वर्षों से बकाया चल रहा है.


बकाया मामले में अरवल जिला अव्वलः आरटीआई के द्वारा मांगी गई जानकारी के आधार पर पता चला है कि सरकार से बॉडीगार्ड लेने वाले विशिष्ट व्यक्तियों पर सूबे में सबसे ज्यादा बकाया अरवल जिले में है. वर्ष 2019-20 में इस जिले में बॉडीगार्ड लेने वाले कई ऐसे लोग हैं जिन पर एक करोड़ 24लाख 94 हजार रुपए बकाया है. दूसरे नंबर पर अररिया है. यहां बॉडीगार्ड लेने की एवज में वर्ष 2017-18 में 101 लाख 38000 का भुगतान नहीं हुआ है. अररिया में ही वर्ष 2015-16 में 87 लाख 16 हजार, जहानाबाद में वर्ष 2013-14 में 77 लाख और गोपालगंज में वर्ष 2016-17 का 70 लाख 56 हजार रुपए बकाया है.

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पुलिस मुख्यालय को नहीं है जानकारीः पुलिस विभाग का इतना रकम बकाया है और पुलिस मुख्यालय को इसकी जानकारी भी नहीं है. बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. अगर इस तरह की कोई बात सामने आती है तो जांच करवाई जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी. बक्सर के पुलिस अधीक्षक नीरज सिंह की मानें तो बकाया राशि का भुगतान नहीं करने वालों पर सर्टिफिकेट केस किया जाएगा. राशि की वसूली हर हाल में की जाएगी.

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