पटनाः बिहार के पटना में सीएम नीतीश कुमार की जनता दरबार का प्रसारण बंद कर दिया गया है. इसके बाद से बिहार में सियासत शुरू हो गई है. लाइव प्रसारण बंद होने पर भाजपा ने सीएम नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है. भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा (BJP spokesperson Prabhakar Mishra) ने आरोप लगाते हुए कहा कि लाइव प्रसारण होने से सीएम की फजीहत हो रही थी, इसलिए अधिकारियों ने ऐसा किया है.
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"सीएम की जनता दरबार को लाइव प्रसारण से मुक्त करने के दो कारण हैं, पहला जो फरियादी आते हैं, उनका निष्पादन कभी नहीं होता है. वही फरियादी दोबारा आते हैं. दूसरा कि 4 सितंबर को सीएम गृह विभाग के मामले की सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान सीएम लाइव प्रसारण में कहते हैं कि संबंधित मंत्री को फोन लगाओ. जबकि गृह विभाग के मंत्री सीएम खुद हैं. सीएम की मेमोरी लॉस हो गई है, इसलिए फजीहत से बचने के लिए लाइव प्रसारण को रोक दिया गया." -प्रभाकर मिश्रा, प्रवक्ता, BJP
सीमित फरियादियों की एंट्रीः बता दें कि सीएम नीतीश कुमार की जनता दरबार बीच में दो बार स्थगित किया गया, लेकिन फिर इसे शुरू किया गया. कोरोना के दौरान जनता दरबार कार्यक्रम का लाइव प्रसारण होता था, लेकिन अब लाइव प्रसारण पर रोक लग गई है. वहीं जनता दरबार में सीमित फरियादियों की एंट्री हो रही है.
भाजपा सीएम पर सवाल उठाएः फरियादियों को जनता दरबार में शामिल होने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होता है. सेलेक्शन होने के बाद फरियादियों को जनता दरबार में बुलाया जाता है, लेकिन लोगों को इसका फायदा नहीं मिल रहा है. अब लाइव प्रसारण पर रोक लगने से भाजपा सीएम पर सवाल उठा रही है.