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कैमूर वन्य जीवन अभयारण्य को टाइगर रिजर्व की मंजूरी, बिहार में 31 बाघ मौजूद.. पिछले 3 साल में 6 की मौत

कैमूर वन्य जीवन अभयारण्य को केंद्र ने शर्तों के साथ सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. मंजूरी की शर्त है कि राज्य सरकार कोर और बफर का परिसीमन और प्रस्तावित स्थल के आसपास के गांव के बारे में विस्तृत प्रस्ताव पेश करेगी.

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Published : Feb 10, 2022, 8:23 PM IST

पटना: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने संसद में जानकारी दी है कि बिहार के कैमूर वन्य जीवन अभयारण्य (Kaimur Wildlife Sanctuary) को टाइगर रिजर्व घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) द्वारा दी गई है. मंत्री ने बताया कि सैद्धांतिक मंजूरी इस शर्त के साथ दी गई है कि राज्य सरकार कोर और बफर का परिसीमन और प्रस्तावित स्थल के आसपास के गांव के बारे में विस्तृत प्रस्ताव पेश करेगी.

ये भी पढ़ें: संसद में बोले राजीव प्रताप रूडी- कैमूर अभयारण्य को बनाया जाए सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व पार्क

वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रदेश में बाघों की स्थिति को लेकर सदन में प्रश्न पूछे. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब में बताया कि बिहार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 2018 के आंकलन के अनुसार बाघों की संख्या 31 है. वहीं पिछले 3 सालों में कुल 6 बाघों की मृत्यु भी हुई है. साल 2019-20 में 1-1 और 2021 में 4 बाघ की मौत हो गई.

ये भी पढ़ें: कैमूर में बनेगा बिहार का दूसरा टाइगर रिजर्व, पर्यटन से लोगों को मिलेगा लाभ

बिहार के कैमूर में राज्य का दूसरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र (Tiger Reserve in Kaimur) बनेगा. कैमूर टाइगर रिजर्व होने से पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरे शाहाबाद क्षेत्र को फायदा होगा. अक्सर स्थानीय लोग यहां पर बाघ देखने के बारे में बताते हैं. 70 के दशक में यहां बड़ी संख्या में बाघ होते थे.

ये भी पढ़ें: आधे घंटे तक मगरमच्छ से चली लड़ाई, जीत गए बिहार के ये दो नन्हें बहादुर भाई

केंद्र सरकार देश में बाघ संरक्षण के अगले दशक के लिए भविष्य और बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है. देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर काम हो रहा है. यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं. इसे ध्यान में रखकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं.

ये भी पढ़ें: अच्छी पहल: सांपों के रेस्क्यू के लिए वन विभाग ने जारी किया टोल फ्री नंबर

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पटना: केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने संसद में जानकारी दी है कि बिहार के कैमूर वन्य जीवन अभयारण्य (Kaimur Wildlife Sanctuary) को टाइगर रिजर्व घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी राष्ट्रीय टाइगर संरक्षण प्राधिकरण (National Tiger Conservation Authority) द्वारा दी गई है. मंत्री ने बताया कि सैद्धांतिक मंजूरी इस शर्त के साथ दी गई है कि राज्य सरकार कोर और बफर का परिसीमन और प्रस्तावित स्थल के आसपास के गांव के बारे में विस्तृत प्रस्ताव पेश करेगी.

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वहीं बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने प्रदेश में बाघों की स्थिति को लेकर सदन में प्रश्न पूछे. केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जवाब में बताया कि बिहार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में 2018 के आंकलन के अनुसार बाघों की संख्या 31 है. वहीं पिछले 3 सालों में कुल 6 बाघों की मृत्यु भी हुई है. साल 2019-20 में 1-1 और 2021 में 4 बाघ की मौत हो गई.

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बिहार के कैमूर में राज्य का दूसरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र (Tiger Reserve in Kaimur) बनेगा. कैमूर टाइगर रिजर्व होने से पर्यटन के दृष्टिकोण से पूरे शाहाबाद क्षेत्र को फायदा होगा. अक्सर स्थानीय लोग यहां पर बाघ देखने के बारे में बताते हैं. 70 के दशक में यहां बड़ी संख्या में बाघ होते थे.

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केंद्र सरकार देश में बाघ संरक्षण के अगले दशक के लिए भविष्य और बहुआयामी रणनीति पर काम कर रही है. देश में 51 टाइगर रिजर्व हैं और अधिक क्षेत्रों को टाइगर रिजर्व नेटवर्क के तहत लाने के प्रयास किए जा रहे हैं. पूरे शाहाबाद क्षेत्र में वन अभ्यारण को लेकर काम हो रहा है. यहां पर विभिन्न तरह के प्रवासी पक्षी भी आते हैं. इसे ध्यान में रखकर कार्य योजनाएं तैयार हो रही हैं.

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