पटना: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Panchayat Election) की तिथि की घोषणा होने के साथ ही ग्रामीण इलाकों में इसको लेकर सरगर्मी तेज हो गई है. संभावित उम्मीदवार जहां मतदाताओं (Voter) के नब्ज टटोलने में लगे हैं वहीं कुछ भावी प्रत्याशी चुनाव के नियम कानून समझने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं.
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पंचायत चुनाव की तिथियों की घोषणा के बाद से ही प्रशासन चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं. राज्य निर्वाचन आयोग भी चुनाव को लेकर सभी तरह की तैयारी पर पैनी निगाह रखे हुए हैं. मुजफ्फरपुर जिले के एक अधिकारी कहते हैं कि निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइंस का पालन सभी अभ्यर्थियों को करना होगा. नियमों का उल्लंघन करने वाले अभ्यर्थियों के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई होगी.
सूत्रों की माने तो आयोग पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने को लेकर दृढ़संकल्पित है. प्रत्याशियों के खर्चे पर भी आयोग की पैनी निगाह होगी. सूत्रों का कहना है कि प्रत्याशी प्रचार के लिए पोस्टर, बैनर तो लगा पाएंगें लेकिन इसके लिए कई मानक पूरा करना होगा.
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इधर, भावी प्रत्याशी भी नियम कानून को लेकर संशय की स्थिति में हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्याशियों को लेकर चर्चा का बाजार भी गर्म है. इधर, मतदाता भी इस चुनाव में प्रत्याशियों से प्रश्न पूछने के मूड में हैं.
बता दें कि बिहार में ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के चुनाव की तिथि घोषित कर दी गई है. चुनाव 11 चरणों में होंगे, जिसकी अधिसूचना 24 अगस्त को जारी होगी. इसके साथ ही संबंधित क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी.
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पंचायत चुनाव को लेकर 24 सितंबर को पहले चरण का मतदान होगा, जबकि 12 दिसंबर को 11 वें तथा अंतिम चरण के मतदान कराए जाएंगे. छह पदों के लिए ग्राम पंचायत और ग्राम कचहरी के चुनाव होने हैं. इनमें मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच के पद शामिल हैं.