पटना: राजधानी पटना के 3 छात्रों ने दो ऐसी डिवाइस बनाई है, जो ये बताएगा कि पटना शहर का सार्वजनिक शौचालय कितना साफ है. मूलतः ये छात्र बक्सर जिले के रहने वाले हैं. दरअसल, ये डिवाइस सभी सार्वजनिक शौचालय के बाहर लगाए जाएंगे. तब शौचालयों को इस्तेमाल करने वाले आम लोग शौचालय की रखरखाव और सफाई के बारे में अपनी राय दे सकेंगे.
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'खुले में शौच' से रोकेगा डिवाइस
वहीं, दूसरा डिवाइस लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर यूरीन करने से रोकेगा. जैसे ही सार्वजनिक जगह पर कोई भी व्यक्ति खुले में शौच करेगा, तो ये डिवाइस बजना चालू हो जाएगा. 'स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत' ये नारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को दिया था. दूसरी डिवाइस सार्वजनिक स्थलों के पास जैसे बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन की दीवारों के पास यूरीन करने से रोकेगा. ऐसे स्थानों पर इस डिवाइस को लगाया जाएगा.
ये सेंसर अलार्म कुछ इस तरह से करेगा काम
- पब्लिक प्लेस पर लगाई जाएगी ये डिवाइस
- जैसे ही कोई यूरीन करने जाएगा डिवाइस बीप साउंड देगी
- पांच मीटर के दायरे में सेंसर मोशन डिटेक्ट करेगा
- डिवाइस की आवाज सुनकर शख्स पीछे हटने को मजबूर होगा
- इस डिवाइस से लोगों की बुरी आदत में सुधार आएगा
हालाकि नगर निगम की ओर से फीडबैक डिवाइस को ही एप्रूवल मिला है. दूसरी डिवाइस को अभी अप्रूवल नहीं मिला है. डिवाइस के जरिए नगर निगम अब प्रधानमंत्री के स्वच्छता संदेश को मूर्त रूप देने में लगा हुआ है.
पटना नगर निगम ने किया पास
दरअसल, इस मशीन को पटना नगर निगम से प्रमाणित किया जा चुका है. इस डिवाइस को बनाने वाले विवेक ने बताया कि पटना नगर निगम के आयुक्त हिमांशु शर्मा और शिला ईरानी इन दोनों अधिकारियों ने इस डिवाइस को देखा और बारीकियों से समझने के बाद इसे ना सिर्फ पास कर दिया गया, बल्कि शहर में बने सार्वजनिक शौचालयों में इस डिवाइस को लगाने की अनुमति भी दे दी है.
''पटना के 6अंचलों में ये डिवाइस लगाई गई है. इनमें पाटलिपुत्र अंचल में 5, सचिवालय में 5, बांकीपुर में 5, कंकड़बाग में 2, पटना सिटी में 5 और अजीमाबाद में 5 डिवाइस भेजी गई है. जहां इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. पटना नगर निगम को सार्वजनिक शौचालय के बाहर लगाने वाले 28 डिवाइस मुहैया करवाए हैं. वहीं, सार्वजनिक स्थल पर किसी व्यक्ति को खुले में शौच करने से रोके जाने वाली 10डिवाइस मुहैया करवाई है'- विवेक, छात्र
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महज 2200 का खर्च
इस डिवाइस को बनाने वाले प्रियांशु राज बताते हैं कि इस डिवाइस को बनाने में महज 2200 रुपए की लागत आती है. 11वीं के छात्र प्रियांशु राज के मुताबिक शौचालय का उपयोग करने के बाद वोटिंग के द्वारा 2 सेकंड के अंदर मशीन की स्क्रीन पर लगी चार सूचनाओं के माध्यम से फीडबैक दिया जा सकता है. सार्वजनिक शौचालय साफ है या नहीं इस पर कोई भी व्यक्ति अपना फीडबैक दे सकता है.
फीडबैक के लिए डिवाइस में ऑप्शन
- Best / श्रेष्ठ
- Good/ अच्छा
- Average/ औसत
- Bad/ खराब
- Worst/ सबसे खराब
अगर किसी पब्लिक टॉयलेट में फीडबैक खराब श्रेणी यानी 4 नंबर के बटन का आता है, तो ऐसे एरिया में बने टॉयलेट की सफाई का दबाव अधिकारियों पर बढ़ जाएगा. एक डिवाइस लगभग 10000 लोगों के फीडबैक को स्टोर करके रख सकता है. इसके बाद फिर से ये फीडबैक काउंट करेगा. निगम को भी मिलने वाले आंकड़ों से टॉयलेट को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी. और शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण के अंक में सुधार के लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पडे़गी.
''ये एक कस्टमाइज्ड फीडबैक डिवाइस है. इसमें 3 गुना 1 इंच का डिस्प्ले लगा हुआ है. इसके नीचे 5 रंगों के पास पुश बटन हैं. इसमें हरा रंग बेहतर, नीला रंग अच्छा, सफेद औसत, पीला बेकार और लाल बहुत बेकार प्रतिक्रिया का सूचक है. शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद उसकी साफ सफाई के अनुसार इसमें किसी की बटन को दबाने पर बीप की आवाज आएगी. मिनटों में आम इंसान की प्रतिक्रिया इस मशीन में कैद हो जाएगी''- प्रियांशु राज, छात्र
कस्टमाइज्ड फीडबैक डिवाइस
अक्सर देखने को मिलता है कि गंदा शौचालय होने की वजह से ज्यादातर लोग शौचालय इस्तेमाल करने से परहेज करते हैं. प्रियांशु के अनुसार स्वच्छता का फीडबैक देने वाली ये मशीन 10 हजार डाटा स्टोर करने की क्षमता रखती है. अगर कोई अधिकारी स्वच्छता से जुड़ी जानकारी लेना चाहता है, तो इस मशीन से ले सकता है. 10 हजार डाटा एकत्र होने के बाद मशीन खुद फॉर्मेट हो जाती है और फिर जीरो से शुरुआत करने लगती है.
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साफ-सफाई में मिलेगी मदद
हालांकि, इन छात्रों द्वारा बनाई गई दूसरी डिवाइस से सार्वजनिक स्थलों पर खुले में शौच करने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगाया सकता है. इस डिवाइस पर पटना नगर निगम द्वारा विचार विमर्श किया जा रहा है. पटना के जिन तीन छात्रों ने इस डिवाइस को इजाद किया है, उनका कहना है कि इस मशीन को बनाने का ख्यास उन्हें कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान आया. जिसके बाद इसकी चर्चा उन्होंने अपने साथियों से की. फिर विवेक, प्रियांशु और उनके एक और साथी ने डिवाइस का निर्माण किया.
इस डिवाइस के फायदे
इन डिवाइस के जरिए प्रधानमंत्री के दिए गए नारे 'स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत' के नारे को मूल रूप देने का काम किया जा रहा है. इस डिवाइस के जरिए सार्वजनिक शौचालय का फीडबैक मिल सकेगा. शौचालयों को साफ रखने में मदद मिलेगी. फीडबैक के आधार पर साफ-सफाई का दबाव रहेगा. इससे शहर की स्वच्छता रैंकिंग में भी सुधार लाया जा सकेगा.