पटना: राजधानी पटना के दीघा थाना की पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. यहां तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार (Cyber Fraud In Patna) किया गया है, जो विभिन्न एप्लीकेशन के जरिए अमेरिकन कस्टमर्स के कंप्यूटर पर वायरस भेजकर साइबर ठगी का शिकार बनाते थे. गिरफ्तार साइबर ठग के पास से करीब 10.30 लाखों रुपए और सात बैंकों के अकाउंट के कागजात मिले हैं. इसके अलावा एक लैपटॉप, एक सीपीयू, दो पेन ड्राइव ,3 कार्ड रीडर और 3 मोबाइल भी जब्त किए गए.
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मोबाइल एप्लीकेशन से ठगी : इस पूरे मामले पर सिटी एसपी अम्बरीष राहुल (City SP Ambrish Rahul) ने बताया कि सुबह गश्ती के दौरान दीघा थाना क्षेत्र के कुर्जी स्थित एशियन हॉस्पिटल के पास एक चाय दुकान के पास खड़े तीन संदिग्ध युवकों पर पुलिस की निगाह पड़ी. पुलिस ने युवकों से पूछताछ शुरू की और उनके मोबाइल को सर्च किया तो उनके मोबाइल पर कई तरह के एप्लीकेशन डाउनलोड मिले, जिनके जरिए वे साइबर फ्रॉड को अंजाम देते थे.
वायरस भेजकर करते थे ठगी: पुलिस को शक होने के बाद इन तीनों युवकों को हिरासत में लिया गया. जब इन्हें थाना लाकर पूछताछ शुरू की गई तो युवकों ने पुलिस को यह जानकारी दी कि गिरोह का सरगना मनेर में रहकर इस ग्रुप को संचालित करता है. इस गिरोह के सदस्य रिंग सेंटर ,स्काईप ,टेक्स्ट नाउ जैसे एप्लीकेशन के जरिए और विभिन्न तरीकों से अमेरिकन कस्टमर के कंप्यूटर पर मालवेयर भेजकर डाउनलोड करवाते है. इसके बाद कम्प्यूटर में समस्या आने लगती है.
गिरोह का सरगना देता था कमीशन: गिरोह के सदस्य इंटरनेट कॉलिंग करके कम्प्यूटर ठीक करने के नाम पर पीड़ित को प्लान बेचते थे. जब विदेशी कस्टमर इनके झांसे में आ जाता था तो रकम को विभिन्न बैंकों के माध्यम से ट्रांसफर करा लिया जाता था. गिरोह का सरगना सदस्य को काम पूरा होने के बदले कमीशन देता था. पैसे का भुगतान अमेरिकन डॉलर में किया जाता था, जो विभिन्न लेयर्स के बाद भारत के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया जाता था.
"तीन संदिग्ध युवक पर पुलिस की नजर पड़ी. पूछताछ के बाद युवकों का मोबाइल चेक किया गया. जिसमें विभिन्न तरह के एप्लीकेशन और विदेशी नाम पर ईमेल आईडी मिले. ये लोग वायरस भेजकर अमेरिकन लोगों के कम्प्यूटर को खराब कर देते थे. इसके बाद इंटरनेट कॉलिंग करके साइबर ठगी का शिकार बनाते थे. इस मामले में अभी तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है" - अम्बरीष राहुल, सिटी एसपी