पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मंत्रिमंडल (Modi Cabinet) का विस्तार होना है. इसमें 20 नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. मोदी कैबिनेट में अभी 53 मंत्री शामिल हैं. वहीं जदयू को पहली बार मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. लोजपा में बगावत करने वाले पशुपति पारस की दावेदारी भी मजबूत मानी जा रही है.
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JDU से तीन सांसदों के नाम आगे
बता दें कि 7 जुलाई को नरेंद्र मोदी के कैबिनेट का विस्तार होना है. नए सहयोगियों को जगह मिलने की संभावना जताई जा रही है. बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सहयोगी पार्टी जदयू ने भी मंत्रिमंडल में शामिल होने के संकेत दिए हैं. जदयू की ओर से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, आरसीपी सिंह पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर और जहानाबाद के सांसद चंदेश्वर चंद्रवंशी को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.
पशुपति पारस भी हो सकते हैं शामिल
लोजपा से अलग हुए पशुपति पारस (Pashupati Paras) को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की संभावना है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पशुपति पारस को मंत्रिमंडल में जगह दिलाने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं. पशुपति पारस को मंत्री बनाकर उत्तर प्रदेश में भाजपा यह संदेश देने की कोशिश करेगी हम दलितों के हिमायती हैं.
सुशील मोदी और संजय जायसवाल पर मंथन
इसके अलावा भाजपा कोटे से संजय जयसवाल या सुशील मोदी को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है. सुशील मोदी की वित्तीय अनुभव और राजनीतिक अनुभव के आधार पर तवज्जों दी जा सकती है और सुशील मोदी (Sushil Modi) का पलड़ा फिलहाल भारी दिखाई पड़ रहा है.
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ललन सिंह नीतीश कुमार के करीबी नेता
आरसीपी सिंह को लेकर संशय बरकरार है. राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में शुमार किए जाते हैं. ललन सिंह पार्टी के सीनियर लीडर भी हैं. ललन सिंह के राजनीतिक अनुभव को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पसंद ललन सिंह हो सकते हैं. ललन सिंह नीतीश कुमार के संघर्ष के दिनों के साथी हैं और लंबे समय से दोनों नेताओं के बीच बढ़िया तालमेल है. ललन सिंह अच्छे वक्ता भी माने जाते हैं. इसके साथ ही संसद में पार्टी से जुड़े मुद्दों को मजबूती से रखते हैं. जदयू से नाराज भूमिहार जाति के लोगों को संदेश देने की कोशिश भी नीतीश कुमार की होगी.
रामनाथ ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की आश
समाजवादी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर राज्यसभा सांसद हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते हैं कि रामनाथ ठाकुर को मंत्रिमंडल में जगह मिले. अति पिछड़ा वोट बैंक को साधने के लिए नीतीश कुमार रामनाथ ठाकुर पर दाव लगा सकते हैं. बता दें कि अति पिछड़ा वोट बैंक नीतीश कुमार की ताकत है.
चंदेश्वर चंद्रवंशी वोटरों का प्रभाव
चंदेश्वर चंद्रवंशी जहानाबाद से सांसद हैं. तमाम विरोधियों के बाद नीतीश कुमार ने जहानाबाद से चंद्रेश्वर चंद्रवंशी को टिकट दिया था और वह चुनाव जीतने में कामयाब हुए थे. हालांकि इसका नुकसान भी नीतीश कुमार को हुआ और विधानसभा में भूमिहार वोटरों की नाराजगी के चलते हार गए. चंद्रवंशी वोट बैंक पर सेंधमारी के लिए नीतीश कुमार चंदेश्वर चंद्रवंशी पर दांव लगा सकते हैं. अति पिछड़ा वोट बैंक में चंद्रवंशी वोटरों का प्रभाव ज्यादा है.
भाजपा कोटे से मिल सकती है जगह
भाजपा कोटे से एक नेता को मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है. पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी मजबूत दावेदार माने जाते हैं. सुशील मोदी के पास वित्तीय अनुभव है और इनके प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए नरेंद्र मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. सुशील मोदी की पकड़ बिहार की राजनीति पर मजबूत मानी जाती है. नीतीश कुमार का भी समर्थन इनके साथ है. प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी जोर आजमाइश कर रहे हैं. संजय जायसवाल भी चाहते हैं कि उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिले. संजय जयसवाल के लिए भूपेंद्र यादव, नित्यानंद राय और अमित शाह आवाज बुलंद कर सकते हैं.