पटना: कोरोना जैसे महामारी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिनों का लॉकडाउन कर रखा है इसके बावजूद कई राज्यों से पेट की आग से विवश मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. कोई पैदल हजारों किलोमीटर चलकर अपने घर पहुंच रहा है तो कोई गाडी से, इसी क्रम में पटना जिला के बिहटा के विभिन्न क्षेत्रो में कार्यरत मजदूरों का एक जत्था को बंगाल के लिए बीती रात रवाना किया गया.
स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मजदूरों मिली राहत
गौरतलब है कि सैकड़ों मजदूर लॉकडाउन के कारण बिहटा में फंसे हुए थे. जिनको काम बंद होने के कारण भूख और घर जाने की चिंता सता रही थी. मजदूरों का कहना था की हमलोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधि से अपने घर भेजवाने की गुहार लगाई थी. जिसके कारण स्थानीय प्रशासन के सहयोग से जनप्रतिनिधियों ने बिहटा के आईआईटी सहित कई क्षेत्रो में कार्य कर रहे बंगाल के मजदूरों को बस के जरिये बंगाल भेजने की व्यवस्था किया गया. वहीं, बिहटा के आआईटी के अलावा डोमिनिया पूल ,सिकंदरपुर सहित कई जगहों से लगभग 14 बसों को अलग अलग क्षेत्रो में मजदूरों को पहुंचाने के लिए खोला गया है. एक तरफ सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमम को लेकर लॉक डाउन लागू की है वहीं, दूसरी तरफ लॉक डाउन का उल्लंघन होते दिखा रहा है. रात को इतना भीड़ बिहटा लगने से इलाके में एक डर बना रहा स्थानीय लोग भी इस भीड़ से डरे और सहमे दिख रहे है.
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मजदूरों का क्या कहना है
वहीं, मजदूर अब्दुल शेख और सैफुल ने बताया कि स्थानीय प्रशासन से बात हुई तो उन्होंने बताया कि फ्री सेवा और जनप्रतिनिधियों एवं ठेकेदार द्वारा भेजा जाएगा, लेकिन बस मालिकों ने बताया कि प्रति मजदूर दो हजार लग रहा है. इस परेशानी से निपटने के लिए उधार पैसा लेकर जाने के लिए मजबूर है, क्योंकि लॉक डाउन के बाद से काम पूरी तरह से बंद हो गया.