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महान साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडेय को स्मृति दिवस पर किया याद

मसौढ़ी के महान साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडेय को स्मृति दिवस पर याद किया गया, सिद्धेश्वर नाथ पांडे ने कभी आर्यभट्ट की नगरी तारेगना को अंतरराष्ट्रीय फलक पर पहुंचाया था. पढ़ें पूरी खबर...

महान साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडेय को स्मृति दिवस पर किया याद
महान साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडेय को स्मृति दिवस पर किया याद
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Published : Oct 23, 2022, 8:12 PM IST

पटनाः बिहार के मसौढ़ी के महान साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडेय(Author Siddheshwar Nath Pandey) की दूसरी स्मृति दिवस पर मसौढ़ी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मसौढ़ी और फुलवारी के विधायक भी पहुंचे थे. पटना जिला के कोने-कोने से लोग पहुंचकर इस कार्यक्रम में शिरकत की. हर किसी ने उनके विचारों को उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में लोगों ने उनके बताए गए रास्तों को पर चलने का संकल्प लिया.

यह भी पढ़ेंः पटना विश्वविद्यालय का 106वां स्थापना दिवस, 65 छात्र-छात्राओं को मिला गोल्ड मेडल

किताबों के माध्यम से आर्यभट्ट(Aryabhata) की ख्याति को उजागर कियाः बता दें कि महान खगोलविद आर्यभट्ट जिन्होंने पूरी दुनिया को गणितीय और सौर मंडल के बारे में जानकारी दी थी, उनकी कर्मभूमि मसौढ़ी के तारेगना गांव में रही थी. जिसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति को जन-जन तक पहुंचाने और किताबों के माध्यम से लोगों को बताने वाले मसौढ़ी के साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडे थे. कोरोना काल में उनका निधन हो गया था. उनके दूसरी स्मृति दिवस पर पूरे जिले भर के लोग कोने-कोने से पहुंच रहे हैं. बताया जाता है कि सिद्धेश्वर नाथ पांडे वामपंथी विचारधारा से भी जुड़े थे.

फुलवारी विधायक बोले, उनके संदेश आज भी जिंदाः फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने कहा न केवल मसौढ़ी बल्की पुरे देश को तारेगना के बारे बताने वाले साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडे भले ही दुनिया से चले गए लेकिन उनके विचार आज भी जिंदा है. उनकी किताबों में उनके लिखी हुई बातें लोग पढ़ कर उन्हें आत्मसात करते हैं. उनके संदेश आज भी जिंदा हैं.

पटनाः बिहार के मसौढ़ी के महान साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडेय(Author Siddheshwar Nath Pandey) की दूसरी स्मृति दिवस पर मसौढ़ी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मसौढ़ी और फुलवारी के विधायक भी पहुंचे थे. पटना जिला के कोने-कोने से लोग पहुंचकर इस कार्यक्रम में शिरकत की. हर किसी ने उनके विचारों को उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया. कार्यक्रम में लोगों ने उनके बताए गए रास्तों को पर चलने का संकल्प लिया.

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किताबों के माध्यम से आर्यभट्ट(Aryabhata) की ख्याति को उजागर कियाः बता दें कि महान खगोलविद आर्यभट्ट जिन्होंने पूरी दुनिया को गणितीय और सौर मंडल के बारे में जानकारी दी थी, उनकी कर्मभूमि मसौढ़ी के तारेगना गांव में रही थी. जिसे अंतरराष्ट्रीय ख्याति को जन-जन तक पहुंचाने और किताबों के माध्यम से लोगों को बताने वाले मसौढ़ी के साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडे थे. कोरोना काल में उनका निधन हो गया था. उनके दूसरी स्मृति दिवस पर पूरे जिले भर के लोग कोने-कोने से पहुंच रहे हैं. बताया जाता है कि सिद्धेश्वर नाथ पांडे वामपंथी विचारधारा से भी जुड़े थे.

फुलवारी विधायक बोले, उनके संदेश आज भी जिंदाः फुलवारी विधायक गोपाल रविदास ने कहा न केवल मसौढ़ी बल्की पुरे देश को तारेगना के बारे बताने वाले साहित्यकार सिद्धेश्वर नाथ पांडे भले ही दुनिया से चले गए लेकिन उनके विचार आज भी जिंदा है. उनकी किताबों में उनके लिखी हुई बातें लोग पढ़ कर उन्हें आत्मसात करते हैं. उनके संदेश आज भी जिंदा हैं.

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