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पटना: TET शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर भीख मांगकर जताया विरोध

पटना में टीईटी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हाथों में कटोरा लेकर भीख मांग कर विरोध जताया और कहा कि राज्य सरकार उन्हें नियोजित शिक्षकों की श्रेणी से हटाकर अलग संवर्ग बनाते हुए सहायक शिक्षक या राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करे.

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सड़कों पर मांगा भीख
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Published : Mar 3, 2020, 3:34 PM IST

पटना: राजधानी के डाक बंगला चौराहा और इनकम टैक्स चौराहे पर शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले सैकड़ों टीईटी शिक्षकों ने भीख मांगा. टीईटी शिक्षक हाथों में कटोरा लेकर सड़कों पर भीख मांग रहे थे. भीख मांग रहे शिक्षकों ने बताया कि भीख मांगने के बाद भिक्षाटन किए गए पैसे को वह शिक्षा मंत्री या शिक्षा सचिव को सौंप देंगे.

शिक्षकों की मांग
शिक्षकों की मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से किए गए न्याय निर्णय के पैराग्राफ 78 के निर्देशानुसार बिहार के सवा लाख टीईटी पास शिक्षकों को एक्सपर्ट टीचर माने. साथ ही झारखंड यूपी और अन्य राज्यों के तर्ज पर नियोजित शिक्षकों के श्रेणी से हटाकर अलग संवर्ग बनाते हुए सहायक शिक्षक या राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करे. वहीं, शिक्षक संघर्ष समिति कमेटी के सदस्य ने कहा कि बिहार सरकार अगर उनकी मांगों को पूरी नहीं करती है तो वो सब आंदोलन जारी रखेंगे.

देखें पूरी रिपोर्ट

'राज्य सरकार नहीं ले रही कोई सुध'
भिक्षाटन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि पिछले 17 फरवरी से ही वो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इसके बावजूद बिहार सरकार कोई सुध तक नहीं ले रही है. बिहार सरकार के आदेश पर 17 तारीख से मैट्रिक परीक्षा के समय में भी जोखिम मोल लेकर टीईटी शिक्षकों ने इसका सफल संचालन करवाया. इसके बावजूद मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग उनकी मांगों को सुन नहीं रहा है.

पटना: राजधानी के डाक बंगला चौराहा और इनकम टैक्स चौराहे पर शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले सैकड़ों टीईटी शिक्षकों ने भीख मांगा. टीईटी शिक्षक हाथों में कटोरा लेकर सड़कों पर भीख मांग रहे थे. भीख मांग रहे शिक्षकों ने बताया कि भीख मांगने के बाद भिक्षाटन किए गए पैसे को वह शिक्षा मंत्री या शिक्षा सचिव को सौंप देंगे.

शिक्षकों की मांग
शिक्षकों की मांग है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से किए गए न्याय निर्णय के पैराग्राफ 78 के निर्देशानुसार बिहार के सवा लाख टीईटी पास शिक्षकों को एक्सपर्ट टीचर माने. साथ ही झारखंड यूपी और अन्य राज्यों के तर्ज पर नियोजित शिक्षकों के श्रेणी से हटाकर अलग संवर्ग बनाते हुए सहायक शिक्षक या राज्यकर्मी का दर्जा प्रदान करे. वहीं, शिक्षक संघर्ष समिति कमेटी के सदस्य ने कहा कि बिहार सरकार अगर उनकी मांगों को पूरी नहीं करती है तो वो सब आंदोलन जारी रखेंगे.

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'राज्य सरकार नहीं ले रही कोई सुध'
भिक्षाटन कर रहे शिक्षकों ने बताया कि पिछले 17 फरवरी से ही वो अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. इसके बावजूद बिहार सरकार कोई सुध तक नहीं ले रही है. बिहार सरकार के आदेश पर 17 तारीख से मैट्रिक परीक्षा के समय में भी जोखिम मोल लेकर टीईटी शिक्षकों ने इसका सफल संचालन करवाया. इसके बावजूद मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग उनकी मांगों को सुन नहीं रहा है.

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