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BPSC में मारी बाजीः 10 वीं रैंक हासिल करने वाली तरणिजा ने बताए सफलता के राज

बिहार में बीपीएससी क्वालीफाई करना बिहार में लगभग हर छात्र-छात्राओं का ख्वाब होता है. लाखों छात्र बीपीएससी की तैयारी में दिन-रात एक कर देते हैं. कई छात्र-छात्राओं को कई प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है.

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Published : Mar 5, 2019, 5:25 PM IST

तरणिजा शर्मा

पटनाः जिले के मीठापुर की रहने वाली तरणिजा शर्मा ने बिहार लोक सेवा आयोग की 60-62वीं परीक्षा में पहले प्रयास में ही 10 वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रौशन किया है. तरणिजा के पिता धर्मेंद्र नारायण शर्मा अधिवक्ता हैं और माता कुमारी कुंदन गृहिणी हैं.

तरणिजा ने बताया कि उन्हें शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का शौक था. ग्रेजुएशन के पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थीं. पटना के ही संत माइकल हाई स्कूल से तरणिजा ने 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की. साइंस स्ट्रीम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद पटना विमेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन किया. बीपीएससी में भी तरणिजा का विषय इकोनॉमिक्स ही रहा है.

सफलता का श्रेय मां को दिया

इसके साथ ही तरणिजा ने बताया कि पढ़ाई में परिवार वालों से उन्हें भरपूर सहयोग मिला. अपनी सफलता को अपनी मां को समर्पित करते हुए तरणिजा ने कहा कि उनकी मां ने कभी पढ़ाई के अलावा दूसरे काम के लिए उन पर दबाव नहीं बनाया है. अपनी सफलता के लिए तरणिजा ने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा फोकस किया और एग्जाम के समय टेस्ट सीरीज को ज्वाइन किया था.

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मीडिया से बातचीत करती तरणिजा शर्मा

स्वयं के प्रति ईमानदारी से मिलेगी सफलता

तरणिजा ने लड़कियों को संदेश देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने में पढ़ाई बहुत सहयोग करती है. पढ़ाई के माध्यम से लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकती हैं और जिस भी क्षेत्र में जाना चाहती हैं, आप अगर पूरे निष्ठा से मेहनत करेंगे तो आप कामयाब जरूर होंगे.

पटनाः जिले के मीठापुर की रहने वाली तरणिजा शर्मा ने बिहार लोक सेवा आयोग की 60-62वीं परीक्षा में पहले प्रयास में ही 10 वीं रैंक हासिल कर क्षेत्र का नाम रौशन किया है. तरणिजा के पिता धर्मेंद्र नारायण शर्मा अधिवक्ता हैं और माता कुमारी कुंदन गृहिणी हैं.

तरणिजा ने बताया कि उन्हें शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का शौक था. ग्रेजुएशन के पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारियां शुरू कर दी थीं. पटना के ही संत माइकल हाई स्कूल से तरणिजा ने 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की. साइंस स्ट्रीम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद पटना विमेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन किया. बीपीएससी में भी तरणिजा का विषय इकोनॉमिक्स ही रहा है.

सफलता का श्रेय मां को दिया

इसके साथ ही तरणिजा ने बताया कि पढ़ाई में परिवार वालों से उन्हें भरपूर सहयोग मिला. अपनी सफलता को अपनी मां को समर्पित करते हुए तरणिजा ने कहा कि उनकी मां ने कभी पढ़ाई के अलावा दूसरे काम के लिए उन पर दबाव नहीं बनाया है. अपनी सफलता के लिए तरणिजा ने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा फोकस किया और एग्जाम के समय टेस्ट सीरीज को ज्वाइन किया था.

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मीडिया से बातचीत करती तरणिजा शर्मा

स्वयं के प्रति ईमानदारी से मिलेगी सफलता

तरणिजा ने लड़कियों को संदेश देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने में पढ़ाई बहुत सहयोग करती है. पढ़ाई के माध्यम से लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकती हैं और जिस भी क्षेत्र में जाना चाहती हैं, आप अगर पूरे निष्ठा से मेहनत करेंगे तो आप कामयाब जरूर होंगे.

Intro:पटना की तरणिजा शर्मा ने बीपीएससी की 60 वी 62 वी संयुक्त परीक्षा में लाया 10 वा स्थान
प्रथम प्रयास में ही तरणिजा ने हासिल की सफलता
ग्रेजुएशन से ही शुरू कर दी थी बीपीएससी की तैयारी
सेल्फ स्टडी को बताया बहुत जरूरी
परिवार वालों से तरणिजा को मिला भरपूर सहयोग


Body:बिहार में बीपीएससी क्वालीफाई करना बिहार में लगभग हर छात्र छात्राओं का ख्वाब होता है. लाखों छात्र बीपीएससी की तैयारी में दिन रात एक किए रहते हैं. कई छात्र- छात्राओं को कई प्रयासों के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती लेकिन पटना के मीठापुर की रहने वाली तरणिजा शर्मा ने 60 वीं - 62 वीं बीपीएससी की संयुक्त परीक्षा में अपने प्रथम प्रयास में ही 10 वा रैंक हासिल किया है. तरणिजा के पिता धर्मेंद्र नारायण शर्मा अधिवक्ता हैं और माता कुमारी कुंदन गृहिणी हैं.
तरणिजा ने बताया कि उन्हें शुरू से ही प्रशासनिक सेवा में जाने का शौक था. ग्रेजुएशन के पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने सिविल सर्विसेज के एग्जाम की तैयारियां शुरू कर दी थीं. पटना के ही संत माइकल हाई स्कूल से तरणिजा ने 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की. साइंस स्ट्रीम से 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद पटना विमेंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स से ग्रेजुएशन किया. बीपीएससी में भी तरणिजा का विषय इकोनॉमिक्स ही रहा.
तरणिजा ने बताया कि पढ़ाई में परिवार वालों से उन्हें भरपूर सहयोग मिला. अपनी सफलता को अपनी मां को समर्पित करते हुए तरणिजा ने कहा कि उनकी मां ने कभी पढ़ाई के अलावा दूसरे काम के लिए दबाव उन पर नहीं बनाया.
अपनी सफलता के लिए तरणिजा ने बताया कि उन्होंने सेल्फ स्टडी पर ही ज्यादा फोकस किया और एग्जाम के समय टेस्ट सीरीज को ज्वाइन किया.
एक लड़की के तौर पर उन्हें बीपीएससी क्वालीफाई करने में कितनी मुश्किलें आई या रास्ता आसान रहा इस पर उन्होंने कहा कि लड़की और लड़का में कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मौजूदा समय में इंटरनेट पड़ी बहुत सारे वीडियो और स्टडी मैटेरियल उपलब्ध है जिसे तैयारी करने में बहुत मदद मिलती है.
तरणिजा ने लड़कियों को संदेश देते हुए कहा कि आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनने में पढ़ाई बहुत सहयोग करता है. पढ़ाई के माध्यम से लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकती हैं और जिस भी क्षेत्र में जाना चाहते हैं, आप अगर पूरे निष्ठा से मेहनत करेंगे तो आप कामयाब जरुर होंगे.



Conclusion:पढ़ाई के माध्यम से ही लड़कियां बन सकती हैं स्वावलंबी
पूरे लगन के साथ करे पढ़ाई, पढ़ाई में बरतें ईमानदारी
सेल्फ स्टडी बहुत जरूरी, इंटरनेट पर भी बहुत सारे स्टडी मैटेरियल मौजूद
माता को दिया सफलता का श्रेय, कहा- मां ने कभी पढ़ाई के अलावा दूसरे कामों के लिए दबाव नहीं बनाया
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