पटना: बीजेपी (BJP) का जेडीयू (JDU) के साथ बिहार में गठबंधन है, लेकिन आज की तारीख में जदयू केंद्र सरकार (Central Government) में भी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में साझेदार है. जदयू नेता बीजेपी के साथ गठबंधन को बड़े फलक पर ले जाना चाहते हैं, पार्टी ने राष्ट्रीय परिषद की बैठक में यूपी विधानसभा चुनाव (UP Assembly election) को लेकर प्रस्ताव भी पारित किए हैं और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) को अधिकृत किया गया है.
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'हम उत्तर प्रदेश में बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते हैं. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने अपनी बात रख चुके हैं. हमें अगर सम्मानजनक सीटें मिली तो हम गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे, नहीं तो विकल्प खुले हैं.'-केसी त्यागी, राष्ट्रीय प्रवक्ता, जदयू
जदयू 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा पिछले कुछ महीनों से करती आ रही है, लेकिन अगर बीजेपी के साथ गठबंधन हुआ और पार्टी को सम्मानजनक सीटें मिली तो वैसी स्थिति में जदयू कम सीटों पर ही चुनाव लड़ सकती है.
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भी जदयू नेताओं ने उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान लंबे चौड़े दावे किए थे. आरसीपी सिंह लंबे समय तक वहां कैंप भी किए थे, लेकिन अंत समय में नीतीश कुमार ने चुनाव ना लड़ने का फैसला किया.
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उत्तर प्रदेश की राजनीति में जदयू के लिए जगह बना पाना आसान नहीं दिखता है. दरअसल, अनुप्रिया पटेल उसी जाति से आती हैं, जिस जाति से नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह आते हैं. इसके अलावा यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव भी कुर्मी जाति से ही आते हैं.
पिछले विधानसभा चुनाव में अनुप्रिया पटेल की पार्टी को 11 सीटें मिली थी, जिसमें 9 सीटों पर उनकी पार्टी को जीत हासिल हुई थी. अगर जदयू को गठबंधन में वहां शामिल किया जाता है, तो वैसी स्थिति में इस बात की संभावना कम है कि जदयू को अनुप्रिया पटेल की पार्टी से अधिक सीटें मिले. इधर, बीजेपी का मानना है कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन को 325 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, ऐसे में नए दलों के साथ गठबंधन की गुंजाइश कम है. पार्टी को लगता है कि पुराने फॉर्मूले पर वो सरकार में वापस आ सकती है.
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'गठबंधन को लेकर फैसला केंद्रीय नेतृत्व को करना है. केंद्रीय नेतृत्व राज्य के साथ बातचीत के आधार पर गठबंधन को लेकर फैसला लेगी.'- संजय टाइगर, बीजेपी प्रवक्ता
राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार का मानना है कि ''जदयू, बीजेपी पर अधिक सीटों के लिए दबाव बना रही है. जदयू 'लव कुश समीकरण' का हवाला देकर अधिक सीटों के लिए दबाव बनाएगी. जदयू वहां जातीय कार्ड खेलना चाहती है.''