पटना: राष्ट्रीय जनता दल ने असम के तिनसुकिया जिले में अपना एकमात्र उम्मीदवार हीरा देवी को बनाया है. पहले चरण में वहां चुनाव हो चुका है और इस दौरान चुनावी सभाओं में जबरदस्त भीड़ उमड़ी. जो कहीं न कहीं तेजस्वी यादव की लोकप्रियता की कहानी बयां करती है. राजद और कांग्रेस नेता भी मानते हैं कि हिंदी भाषी क्षेत्रों में बिहार के नेताओं की अच्छी पकड़ है और इसका बड़ा फायदा वहां राजद, कांग्रेस और वाम दलों के गठबंधन को मिलेगा.
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''तेजस्वी की लोकप्रियता सिर्फ बिहार नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर देखी जा रही है. तेजस्वी जहां भी जा रहे हैं, उन्हें अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. असम चुनाव में तेजस्वी यादव की निर्णायक भूमिका होगी और इसका बड़ा फायदा कांग्रेस, राजद और वाम दलों के गठबंधन को मिलेगा''- चितरंजन गगन, राजद नेता
''असम के हिंदी भाषी क्षेत्रों में इस बार बिहार के नेताओं की चुनावी सभा में जिस तरह की भीड़ देखने को मिली है, वह ये बताने के लिए काफी है कि इस बार के चुनाव में महाजोत की जीत तय है,.असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया हो जाएगा और कांग्रेस नीत गठबंधन वहां सरकार बनाएगा''- प्रेमचंद्र मिश्र, कांग्रेस नेता
तेजस्वी की सभा में जनसैलाब
राष्ट्रीय जनता दल सोशल मीडिया अकाउंट पर लगातार असम चुनाव से जुड़ी खबरें और पोस्ट साझा कर रहा है. जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि तेजस्वी की सभा में बड़ी संख्या में ना सिर्फ हिंदी भाषी बल्कि असम के स्थानीय लोग भी शामिल हो रहे हैं.
10% से ज्यादा हिंदी भाषी वोटर
असम के तिनसुकिया जिले को कभी मिनी बिहार कहा जाता था. उल्फा के आतंक के दौर में वहां से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का पलायन हो गया. फिर भी इस इलाके में कम से कम 10 फीसदी से ज्यादा हिंदी भाषी वोटर हैं. जिन पर तेजस्वी की चुनावी सभाओं का बड़ा असर पड़ सकता है.
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राजद नेता चितरंजन गगन ने दावा किया है कि युवा नेताओं में सबसे तेजी से तेजस्वी यादव उभर रहे है. सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि देश के 25 राज्यों में राजद का संगठन मजबूत स्थिति में है और हर राज्य से तेजस्वी यादव की चुनावी सभा की डिमांड हो रही है. असम में जिन क्षेत्रों में तेजस्वी यादव ने चुनाव प्रचार किया है, वहां इसका बड़ा फायदा राजद कांग्रेस गठबंधन को मिलेगा.
आरजेडी केवल एक सीट से लड़ रही चुनाव
बता दें कि असम विधानसभा की कुल 126 सीटों में आरजेडी केवल एक सीट से चुनाव लड़ रही है. ये सीट तिनसुकिया है, जहां से हीरा देवी आरजेडी की उम्मीदवार हैं. वे मूलतः बिहार के भागलपुर की रहने वाली हैं. 1984 में शादी के बाद वे असम के तिनसुकिया शिफ्ट हो गईं. वे तिनसुकिया सीट से कांग्रेस के नेतृत्व वाले 8 दलों के गठबंधन की संयुक्त प्रत्याशी हैं.
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तिनसुकिया सीट पर कांटे की टक्कर
वहां, फिलहाल बीजेपी के संजय किशन विधायक हैं. इस सीट से बिहार की एक और प्रमुख पार्टी जदयू ने भी अपना उम्मीदवार दिया है. आलोक रॉय इस सीट पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी के उम्मीदवार हैं. जदयू असम में अपने दम पर किस्मत आजमा रही है. इस लिहाज से देखें तो एक ही सीट पर सही, आरजेडी के लिए बिहार में मजबूत संभावना है. तिनसुकिया सीट पर 2016 में बीजेपी उम्मीदवार संजय किशन ने कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र प्रसाद सिंह को 35 हजार से अधिक मतों से हराया था.
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