पटनाः बिहार के पथ निर्माण मंत्री सह उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर बिहार के पांच नेशनल हाइवे का काम जल्द पूरा कराने का आग्रह किया है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री को लिखे पत्र में तेजस्वी ने बिहार में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए उनके मंत्रालय की ओर से किये जा रहे कार्यों के लिए आभार भी (Tejashwi Yadav thanked Nitin Gadkari) जताया है.
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लोगों को हो रही परेशानीः नितिन गडकरी को लिखे पत्र में तेजस्वी यादव ने कहा है कि कुछ रोड का निर्माण कार्य काफी धीमी गति से हो रहा है. इससे लोगों को परेशानी हो रही है. उन्होंने नितिन गडकरी से अधिकारियों को उन नेशनल हाइवे का काम जल्द पूरा करने का निर्देश देने को कहा है. तेजस्वी ने जिन सड़कों का काम जल्द पूरा कराने का आग्रह किया गया है, उनमें नेशनल हाइवे- 107, नेशनल हाइवे- 77, नेशनल हाइवे- 19, नेशनल हाइवे- 83 और नेशनल हाइवे- 107 शामिल है.
गडकरी को लिखे पत्र में इन योजनाओं का जिक्र
1. महेशखूंट-सहरसा-मधेपुरा-पूर्णिया पथ - इस पथ का पेभ्ड सोल्डर सहित दो लेन में विकसित करने का कार्य वर्ष 2017 से दो पैकेजों में किया जा रहा है. यह पथ कोशी क्षेत्र में पड़ने वाले तीन जिला मुख्यालयों को बिहार राज्य से होकर गुजरने वाली आसाम रोड (एनएच-31 ) से जोड़ने वाली अत्यंत महत्वपूर्ण पथ है. दोनों पैकेजों का कार्य अत्यंत धीमा है एवं वर्तमान पथ का अनुरक्षण भी ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है.
2. हाजीपुर-मुजफ्फरपुर पथ- 63 किमी लंबे पथ को चार लेन में विकसित करने का कार्य प्रगति में है. परियोजना अंतर्गत 16.87 किमी लंबे मुजफ्फरपुर बायपास का भी निर्माण किया जाना है. जिसमें लगभग 07 किमी पथ एवं 01 आरओबी का निर्माण कार्य शेष होने के कारण मुजफ्फरपुर शहर में जाम की समस्या रहती है. आवागमन में काफी कठिनाई होती है. उल्लेखनीय है कि परियोजना हेतु एन्युटी का भुगतान वर्ष 2016 से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा किया जा रहा है, परन्तु भू-अर्जन की कोई समस्या नहीं होने तथा जिला प्रशासन द्वारा तत्परता से प्रशासनिक सहयोग उपलब्ध कराने के बावजूद निर्माण कार्य एक वर्ष से लगभग बंद है.
3. हाजीपुर-छपरा पथ- इस पथ का निर्माण कार्य वर्ष 2011 में प्रारंभ किया गया था. इस परियोजना में वर्तमान में भू-अर्जन की कोई समस्या नहीं है. लगभग 65 किमी लंबे इस पथ में 50 किमी का निर्माण कार्य कालीकरण स्तर तक पूर्ण कर लिया गया है. 12 वर्ष बाद भी निर्माण कार्य अधूरा रहने एवं पथ का समुचित अनुरक्षण कार्य नहीं किये जाने के कारण आवागमन में काफी कठिनाई हो रही है.
4. पटना-गया-डोभी पथ - इस पथ का चार लेन चौड़ीकरण का कार्य वर्ष 2015 से प्रगतिशील है. राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल गया एवं बोधगया को पटना से जोड़ने वाली यह महत्वपूर्ण पथ है. पथ निर्माण हेतु भू-अर्जन की कोई समस्या नहीं है. तीन खंडों में कार्यान्वित की जा रही इस परियोजना की प्रगति मात्र 60 प्रतिशत है, जबकि परियोजना पूर्ण करने का लक्ष्य जनवरी 2023 ही निर्धारित था.
5. वीरपुर- उदाकिशनगंज - इसका दो लेन निर्माण का कार्य किया जा रहा है. 106 किमी लंबे इस पथ में लगभग 84 किमी पथ का निर्माण कालीकरण स्तर तक किया गया है. परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित दो आरओबी एवं तीन वृहद पुल के निर्माण की प्रगति अत्यंत धीमी है. एक वृहद पुल का पुर्नस्थापन कार्य अभी प्रारंभ भी नहीं हो पाया है. ऐसी परिस्थिति में इस कार्य को निकट भविष्य में पूर्ण होने की संभावना काफी कम है.
पदाधिकारियों के निर्देश देने का आग्रहः तेजस्वी ने लिखा है कि उपर्युक्त परियोजनाओं के साथ सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के द्वारा कार्यान्वित परियोजनाओं की नियमित समीक्षा मुख्य सचिव, बिहार तथा पथ निर्माण विभाग के स्तर पर की जाती है. भू-अर्जन की कार्रवाई को गति प्रदान करने के लिए एक मुख्य भू-अर्जन विशेषज्ञ एवं चार भू-अर्जन विशेषज्ञों का पद सृजित कर कार्य सम्पादित कराया जा रहा है. उन्होंने नीतीन गडकरी से आग्रह किया है कि उपर्युक्त परियोजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को ठोस निर्देश दें.