पटना: बिहार की राजधानी पटना स्थित एयरपोर्ट पर लालू यादव के साथ दिल्ली रवाना होने से पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लैंड फाॅर जाॅब घोटाला मामले में ईडी के अटैचमेंट पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है. इसे ऐसे समझिए कि पहले नौ हजार करोड़ रुपये बोलते थे, फिर छह सौ करोड़ बोला और अब छह करोड़ की प्रोपर्टी अटैच करने की बात कर हैं. हमलोगों की कोई भी संपत्ति दुनिया का कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन जाकर देख सकता है, उसी में से अटैचमेंट हुआ है.
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बेनामी संपत्ति मामले में जीत का दावा : तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी को मालूम हो या न हो लेकिन हमलोग बेनामी संपत्ति अटैच करने के मामले मे जीत कर आए हैं. इनलोगों के सामने उपाय क्या है. इनलोगों का यही काम है. हमलोग तो जान ही रहे थे न अभी जो एक्सटेंशन हुआ है. भाजपा के लोग इस पर क्या कुछ बोल रहे हैं किस तरह से ईडी कार्रवाई कर रही है यह भी देश की जनता देख रही है वहीं विपक्ष की बैठक को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि अगली बैठक मुंबई में होगी.
"क्या पहले कोई अटैचमेंट नहीं हुआ. इससे पहले भी बेनामी में अटैचमैंट हुआ था. इसमें हमलोग जीत कर आए. लोगों को पता नहीं होगा, लेकिन बेनामी में हमलोग जीत कर आए. नौ हजार से छह सौ करोड़ और अब छह करोड़ पर आ गए. आपलोग सिर्फ देखते रहिए" - तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
तेजस्वी की छह करोड़ की संपत्ति हुई है अटैच : लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी यादव की संपत्ति भी ईडी ने अटैच की है. डिप्टी सीएम के दिल्ली स्थित डी ब्लाक की संपत्ति को अटैच किया गया है. इससे पहले 10 मार्च 2023 को ईडी ने लालू परिवार के 15 ठिकानों पर रेड मारी थी और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के घरों की भी तलाशी ली गई थी. तेजस्वी यादव की जो संपत्तियां अटैच की गई है, उसका मूल्य करीबन 6 करोड़ आंका गया है.
पहले भी अटैच हुई है लालू परिवार की संपत्ति : ईडी ने लैंड फॉर जॉब मामले में लालू यादव के परिवार की संपत्ति सोमवार को अटैच की थी. इससे पहले भी लालू प्रसाद की संपत्ति को अटैच किया गया है. इस बार गाजियाबाद की संपत्ति अटैच की गई है. साथ ही इसमें बिहार की संपत्ति भी शामलि है. बिहार में बिहटा, दानापुर, महुआबाग में ईडी ने संपत्ति अटैच की है. इसके अलावा बेटी हेमा की संपत्ति भी यूपी में अटैच की गई है.
हाइकोर्ट के फैसले का किया स्वागत : वहीं लालू यादव ने जातीय गणना पर हाईकोर्ट ने निर्णय ने लिया है वह स्वागत योग्य है. यह बिहार की जनता की जीत है और यह बिहार हित में फैसला लिया गया है. वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि यह फैसला महागठबंधन की सरकार ने नीतीश कुमार और लालू यादव के नेतृत्व में लिया था. यही निर्णय हुआ था कि जब सरकार बनेगी तो जातीय आधारित गणना करवाएंगे, लेकिन भाजपा के कुछ लोग इसके खिलाफ कोर्ट में गए और स्टे लगवाने की कोशिश की.