पटनाः 'चमन को सींचने में पत्तियां कुछ झड़ गयी होंगी, यही इल्जाम है हम पर बेवफाई का, मगर चमन को रौंद डाला जिसने अपने पैरों से, वहीं दावा करे हैं रहनुमाई का...' यह सार पक्ष की ओर से 23 मार्च की घटना का जवाब दे रहे मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पढ़ीं. इस सार से उन्होंने अपनी बात खत्म की. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के प्रस्ताव का जवाब देते हुए अन्य बातें भी कहीं. सार के बाद कई लोगों को यह कटाक्ष लगा. उनके जवाब पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा, 'आपकी बातों से ऐसा लग रहा है कि कोई अधिकारी दोषी नहीं हैं.' बता दें कि बिहार विधानमंडल (Bihar Legislature) का मानसून सत्र (Monsoon Session) के दूसरे दिन की कार्यवाही चल रही है.
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मानसून सत्र प्रश्नकाल से शुरू हुआ. सदन में ही नेता प्रतिपक्ष ने दो प्रस्ताव रखा. पहले प्रस्ताव में उन्होंने 23 मार्च की घटना का जिक्र किया. उन्होंने कहा, सभी को मौका दें. यहां सभी एक दूसरे से बात करें. ताकि सब साफ हो जाए. वहीं दूसरे प्रस्ताव में उन्होंने जातीय जनगणना के बारे में सुझाव दी.
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस पूरे सदन ने सर्वसम्मति से जातीय जनगणना को पारित किया था. फिर भी केंद्र से जातीय जनगणना नहीं होने की बात कह दी गई. मेरा सुझाव है कि मुख्यमंत्री के देखरेख में एक टीम बने जो पीएम मोदी से जातीय जनगणना की बात रखें.
पहले प्रस्ताव का जवाब देते हुए पक्ष के तरफ से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, सदन में 23 मार्च को जो भी हुआ, वह लोकतंत्र को कलंकित करनेवाला दिन था. उन्होंने केरला में हुई घटना पर सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि सदन में जो भी हो रहा है, जो आपरादिक कृत्य हुए हैं. उसके लिए सदन कते लोग ही जिम्मेदारी हैं. और कार्रवाई होगी. इस बात पर विपक्षी नेत थोड़ा उखर गए. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने बातें संभाली. अंत में उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से कहा, जो भी आपको ठीक लगे कार्रवाई करें. सरकार आपके साथ है.
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, जांच आचार समिति कर रही है. प्रथम दृष्टया दो पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी हुई है. बाकि जांच चल रही है. जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कार्रवाई होगी. उसके बाद तेजस्वी यादव ने भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, बिहार में तो ऐसा लग रहा है पुलिस की सरकार है. हाईकोर्ट ने भी आपके लाये गए कानून के बारे में भी कह दिया कि सरकार माइंडलेस है.
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