पटना: कोरोना की दूसरी लहर के बीच देशभर से मामले सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में बिहार में भी कोरोना के मामले सामने आ रहे है. ऐसे में नेत प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कोरोना में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित करने की मांग की है.
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सरकार से माँग है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके।
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कार्यकाल विस्तारित करने की मांग
कोरोना के बढ़ते हुए मामलों की वजह से पंचायत चुनाव फिलहाल स्थगित है. बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है. ऐसे में तेजस्वी ने पचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल को विस्तारित करने की मांग की है. तेजस्वी ने कहा कि लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरूरी हैं, इसलिए पंचायत चुनाव होने तक मुखिया, सरपंच इत्यादि के कार्यकाल को बढ़ा देना चाहिए.
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पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी।लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं।
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">पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी।लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) May 20, 2021पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है। अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा। अब गॉंव स्तर पर भी सरकारी अफ़सर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी।लोकतंत्र के लिए चुने हुए लोग जरुरी हैं।
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'पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का कार्यकाल वैकल्पिक तौर पर विस्तारित किया जाए ताकि पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके. अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा संभालेंगे तो यह भ्रष्टाचार और तानाशाही बढ़ाएगा. गांव स्तर पर भी सरकारी अफसर फाइल देखने लगेंगे तो गरीब की सुनवाई नहीं होगी.'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष