पटना: लॉकडाउन के दौरान बिहार के बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो चुकी है. एक ओर जहां जदयू यह दावा कर रही है कि पिछले कुछ दिनों में लगभग 1 लाख प्रवासी बिहारी मजदूर अपने घर लौटे आए हुए और जो मजदूर अभी भी बिहार से बाहर रह रहें है. उनके लिए सरकार राहत कार्य भी चला रही है. वहीं, दुसरी ओर राजद ने दावा किया कि अब भी देश के लग-अलग हिस्सों में बड़ी संख्या में बिहार के लोग रहने और खाने को तरस रहे हैं. ऐसे लोगों को बिहार सरकार की पूरी मदद नहीं मिल रही है. इस तरह के लोग नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मदद मांग रहे हैं और तेजस्वी यादव की तरफ से लगातार लोगों की मदद की जा रही है.
'दिहाड़ी मजदूरों ने तेजस्वी का जाताया आभार'
जानकारी के अनुसार अरवल जिले के कामगार गुजरात के सूरत शहर में फंस गए थे. लोगों के पास खाने को कुछ नहीं था. ऐसे में लोगों ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से गुहार लगाई. इसके बाद तेजस्वी यादव ने संज्ञान लेकर लोगों के रहने और खाने की समुचित प्रबंध करवाया. ऐसे ही चेरिया बरियारपुर, बेगुसराय के मजदूरों का 30 जत्था दिल्ली के उत्तमनगर में फंसे हुए थे. वहीं, गोपालगंज जिले के बैकुण्ठपुर के फैजलाहपुर गांव के 60 दिहाड़ी मजदूर असहाय होकर गाजियाबाद में खाने के अभाव में भूख से तड़प रहे थे. महाराष्ट्र के भुसावल में मधुबनी जिले के भी कई मजदूर फंसे हुए थे. मामला संज्ञान में आने के बाद ऐसे लोगों को राजद नेता तेजस्वी यादव ने लोगों की सूध ली और लोगों के लिए मुफ्त में भोजन से लेकर आवास तक की व्यवस्था की.
बिहार में बढ़ रहे कोरोना के मरीज
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण पर नियंत्रण के लिए पीएम मोदी ने पूरे देश में लॉक डाउन करने का आदेश जारी किया गया है. जिला प्रशासन राजधानी पटना में पूरी सख्ती से लॉक डाउन का पालन करवा रही है. बतां दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को रात 12 बजे से पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन घोषित किया था. देश में कोरोना से संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. पूरे देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 13 सौ का संख्या को पार कर चुका है. इस वायरस के दंश से लगभग 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, प्रदेश में कोरोना के 23 मामले पॉजिटिव पाए गए. जबकि, इस वायरस के कारण 1 की मौत हो चुकी है.