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पटना से दिल्ली के लिए रवाना हुई तेजस एक्सप्रेस, गुलाब फूल देकर यात्रियों का हुआ GRAND WELCOME

बुधवार शाम को राजेंद्र नगर-नई दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस (Tejas Rajdhani Express) अपने पहले सफर पर निकल गयी. इसमें यात्रा करने वाले लोग और तमाम कर्मचारी काफी उत्साहित दिखे. तेजस की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे तय की गई है. तेजस ट्रेन की खूबियां ही इसे हाईटेक बनाती हैं. अगर आपने मेट्रो या हवाई जहाज में सफर किया है, तो आपको कई चीजें मिलती-जुलती दिखेंगी. इस ट्रेन में कुल 21 कोच हैं.

तेजस एक्सप्रेस
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Published : Sep 1, 2021, 9:53 PM IST

पटना: पूर्व मध्य रेल की सबसे प्रतिष्ठित और प्रीमियम ट्रेनों में शामिल 02309 राजेंद्र नगर टर्मिनल-नई दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस ( (Tejas Rajdhani Express) ) पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल से यात्रियों को लेकर के नई दिल्ली के लिए रवाना हुई. रेलवे के द्वारा यात्रियों को पहली बार तेजस में सफर करने के दौरान गुलाब का फूल देकर उनको सम्मानित किया गया. लोगों को मैसेज दिया गया कि जिस तरह से तेजस में साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है, उसमें यात्रियों का भी अहम रोल है. यात्री भी साफ-सफाई का ख्याल रखें. तेजस राजधानी स्पेशल ट्रेन को फूल माला से पूरी तरह से सजा कर राजेन्द्र नगर टर्मिनल से रवाना किया गया है. इस दौरान गुब्बारे से गेट को सजाया गया था. तेजस के साथ यात्री कर्मचारी सेल्फी लेते भी नजर आए. लोग अपने कैमरे में तेजस के साथ अपनी यादों को समेटने की कोशिश करते दिखे.

ये भी पढ़ें: VIDEO: मौजूद अत्याधुनिक सुविधाएं तेजस को बनाती है हाईटेक, देखें इसकी खूबियां

तेजस को पटना से नई दिल्ली तक पहुंचाने का जिम्मा लोको पायलट अनिल प्रसाद को सौंपा गया है. अनिल प्रसाद बिहार के ही रहने वाले हैं. उनका कहना है कि तेजस को पहली बार चलाने का मौका मिला है. वे काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी वह कई ट्रेनों को इसी रफ्तार से चला चुके हैं. तेजस से लोग 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकेंगे.

देखें रिपोर्ट

वहीं, तेजस के गार्ड बीपी सिन्हा ने बताया कि हम काफी सौभाग्यशाली हैं, जो तेजस को ले जाने का आज पहली बार हमें मौका मिला है. राजधानी एक्सप्रेस को हम ले जाते रहे हैं, लेकिन तेजस का मौका आज पहली बार मिला है, इसलिए काफी खुश हैं. वे भी पटना के ही रहने वाले हैं.

तेजस में गार्ड के पास ही दरवाजा खोलने और बंद करने का कंट्रोल है. ट्रेन खुलने से पहले सभी दरवाजे को गार्ड के द्वारा बंद कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इस तरह का सिस्टम का प्रयोग काफी अच्छा काम किया है. अमूमन यह देखा जाता था कि ट्रेन चलने के साथ ही कई यात्री ट्रेन में चढ़ने के कारण गिर जाते हैं. ऐसे में इस तरह का प्रयोग करने से काफी हद तक जो दुर्घटनाएं हैं, वह कम होंगी.

वही, तेजस ट्रेन की बोगियों की साफ-सफाई के लिए जिनको जिम्मा दिया गया है, उन लोगों में काफी खुशी देखने को मिली. उन लोगों का कहना है कि राजधानी ट्रेन से ज्यादा साफ-सफाई की व्यवस्था इस तेजस ट्रेन में रखा जाएगी. जो जिम्मेवारी रेलवे प्रशासन के द्वारा दी गई है, उसको बखूबी निभाएंगे.

वहीं पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ ने बताया कि इस राजधानी ट्रेन को तेजस रैक में तब्दील करके चलाया जा रहा है, जो 130 की स्पीड से पटरियों पर दौड़ेगी. उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ सालों के बाद जब पूरी तरह से पुल-पुलिया को मरम्मत कर लिया जाएगा तो तेजस की स्पीड 160 कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेंन लाइन से तेजस दौड़ेगी. उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में यात्रियों को हर एक सुविधा का ख्याल करते हुए पूरी मुकम्मल व्यवस्था की गई है. इस ट्रेन में साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाएगा. कोरोना काल में यात्रियों को मास्क पहनकर ही तेजस की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी.

तेजस में पहली बार सफर करने वाले यात्रियों ने खुशी सी जाहिर करते हुए कहा कि काफी अच्छा लग रहा है. 130 के स्पीड से तेजस अगर चलेगी तो समय की काफी बचत होगी. यात्रियो कहा कि बिहार के लिए आज का दिन काफी अच्छा है. ट्रेन में कई नई किस्म की सुविधाएं दी गई हैं.

आपको बता दें कि तेजस में ऑटोमेटिक प्लग इंडोर प्रणाली के तहत सभी प्रवेश द्वार केंद्रीकृत रूप से नियंत्रित होगा. सभी प्रवेश द्वार के बंद होने तक ट्रेन नहीं चलेगी. यात्री सुरक्षा संरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा प्रत्येक कोच में लगाया गया है. यात्रा संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं जैसे अगला स्टेशन से दूरी आगमन प्रस्थान अपेक्षित समय विलंब और सुरक्षा संबंधी संदेश के प्रदर्शन के लिए प्रत्येक कोच के अंदर दो एलसीडी डिस्पले लगाए गए हैं. तेजस की जो बनावट है, वह काफी आकर्षक है. सीट बर्थ की बनावट काफी आरामदायक है. सभी कोचों में पर्दे की जगह रोलर ब्लाइंड लगाए गए हैं. जो साफ-सफाई को आसान बनाता है. प्रत्येक कंपार्टमेंट में डस्टबिन उपलब्ध है, जिसमें कोचों को स्वच्छ बनाए रखने में यात्री भी मदद करेंगे.

ये भी पढ़ें: हाईटेक हैं पटना-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के कोच, प्लेन की तरह है टॉयलेट सिस्टम... जानें क्या-क्या है खास

तेजस में कुल 21 कोच हैं. जिनमें प्रथम श्रेणी के 2, एसी द्वितीय श्रेणी के 5, तृतीय श्रेणी के 11 कोच शामिल हैं. वहीं एक पेंट्री कार और पावर कार के 2 कोच हैं. वातानुकूलित द्वितीय और तृतीय श्रेणी के कोचों में भी साइड लोअर बर्थ की बनावट में भी बदलाव किया गया है, उसे सिंगल पीस बेड का रूप दिया गया है. साथ ही ऊपर की बर्थ पर जाने के लिए सुविधाजनक व्यवस्था की गई है. यात्रियों के लिए मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट हर सीट के पास में दिया गया है. हर सीट के पास एक इमरजेंसी लाइट लगाई गई है. अगर किसी कारण से बोगी में लाइट चली जाती है तो यात्री उस लाइट का उपयोग कर सकते हैं.

ट्रेन के शौचालय में भी बेहतर साफ-सफाई बनाए रखने के हिसाब से बायो वैक्यूम टॉयलेट लगाए गए हैं. महिला यात्रियों का ख्याल करते हुए अगर सफर के दौरान छोटा बच्चा है और शौचालय का उपयोग करना है तो उस शौचालय के अंदर एक छोटी सी चेयर लगाई गई है, शिशु देखभाल के लिहाज से इन्फेंट केयर सीट लगाई गई है.

पटना: पूर्व मध्य रेल की सबसे प्रतिष्ठित और प्रीमियम ट्रेनों में शामिल 02309 राजेंद्र नगर टर्मिनल-नई दिल्ली तेजस राजधानी एक्सप्रेस ( (Tejas Rajdhani Express) ) पटना के राजेंद्र नगर टर्मिनल से यात्रियों को लेकर के नई दिल्ली के लिए रवाना हुई. रेलवे के द्वारा यात्रियों को पहली बार तेजस में सफर करने के दौरान गुलाब का फूल देकर उनको सम्मानित किया गया. लोगों को मैसेज दिया गया कि जिस तरह से तेजस में साफ-सफाई की व्यवस्था की गई है, उसमें यात्रियों का भी अहम रोल है. यात्री भी साफ-सफाई का ख्याल रखें. तेजस राजधानी स्पेशल ट्रेन को फूल माला से पूरी तरह से सजा कर राजेन्द्र नगर टर्मिनल से रवाना किया गया है. इस दौरान गुब्बारे से गेट को सजाया गया था. तेजस के साथ यात्री कर्मचारी सेल्फी लेते भी नजर आए. लोग अपने कैमरे में तेजस के साथ अपनी यादों को समेटने की कोशिश करते दिखे.

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तेजस को पटना से नई दिल्ली तक पहुंचाने का जिम्मा लोको पायलट अनिल प्रसाद को सौंपा गया है. अनिल प्रसाद बिहार के ही रहने वाले हैं. उनका कहना है कि तेजस को पहली बार चलाने का मौका मिला है. वे काफी खुश हैं. उन्होंने बताया कि इसके पहले भी वह कई ट्रेनों को इसी रफ्तार से चला चुके हैं. तेजस से लोग 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर कर सकेंगे.

देखें रिपोर्ट

वहीं, तेजस के गार्ड बीपी सिन्हा ने बताया कि हम काफी सौभाग्यशाली हैं, जो तेजस को ले जाने का आज पहली बार हमें मौका मिला है. राजधानी एक्सप्रेस को हम ले जाते रहे हैं, लेकिन तेजस का मौका आज पहली बार मिला है, इसलिए काफी खुश हैं. वे भी पटना के ही रहने वाले हैं.

तेजस में गार्ड के पास ही दरवाजा खोलने और बंद करने का कंट्रोल है. ट्रेन खुलने से पहले सभी दरवाजे को गार्ड के द्वारा बंद कर दिया जाता है. उन्होंने बताया कि इस तरह का सिस्टम का प्रयोग काफी अच्छा काम किया है. अमूमन यह देखा जाता था कि ट्रेन चलने के साथ ही कई यात्री ट्रेन में चढ़ने के कारण गिर जाते हैं. ऐसे में इस तरह का प्रयोग करने से काफी हद तक जो दुर्घटनाएं हैं, वह कम होंगी.

वही, तेजस ट्रेन की बोगियों की साफ-सफाई के लिए जिनको जिम्मा दिया गया है, उन लोगों में काफी खुशी देखने को मिली. उन लोगों का कहना है कि राजधानी ट्रेन से ज्यादा साफ-सफाई की व्यवस्था इस तेजस ट्रेन में रखा जाएगी. जो जिम्मेवारी रेलवे प्रशासन के द्वारा दी गई है, उसको बखूबी निभाएंगे.

वहीं पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ ने बताया कि इस राजधानी ट्रेन को तेजस रैक में तब्दील करके चलाया जा रहा है, जो 130 की स्पीड से पटरियों पर दौड़ेगी. उन्होंने बताया कि आने वाले कुछ सालों के बाद जब पूरी तरह से पुल-पुलिया को मरम्मत कर लिया जाएगा तो तेजस की स्पीड 160 कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेंन लाइन से तेजस दौड़ेगी. उन्होंने बताया कि इस ट्रेन में यात्रियों को हर एक सुविधा का ख्याल करते हुए पूरी मुकम्मल व्यवस्था की गई है. इस ट्रेन में साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखा जाएगा. कोरोना काल में यात्रियों को मास्क पहनकर ही तेजस की यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी.

तेजस में पहली बार सफर करने वाले यात्रियों ने खुशी सी जाहिर करते हुए कहा कि काफी अच्छा लग रहा है. 130 के स्पीड से तेजस अगर चलेगी तो समय की काफी बचत होगी. यात्रियो कहा कि बिहार के लिए आज का दिन काफी अच्छा है. ट्रेन में कई नई किस्म की सुविधाएं दी गई हैं.

आपको बता दें कि तेजस में ऑटोमेटिक प्लग इंडोर प्रणाली के तहत सभी प्रवेश द्वार केंद्रीकृत रूप से नियंत्रित होगा. सभी प्रवेश द्वार के बंद होने तक ट्रेन नहीं चलेगी. यात्री सुरक्षा संरक्षा के दृष्टिकोण से सीसीटीवी कैमरा प्रत्येक कोच में लगाया गया है. यात्रा संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं जैसे अगला स्टेशन से दूरी आगमन प्रस्थान अपेक्षित समय विलंब और सुरक्षा संबंधी संदेश के प्रदर्शन के लिए प्रत्येक कोच के अंदर दो एलसीडी डिस्पले लगाए गए हैं. तेजस की जो बनावट है, वह काफी आकर्षक है. सीट बर्थ की बनावट काफी आरामदायक है. सभी कोचों में पर्दे की जगह रोलर ब्लाइंड लगाए गए हैं. जो साफ-सफाई को आसान बनाता है. प्रत्येक कंपार्टमेंट में डस्टबिन उपलब्ध है, जिसमें कोचों को स्वच्छ बनाए रखने में यात्री भी मदद करेंगे.

ये भी पढ़ें: हाईटेक हैं पटना-दिल्ली तेजस एक्सप्रेस के कोच, प्लेन की तरह है टॉयलेट सिस्टम... जानें क्या-क्या है खास

तेजस में कुल 21 कोच हैं. जिनमें प्रथम श्रेणी के 2, एसी द्वितीय श्रेणी के 5, तृतीय श्रेणी के 11 कोच शामिल हैं. वहीं एक पेंट्री कार और पावर कार के 2 कोच हैं. वातानुकूलित द्वितीय और तृतीय श्रेणी के कोचों में भी साइड लोअर बर्थ की बनावट में भी बदलाव किया गया है, उसे सिंगल पीस बेड का रूप दिया गया है. साथ ही ऊपर की बर्थ पर जाने के लिए सुविधाजनक व्यवस्था की गई है. यात्रियों के लिए मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट हर सीट के पास में दिया गया है. हर सीट के पास एक इमरजेंसी लाइट लगाई गई है. अगर किसी कारण से बोगी में लाइट चली जाती है तो यात्री उस लाइट का उपयोग कर सकते हैं.

ट्रेन के शौचालय में भी बेहतर साफ-सफाई बनाए रखने के हिसाब से बायो वैक्यूम टॉयलेट लगाए गए हैं. महिला यात्रियों का ख्याल करते हुए अगर सफर के दौरान छोटा बच्चा है और शौचालय का उपयोग करना है तो उस शौचालय के अंदर एक छोटी सी चेयर लगाई गई है, शिशु देखभाल के लिहाज से इन्फेंट केयर सीट लगाई गई है.

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