पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जेल से बाहर आने के बाद रविवार को पहली वर्चुअल बैठक की. पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में लालू ने अपने संक्षिप्त भाषण में नेताओं से संकटकाल में जनता के दुख-सुख में सहयोगी की भूमिका में रहने को कहा. बैठक में लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव भी शामिल हुए. इसके अलावा वर्चुअल मीटिंग में आरजेडी के विधायक, विधान पार्षदों के साथ पिछले विधानसभा चुनाव के प्रत्याशी समेत नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह भी मौजूद रहे.
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राजनीति में फिर से सक्रिय
राजद अध्यक्ष ने तबीयत का हवाला देते हुए पार्टी के नेताओं को जनता के लिए संकट की घड़ी में काम करने को कहा. लालू प्रसाद यादव ने जेल से बाहर आने के बाद दोपहर दो बजे वर्चुअल मीटिंग कर राजनीति में फिर सक्रियता दिखाई . हालांकि वे इसके पहले ट्विटर से एक्टिव भी थे. मीटिंग शुरू होने के दौरान सिवान के पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को श्रद्धांजलि देते हुए सभी लोग 2 मिनट का मौन रहे.
लाखों लोगों की मृत्यु
बैठक में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा कि कोरोना काल में लाखों-लाख लोगों की मृत्यु हुई है. चारों तरफ इसी को लेकर तबाही मची हुई है. ऐसे समय में आपका फर्ज बनता है कि अपने क्षेत्र में जाकर अपनी जनता की सेवा करें. सेवा के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी करें. मैं तो बीमार हूं. नहीं जा रहे हैं कहीं भी. डॉक्टर छुट्टी नहीं दे रहे हैं.
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लोगों की करें मदद
इतना कहकर लालू ने सबको नमस्कार कहकर अपना संबोधन खत्म किया. बैठक शुरू होने से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद ने बताया कि लालू प्रसाद यादव की ये कोई सियासी बैठक नहीं है, बल्कि कोरोना महामारी के वक्त पार्टी के नेता कैसे लोगों की मदद करें, वे ये दिशा निर्देश देंगे. जगदानंद सिंह ने बताया कि लालू प्रसाद से बेहतर तरीके से बिहार के गरीबों के दर्द को समझने वाला कोई दूसरा नेता नहीं है. वहीं, मीटिंग में मौजूद तेजप्रताप यादव ने भी कहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की बातों पर अमल करते हुए हमसब कोरोना प्रभावितों की मदद करेंगे.