पटना: आरजेडी नेता तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने छात्र मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव (Akash Yadav) को हटाने के फैसले का विरोध किया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि जो हुआ वो पार्टी के संविधान के खिलाफ हुआ है.
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तेजप्रताप यादव ने आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (RJD State President Jagdanand Singh) के उस फैसले को संविधान के खिलाफ बताया है, जिसमें उन्होंने आकाश यादव को हटाकर गगन कुमार को छात्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है.
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प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने मैं अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते ..आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ ..
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— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) August 18, 2021
अपने ट्विटर हैंडल पर तेजप्रताप ने लिखा, 'प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने मैं अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है और राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते ..आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ...'
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आपको बताएं कि आकाश यादव को तेजप्रताप यादव का बेहद करीबी माना जाता है. तेजप्रताप की सहमति से ही आकाश को ये पद दिया गया था, लेकिन अब उन्हें इस पद से बेदखल कर दिया गया है.
आकाश को हटाकर गगन की नियुक्ति दरअसल जगदानंद सिंह की ओर से तेजप्रताप को दिया गया जवाब भी कहा जा रहा है. माना ये भी जा रहा है कि चूकि सीधे तौर पर तेजप्रताप पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है, लिहाजा परोक्ष रूप से कार्रवाई की गई है. वैसे भी जगदानंद सिंह को बेहद अनुशासन प्रिय और सख्त माना जाता है.
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ये कार्रवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रही है, क्योंकि जगदानंद सिंह आज ही राबड़ी आवास पहुंचे थे. जहां नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) से काफी देर तक बातचीत के बाद पार्टी दफ्तर पहुंचे. नाराजगी दूर होने के बाद जिस तरह सबसे पहले आकाश पर गाज गिरी, समझा जा सकता है कि इसमें तेजस्वी और लालू यादव (Lalu Yadav) की भी सहमति होगी.
दरअसल पिछले दिनों पटना में आयोजित छात्र आरजेडी की बैठक के दौरान तेजप्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए कहा था, 'जगदानंद सिंह हिटलर शाही चला रहे हैं और पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. वह कुर्सी को अपनी बपौती समझ रहे हैं, जबकि कुर्सी किसी की नहीं होती है, कब किसके कुर्सी चला जाए कोई ठिकाना नहीं होता है. माना जा रहा है कि तेजप्रताप के इस बयान के बाद से जगदानंद सिंह काफी नाराज थे.