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वैशाली DEO द्वारा ड्रेस कोड के फरमान पर विरोध में उतरा शिक्षक संघ

वैशाली जिला शिक्षा पदाधिकारी (Vaishali DEO Virendra Narayan Singh) के द्वारा ड्रेस कोड के तुगलकी फरमान के विरोध में शिक्षक संघों ने आवज बुलंद की है. वहीं, डीईओ ने इस मामले पर अपना बयान देते हुए कहा कि शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य नहीं किया गया है. पढ़ें पूरी खबर..

ड्रेस कोड के विरोध में शिक्षक संघ
ड्रेस कोड के विरोध में शिक्षक संघ
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Published : Jul 15, 2022, 5:20 PM IST

वैशाली (हाजीपुर): बिहार के वैशाली में जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जारी एक पत्र ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. डीईओ द्वारा जारी पत्र में शिक्षकों को जीन्स-पैंट और कुर्ता-पैजामा पहनने से मना किया गया है. इस पत्र के अनुसार जिले के तमाम शिक्षक फॉर्मल ड्रेस पहनेंगे. उक्त पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण सिंह के द्वारा जारी किया गया है. शिक्षक संघ इसके विरोध (Teachers union in protest against dress code) में आ गये हैं.

ये भी पढ़ें-'स्कूलों में शिक्षक जींस और टी-शर्ट पहनकर ना आएं', वैशाली में शिक्षा विभाग का आदेश

ड्रेस कोड को लेकर शिक्षक संघ का बयान: हजीपुर सदर प्रखंड के अस्तीपुर मध्य विद्यालय और प्राथमिक जिला संघ के जिला अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने डीईओ के पत्र का करा विरोध किया है. उन्होंने कहा है राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर ज्यादातर लोग पैजामा-कुर्ता और धोती-कुर्ता पहनते हैं. ऐसे में इसे शिक्षकों के लिए वंचित करना सही नहीं है. शिक्षक ने कहा कि वे लोग गांधीवादी तरीके से इसका विरोध करते हैं और साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जारी पत्र को निरस्त करने की मांग करते हैं.

"राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी को ज्यादातर लोग पैजामा-कुर्ता और धोती-कुर्ता पहनते हैं. ऐसे में इसे शिक्षकों के लिए वंचित करना सही नहीं है. हमलोग गांधीवादी तरीके से इसका विरोध करते हैं और साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जारी पत्र को निरस्त करने की मांग करते है" - विजय कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष प्राथमिक जिला संघ

शिक्षकों के लिए अनिवार्य नहीं ड्रेस कोड: जिला शिक्षा पदाधिकारी के बयान पर शिक्षकों के आपत्ति जताने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण ने भी अपना बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षकों का ड्रेस कोड से संबंधित लेटर एक एडवाइजरी के तौर पर जारी किया गया है. जिससे स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के चरित्र निर्माण में मदद मिल सके. डीईओ वीरेंद्र नारायण ने स्पष्ट तौर पर कहा कि विभाग द्वारा जारी किया गया पत्र में कोई जोर जबरदस्ती नहीं है. जिन शिक्षकों को लगता है उनको फॉर्मल ड्रेस पहनना चाहिए वह पहन सकते हैं. उनका उद्देश्य छात्रों के लिए अच्छा भविष्य देना और बेहतर शिक्षा देना हैं. शिक्षक का छात्रों पर प्रभाव पड़ता है.

"शिक्षकों के लिए जारी किया गया पत्र बस एडवाइजरी है. इसलिए शिक्षकों के साथ कोई भी जबरदस्ती की बात नहीं की गई है. उनको सलाह दिया गया है वह जींस पैंट और पैजामा कुर्ता के जगह फॉर्मल कपड़े पहने. जिससे छात्रों को फायदा हो. छात्रों के उज्जवल भविष्य और बेहतर शिक्षा के लिए पत्र जारी किया गया है. इसमें किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती नहीं है."- वीरेंद्र नारायण सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, वैशाली

ये भी पढ़ें-कुर्ता-पायजामा पहने थे हेडमास्टर, लखीसराय DM ने लगाई फटकार.. स्कूली व्यवस्था देख शिक्षकों को भी हड़काया

वैशाली (हाजीपुर): बिहार के वैशाली में जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जारी एक पत्र ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी है. डीईओ द्वारा जारी पत्र में शिक्षकों को जीन्स-पैंट और कुर्ता-पैजामा पहनने से मना किया गया है. इस पत्र के अनुसार जिले के तमाम शिक्षक फॉर्मल ड्रेस पहनेंगे. उक्त पत्र जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण सिंह के द्वारा जारी किया गया है. शिक्षक संघ इसके विरोध (Teachers union in protest against dress code) में आ गये हैं.

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ड्रेस कोड को लेकर शिक्षक संघ का बयान: हजीपुर सदर प्रखंड के अस्तीपुर मध्य विद्यालय और प्राथमिक जिला संघ के जिला अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने डीईओ के पत्र का करा विरोध किया है. उन्होंने कहा है राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी के मौके पर ज्यादातर लोग पैजामा-कुर्ता और धोती-कुर्ता पहनते हैं. ऐसे में इसे शिक्षकों के लिए वंचित करना सही नहीं है. शिक्षक ने कहा कि वे लोग गांधीवादी तरीके से इसका विरोध करते हैं और साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जारी पत्र को निरस्त करने की मांग करते हैं.

"राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त और 26 जनवरी को ज्यादातर लोग पैजामा-कुर्ता और धोती-कुर्ता पहनते हैं. ऐसे में इसे शिक्षकों के लिए वंचित करना सही नहीं है. हमलोग गांधीवादी तरीके से इसका विरोध करते हैं और साथ ही जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा जारी पत्र को निरस्त करने की मांग करते है" - विजय कुमार सिंह, जिलाध्यक्ष प्राथमिक जिला संघ

शिक्षकों के लिए अनिवार्य नहीं ड्रेस कोड: जिला शिक्षा पदाधिकारी के बयान पर शिक्षकों के आपत्ति जताने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी वीरेंद्र नारायण ने भी अपना बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षकों का ड्रेस कोड से संबंधित लेटर एक एडवाइजरी के तौर पर जारी किया गया है. जिससे स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों के चरित्र निर्माण में मदद मिल सके. डीईओ वीरेंद्र नारायण ने स्पष्ट तौर पर कहा कि विभाग द्वारा जारी किया गया पत्र में कोई जोर जबरदस्ती नहीं है. जिन शिक्षकों को लगता है उनको फॉर्मल ड्रेस पहनना चाहिए वह पहन सकते हैं. उनका उद्देश्य छात्रों के लिए अच्छा भविष्य देना और बेहतर शिक्षा देना हैं. शिक्षक का छात्रों पर प्रभाव पड़ता है.

"शिक्षकों के लिए जारी किया गया पत्र बस एडवाइजरी है. इसलिए शिक्षकों के साथ कोई भी जबरदस्ती की बात नहीं की गई है. उनको सलाह दिया गया है वह जींस पैंट और पैजामा कुर्ता के जगह फॉर्मल कपड़े पहने. जिससे छात्रों को फायदा हो. छात्रों के उज्जवल भविष्य और बेहतर शिक्षा के लिए पत्र जारी किया गया है. इसमें किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती नहीं है."- वीरेंद्र नारायण सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी, वैशाली

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