पटना: बिहार में लाखों नियोजित शिक्षकों की नाराजगी एक बार फिर बढ़ रही है. शिक्षक संघ सरकार से वार्ता के निमंत्रण का इंतजार कर रहा है. संघ के नेताओं का कहना है कि अब सारे दफ्तर खुल चुके हैं, लोग हर जगह आ जा सकते हैं. फिर सरकार वार्ता के लिए देर क्यों कर रही है. हालांकि, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने समय आने पर शिक्षकों से बात करने की बात कही है.
बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने इससे पहले शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर वार्ता करने की मांग की थी. एक बार फिर बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार ने शिक्षा विभाग को इस पत्र की याद दिलाई है. जिसमें हड़ताल समाप्ति के समय लिखित आश्वासन दिया गया था कि स्थिति सामान्य होने पर सरकार शिक्षक संगठनों से वार्ता कर उनकी मांगों पर विचार करेगी.
अपने वादे पर अमल करे सरकार
अभिषेक कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस में हुए लॉकडाउन के बाद अब राज्य में स्थिति सामान्य हो गई है. राज्य के सभी कार्यालय और व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी खुल गए हैं. ऐसे में शिक्षा विभाग को अपने लिखित आश्वासन के अनुसार अविलंब शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए आमंत्रित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार और विभाग शिक्षकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करें. ताकि आने वाले दिनों में जब स्कूल खुलने पर शिक्षक अपनी पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ बिना किसी मलाल के पूरे मनोयोग से काम कर सके.
शिक्षा मंत्री का आश्वासन
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि सरकार को शिक्षक संघों को बुलाना चाहिए. उनकी 7 सूत्री मांगों पर वार्ता करनी चाहिए. वहीं, शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा ने कहा कि समय आने पर शिक्षकों से बात करेंगे. शिक्षकों को लंबे समय से ना सिर्फ सेवा शर्त लागू होने का इंतजार है बल्कि उन्हें पुराने शिक्षकों की तरह वेतन, पुराने शिक्षकों की तरह सेवा शर्त और राज्य कर्मी का दर्जा भी चाहिए. ऐसे में देखना है कि सरकार उन्हें कब तक वार्ता के लिए आमंत्रित करती है और शिक्षकों की कितनी मांगें पूरी हो पाती है.