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शराबियों को पकड़ने वाले सरकारी फरमान पर पटना में शिक्षकों का विरोध, जलाई आदेश की प्रति

बिहार में शराबबंदी कानून को लागू कराने के काम में अब शिक्षकों को भी लगाया गया है. सरकार के इस फरमान के बाद बिहार में शिक्षक इसका लगातार विरोध कर रहे हैं. पटना में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ (Bihar State Non Gazetted Employees Union) ने भी सरकरी आदेश की प्रति जलाकर अपना विरोध जताया.

पटना में शिक्षकों का विरोध
पटना में शिक्षकों का विरोध
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Published : Feb 1, 2022, 7:22 PM IST

पटनाः शराबियों को पकड़ने वाले सरकारी फरमान पर बिहार में शिक्षकों का विरोध लगातार जारी है. पटना में मंगलवार को भी शिक्षकों ने सरकरी आदेश की प्रति जलाकर अपना विरोध (Teachers Protest In Patna) जताया. दरअसल 28 को जनवरी को शिक्षा विभाग (Bihar Education Department Notification) के अपर प्रधान सचिव संजय कुमार ने जारी एक आदेश में कहा है कि शिक्षक अब शराब माफियाओं पर नजर रखेंगे और इसकी सूचना थाने या संबंधित विभाग को देंगे. इसी आदेश पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने भी नराजगी जताई है.

ये भी पढ़ेंः शिक्षा विभाग के नए फरमान पर बोले मंत्री, शराबबंदी लागू करना सब की है जिम्मेदारी

बिहार राज्य राजपत्रित कर्मचारी संघ के सचिव भोला पासवान ने कहा कि शिक्षक का कार्य है, राष्ट्र निर्माण में भागीदारी देना ना कि शराब माफियाओं की मुखबिरी करना. यह तुगलगी फरमान सरकार तुरंत वापस ले. सचिव भोला पासवान के नेतृत्व में कन्या मध्य विद्यालय बेगमपुर में कई शिक्षकों ने सरकार द्वारा जारी आदेश प्रपत्र की प्रति को जलाकर विरोध जताया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

यह भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब

दरअसल बिहार में अब शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. जिसके तहत सरकारी टीचर अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. सरकार ने स्पष्ट कहा है कि सभी स्कूलों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाकर बताया जाए कि शिक्षकों को नशाबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करना है.

आदेश में कहा गया है कि शिक्षक स्कूल परिसर के आसपास शराब का सेवन करते हुए या शराब की बिक्री होने की जानकारी होने पर उसकी सूचना टोल फ्री नंबर पर देंगे. उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी. सरकार के इस नए फरमान की बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने निंदा की है. वहीं तमाम शिक्षक संघ सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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पटनाः शराबियों को पकड़ने वाले सरकारी फरमान पर बिहार में शिक्षकों का विरोध लगातार जारी है. पटना में मंगलवार को भी शिक्षकों ने सरकरी आदेश की प्रति जलाकर अपना विरोध (Teachers Protest In Patna) जताया. दरअसल 28 को जनवरी को शिक्षा विभाग (Bihar Education Department Notification) के अपर प्रधान सचिव संजय कुमार ने जारी एक आदेश में कहा है कि शिक्षक अब शराब माफियाओं पर नजर रखेंगे और इसकी सूचना थाने या संबंधित विभाग को देंगे. इसी आदेश पर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने भी नराजगी जताई है.

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बिहार राज्य राजपत्रित कर्मचारी संघ के सचिव भोला पासवान ने कहा कि शिक्षक का कार्य है, राष्ट्र निर्माण में भागीदारी देना ना कि शराब माफियाओं की मुखबिरी करना. यह तुगलगी फरमान सरकार तुरंत वापस ले. सचिव भोला पासवान के नेतृत्व में कन्या मध्य विद्यालय बेगमपुर में कई शिक्षकों ने सरकार द्वारा जारी आदेश प्रपत्र की प्रति को जलाकर विरोध जताया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

यह भी पढ़ें- बिहार में अब गुरुजी ढूंढेंगे शराब.. स्कूल कैंपस से लेकर गांव-कस्बों में भी एक्टिव रहेंगे मास्टर साहब

दरअसल बिहार में अब शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है. जिसके तहत सरकारी टीचर अब सिर्फ बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का ही ख्याल नहीं रखेंगे, बल्कि शराब पीने और पिलानेवालों पर नकेल भी कसेंगे. स्कूल में शराबी ना पहुंचें, इसका ख्याल भी उन्हें रखना होगा. सरकार ने स्पष्ट कहा है कि सभी स्कूलों में शिक्षा समिति की बैठक बुलाकर बताया जाए कि शिक्षकों को नशाबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करना है.

आदेश में कहा गया है कि शिक्षक स्कूल परिसर के आसपास शराब का सेवन करते हुए या शराब की बिक्री होने की जानकारी होने पर उसकी सूचना टोल फ्री नंबर पर देंगे. उनकी पहचान गुप्त रखी जाएगी. सरकार के इस नए फरमान की बिहार के तमाम विपक्षी दलों ने निंदा की है. वहीं तमाम शिक्षक संघ सरकार से इस आदेश को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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