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नाव से नदी पार कर सुदूर गांव में पढ़ाने जाती हैं टीचर, केके पाठक के आदेश का असर, बोलीं- बहुत खुश हैं बच्चे - school by boat in Bihar

KK Pathak Order In Bihar: केके पाठक के आदेश का असर बिहार के सरकारी स्कूलों पर साफ देखने को मिल रहा है. जहां सड़क और पुल-पुलिया नहीं है, वहां भी शिक्षक अब समय पर स्कूल पहुंचने लगे हैं. फिर चाहे उन्हें नाव पर चढ़कर ही क्यों ना जाना पड़े. पढ़ें पूरी खबर..

केके पाठक
केके पाठक
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 1, 2024, 1:38 PM IST

Updated : Jan 1, 2024, 2:11 PM IST

  • सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नाव से पार कर पढ़ाने जाती नवनियुक्त BPSC शिक्षिका : प्राथमिक विद्यालय कजज्लवन दियारा, खगड़िया pic.twitter.com/Xum3UWuOsm

    — Educators of Bihar (@BiharTeacherCan) December 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की सख्ती के कारण बिहार के सरकारी विद्यालयों में न केवल बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि शिक्षक भी समय पर स्कूल आने लगे हैं. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षक बिना देरी के स्कूल पहुंच रहे हैं, फिर चाहे रास्ते में कितनी ही मुश्किलें क्यों न आए. खगड़िया से एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें उत्तर प्रदेश की रहने वाली महिला शिक्षिका नाव से स्कूल जाती दिख रहीं हैं. हालांकि वह मानती हैं कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षकों को भी थोड़ा कष्ट उठाना होगा.

खगड़िया में नाव से स्कूल
नाव खुलने का इंतजार करतीं महिला शिक्षिका

नाव से स्कूल जाती हैं शिक्षिका: जो वीडियो सामने आया है, उसमें दो महिला शिक्षिका स्कूल जाने के लिए नाव के इंतजार में खड़ी हैं. दोनों खगड़िया जिले के प्राथमिक विद्यालय कजज्लवन दियारा में पढ़ाती हैं. बीपीएससी शिक्षक भर्ती के माध्यम से इनका सेलेक्शन हुआ है. इनमें से एक महिला शिक्षिका यूपी से हैं, जबकि दूसरी बेगूसराय जिले की रहने वाली हैं. इस दौरान दोनों बातचीत में बताती हैं कि दिक्क्त के बावजूद सभी शिक्षक ऑन टाइम स्कूल आते हैं.

खगड़िया में नाव से स्कूल
खगड़िया में नाव से स्कूल जाती हैं शिक्षिका

"पूरा घूमकर आते हैं, फिर यहां से नाव से गांव जाते हैं. हां पाठक सर के आदेश पर स्कूल जाते हैं सब लोग. सबसे अच्छी बात ये है कि वहां (स्कूल) जाने के बाद बच्चे बहुत एक्साइटेड होते हैं. बच्चों में बहुत सुधार आया है, अभी महीना दिन भी नहीं हुआ है. बहुत अच्छा सुधार हुआ है."- यूपी की रहने वाली महिला शिक्षिका

बहुत परेशान होती होगी ऐसे स्कूल जाने में?: इस सवाल पर यूपी की रहने वाली महिला शिक्षिका कहती हैं, 'स्टार्टिंग में थोड़ा-बहुत समस्या होती थी लेकिन अब अच्छा लगता है. आसान तो नहीं ही होता है.

केके पाठक के आदेश का असर: दरअसल, केके पाठक का आदेश है कि शिक्षकों को हर हाल में ऑन टाइम स्कूल आना होगा. देरी होने पर वेतन में कटौती हो सकती है. यह भी कहा गया है कि तमाम शिक्षक अपने विद्यालय के प्रखंड मुख्यालय अथवा 15 किलोमीटर के दायरे में मकान लेना होगा, ताकि स्कूल पहुंचने में देरी ना हो.

क्या है शिक्षा विभाग का आदेश?: विभागीय निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, 'शिक्षकों द्वारा अपने विद्यालय के प्रखण्ड मुख्यालय अथवा 15 किलोमीटर की परिधि में अपने आवासन की व्यवस्था कर ली गयी है, यह शपथ पत्र माह फरवरी, 2024 के वेतन भुगतान के पूर्व प्राप्त कर लेना अनिवार्य होगा. यह शपथ-पत्र देने के पश्चात ही फरवरी, 2024 माह का वेतन देय होगा.' यह आदेश नवनियुक्त विद्यालय अध्यापक और पूर्व से कार्यरत नियाजित शिक्षकों पर भी समान रूप से लागू होगा.

ये भी पढ़ें:

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'समय से वेतन दे रहें तो टाइम से स्कूल आइए' बोले के के पाठक- 'लापरवाही बर्दाश्त नहीं'

'सिर्फ विद्यालय पहुंच जाने से अटेंडेंस पूरी नहीं होगी, अब करना होगा यह काम', केके पाठक का नया फरमान

'बिहार वाला मजदूरी करे.. यूपी वाला टीचर बा, आई हो दादा कईसन नीतीश जी के नेचर बा'

  • सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में नाव से पार कर पढ़ाने जाती नवनियुक्त BPSC शिक्षिका : प्राथमिक विद्यालय कजज्लवन दियारा, खगड़िया pic.twitter.com/Xum3UWuOsm

    — Educators of Bihar (@BiharTeacherCan) December 23, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पटना: शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की सख्ती के कारण बिहार के सरकारी विद्यालयों में न केवल बच्चों की उपस्थिति बढ़ी है, बल्कि शिक्षक भी समय पर स्कूल आने लगे हैं. सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में भी शिक्षक बिना देरी के स्कूल पहुंच रहे हैं, फिर चाहे रास्ते में कितनी ही मुश्किलें क्यों न आए. खगड़िया से एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें उत्तर प्रदेश की रहने वाली महिला शिक्षिका नाव से स्कूल जाती दिख रहीं हैं. हालांकि वह मानती हैं कि बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए शिक्षकों को भी थोड़ा कष्ट उठाना होगा.

खगड़िया में नाव से स्कूल
नाव खुलने का इंतजार करतीं महिला शिक्षिका

नाव से स्कूल जाती हैं शिक्षिका: जो वीडियो सामने आया है, उसमें दो महिला शिक्षिका स्कूल जाने के लिए नाव के इंतजार में खड़ी हैं. दोनों खगड़िया जिले के प्राथमिक विद्यालय कजज्लवन दियारा में पढ़ाती हैं. बीपीएससी शिक्षक भर्ती के माध्यम से इनका सेलेक्शन हुआ है. इनमें से एक महिला शिक्षिका यूपी से हैं, जबकि दूसरी बेगूसराय जिले की रहने वाली हैं. इस दौरान दोनों बातचीत में बताती हैं कि दिक्क्त के बावजूद सभी शिक्षक ऑन टाइम स्कूल आते हैं.

खगड़िया में नाव से स्कूल
खगड़िया में नाव से स्कूल जाती हैं शिक्षिका

"पूरा घूमकर आते हैं, फिर यहां से नाव से गांव जाते हैं. हां पाठक सर के आदेश पर स्कूल जाते हैं सब लोग. सबसे अच्छी बात ये है कि वहां (स्कूल) जाने के बाद बच्चे बहुत एक्साइटेड होते हैं. बच्चों में बहुत सुधार आया है, अभी महीना दिन भी नहीं हुआ है. बहुत अच्छा सुधार हुआ है."- यूपी की रहने वाली महिला शिक्षिका

बहुत परेशान होती होगी ऐसे स्कूल जाने में?: इस सवाल पर यूपी की रहने वाली महिला शिक्षिका कहती हैं, 'स्टार्टिंग में थोड़ा-बहुत समस्या होती थी लेकिन अब अच्छा लगता है. आसान तो नहीं ही होता है.

केके पाठक के आदेश का असर: दरअसल, केके पाठक का आदेश है कि शिक्षकों को हर हाल में ऑन टाइम स्कूल आना होगा. देरी होने पर वेतन में कटौती हो सकती है. यह भी कहा गया है कि तमाम शिक्षक अपने विद्यालय के प्रखंड मुख्यालय अथवा 15 किलोमीटर के दायरे में मकान लेना होगा, ताकि स्कूल पहुंचने में देरी ना हो.

क्या है शिक्षा विभाग का आदेश?: विभागीय निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव की ओर से जारी पत्र के मुताबिक, 'शिक्षकों द्वारा अपने विद्यालय के प्रखण्ड मुख्यालय अथवा 15 किलोमीटर की परिधि में अपने आवासन की व्यवस्था कर ली गयी है, यह शपथ पत्र माह फरवरी, 2024 के वेतन भुगतान के पूर्व प्राप्त कर लेना अनिवार्य होगा. यह शपथ-पत्र देने के पश्चात ही फरवरी, 2024 माह का वेतन देय होगा.' यह आदेश नवनियुक्त विद्यालय अध्यापक और पूर्व से कार्यरत नियाजित शिक्षकों पर भी समान रूप से लागू होगा.

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'बिहार वाला मजदूरी करे.. यूपी वाला टीचर बा, आई हो दादा कईसन नीतीश जी के नेचर बा'

Last Updated : Jan 1, 2024, 2:11 PM IST
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