पटना: राजधानी पटना के ज्ञान भवन में चल रहे तीन दिवसीय तरकारी महोत्सव का समापन हो गया है. तरकारी महोत्सव में सब्जियों की प्रदर्शनी लगाई गई थी. इसमें अच्छी प्रदर्शनी करने वाले किसानों को पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया. तरकारी महोत्सव में जल जीवन हरियाली अभियान के लिए बनाई गई मानव श्रृंखला को प्रमोट करने की दिशा में सब्जियों की श्रृंखला की प्रदर्शनी भी बनाई गई थी.
महोत्सव में सब्जियों की 28 श्रेणियां थी, जिसमें किसानों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिया गया. कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए चुने गए सभी 28 किसानों को 5-5 हजार की राशि देकर प्रोत्साहित किया. वहीं विशिष्ट प्रदर्शनी के तहत पूर्णिया जिले के किसान शशि भूषण सिंह को उनकी सात प्रदर्शनी के लिए विशिष्ट प्रतिभागी के रूप में चुना गया और उन्हें 10 हजार की प्रोत्साहन राशि दी गई.
महोत्सव का उद्देश्य
कृषि विभाग के सचिव एन श्रवण कुमार ने बताया कि तरकारी महोत्सव पहली बार राज्य में आयोजित किया गया है और इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न जिलों के प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करना है. किसानों की प्रदर्शनी को देखकर अन्य दूसरे किसान भी उससे प्रोत्साहित होकर और अच्छे से खेती करें.
उन्होंने कहा कि इस महोत्सव का दूसरा उद्देश्य भी था कि कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय की जितनी भी योजनाएं हैं और उस योजना के तहत क्या लाभ दिया जा रहा है. इसके बारे में किसानों को जागरुक किया जाए. उन्होंने बताया कि सब्जी की खेती के बारे में भी किसानों को बताया जा रहा है.
जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रहा कृषि विभाग
एन श्रवण ने बताया कि किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जा रहा है. इसी दिशा में प्रदर्शनियों का अलग काउंटर सिर्फ जैविक उत्पादों का था. उन्होंने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार की ओर से अभी जैविक कोरिडोर योजना भी आरंभ किया है. इस योजना के तहत कृषि विभाग और उद्यान निदेशालय गंगा के किनारे वाले 13 जिलों में जैविक खेती को 20 हजार एकड़ में प्रमोट करने जा रहा हैं.
उन्होंने कहा कि खेती में रासायनिक इस्तेमाल कम हो और जैविक तरीके से ही खेती हो इस पर विभाग जोड़ दे रहा है. उन्होंने कहा कि जैविक उत्पादों की बाजार में कीमत भी अच्छी मिलती है.