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अधर में लटकी है पथ निर्माण विभाग की योजनाएं, 9 साल में भी तैयार नहीं हो पाया ताजपुर-बख्तियारपुर पुल

ताजपुर-बख्तियारपुर पुल परियोजना का कार्य रुका हुआ है. बिहार राज्य पथ विकास निगम अब फिर से इस परियोजना को एस्टीमेट करवा रहा है. नई एजेंसी का चयन कर पुल का निर्माण कार्य करवाया जाएगा. इसे 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा जा रहा है.

Tajpur-Bakhtiyarpur bridge not ready in 9 years
Tajpur-Bakhtiyarpur bridge not ready in 9 years
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Published : Dec 16, 2020, 9:21 AM IST

पटना: गंगा नदी पर ताजपुर-बख्तियारपुर 4 लेन पुल का निर्माण पिछले 9 साल से हो रहा है. लेकिन अभी भी 50 फीसदी काम बचा हुआ है. 2011 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इसे 2016 में पूरी तरह से तैयार करना था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका है.

उस समय पुल की लागत 16 सौ करोड़ रुपये रखी गई थी. लेकिन 900 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने के बाद भी अभी तक पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है. वहीं, पुल निर्माण में जो एजेंसी काम कर रही थी, उसने अपने हाथ खींच लिए हैं. सरकार अब नई एजेंसी को पुल निर्माण की जिम्मेदारी देने वाली है. इस बार 1200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की जरूरत होगी.

Tajpur-Bakhtiyarpur bridge not ready in 9 years
अधूरा पड़ा कार्य

नई एजेंसी की तलाश
बता दें कि ताजपुर-बख्तियारपुर पुल की चर्चा पिछले कई सालों से हो रही है. हालांकि इस पुल में 272 पिलर का जमीनी काम हो चुका है. लेकिन पुल निर्माण कार्य में लगी एजेंसी नव युवा जहान्वी टोल ब्रिज ने बीच में ही काम बंद कर दिया. इसी वजह से बिहार पुल निर्माण निगम और बिहार राज्य पथ विकास निगम ने अब इस एजेंसी को बर्खास्त कर दिया है. अब फिर से टेंडर जारी कर नई एजेंसी को काम सौंपने की तैयारी की जा रही है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों के समय की होगी बचत
बताया जा रहा है कि इस पुल के बन जाने से नवादा, मुंगेर और नालंदा से आने वाली गाड़ियां अगर उत्तर बिहार जाना चाहे तो उसे पटना आने की जरूरत नहीं होगी. इससे काफी समय की बचत होगी. इस पुल की कुल लंबाई 5.5 किलोमीटर है.

गंगा पाथ वे का निर्माण भी अटका
ताजपुर-बख्तियारपुर पुल के साथ ही पटना में गंगा किनारे बन रहे गंगा पाथ वे का निर्माण भी सालों से अटका है. इसे 2017-18 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन ये काम भी अधूरा पड़ा है. इसी तरह से पटना-गया सड़क का निर्माण भी बरसों से अटका हुआ है. इसका निर्माण करने वाली एजेंसी भी बीच में ही फरार हो गई. जिस वजह से नई एजेंसी के जरिए फिर से काम करवाया जा रहा है.

पटना: गंगा नदी पर ताजपुर-बख्तियारपुर 4 लेन पुल का निर्माण पिछले 9 साल से हो रहा है. लेकिन अभी भी 50 फीसदी काम बचा हुआ है. 2011 में इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था और इसे 2016 में पूरी तरह से तैयार करना था. लेकिन ऐसा नहीं हो सका है.

उस समय पुल की लागत 16 सौ करोड़ रुपये रखी गई थी. लेकिन 900 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने के बाद भी अभी तक पुल बनकर तैयार नहीं हुआ है. वहीं, पुल निर्माण में जो एजेंसी काम कर रही थी, उसने अपने हाथ खींच लिए हैं. सरकार अब नई एजेंसी को पुल निर्माण की जिम्मेदारी देने वाली है. इस बार 1200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की जरूरत होगी.

Tajpur-Bakhtiyarpur bridge not ready in 9 years
अधूरा पड़ा कार्य

नई एजेंसी की तलाश
बता दें कि ताजपुर-बख्तियारपुर पुल की चर्चा पिछले कई सालों से हो रही है. हालांकि इस पुल में 272 पिलर का जमीनी काम हो चुका है. लेकिन पुल निर्माण कार्य में लगी एजेंसी नव युवा जहान्वी टोल ब्रिज ने बीच में ही काम बंद कर दिया. इसी वजह से बिहार पुल निर्माण निगम और बिहार राज्य पथ विकास निगम ने अब इस एजेंसी को बर्खास्त कर दिया है. अब फिर से टेंडर जारी कर नई एजेंसी को काम सौंपने की तैयारी की जा रही है.

पेश है रिपोर्ट

लोगों के समय की होगी बचत
बताया जा रहा है कि इस पुल के बन जाने से नवादा, मुंगेर और नालंदा से आने वाली गाड़ियां अगर उत्तर बिहार जाना चाहे तो उसे पटना आने की जरूरत नहीं होगी. इससे काफी समय की बचत होगी. इस पुल की कुल लंबाई 5.5 किलोमीटर है.

गंगा पाथ वे का निर्माण भी अटका
ताजपुर-बख्तियारपुर पुल के साथ ही पटना में गंगा किनारे बन रहे गंगा पाथ वे का निर्माण भी सालों से अटका है. इसे 2017-18 में ही बनकर तैयार हो जाना चाहिए था, लेकिन ये काम भी अधूरा पड़ा है. इसी तरह से पटना-गया सड़क का निर्माण भी बरसों से अटका हुआ है. इसका निर्माण करने वाली एजेंसी भी बीच में ही फरार हो गई. जिस वजह से नई एजेंसी के जरिए फिर से काम करवाया जा रहा है.

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