पटना: बिहार सरकार के गृह विभाग (Home Department Of Bihar Government) के द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक निलंबित आईपीएस अधिकारी के निलंबन अवधि बढ़ाने का निर्णय लिया है. दरअसल भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित चल रहे डीआईजी मो. शफीउल हक (Suspended DIG Mohd Shafiul Haque) को सरकार ने कोई रिलीफ नहीं दिया है. आईपीएस अधिकारी को 24 मई 2023 तक निलंबित रखने का निर्णय लिया गया है. 18 नवंबर 2022 को निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में निलंबित आईपीएस अधिकारी शफीउल हक के निलंबन पर विचार किया गया. तत्कालीन डीआईजी के निलंबन अवधि को 180 दिनों तक विस्तारित करने की अनुशंसा की गई है. अधिसूचना के मुताबिक प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार को भी एक बार फिर से निलंबित कर दिया गया है.
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निलंबित DIG मो शफीउल हक की निलंबन अवधि बढ़ी : दरअसल, मोहम्मद इमरान के गलत काम संज्ञान में होने के बावजूद बतौर डीआईजी कोई कार्रवाई नहीं करने के मामले को गंभीरता से देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई ने यह माना कि इस काम में डीआईजी की भी सहभागिता थी. जिसके बाद विभागीय कार्रवाई शुरू की गई. पहले डीआईजी को मुंगेर से हटाया गया. तबादले के बाद एक सम्मान समारोह में अधिकारी शफीउल हक ने अपना दर्द बयां किया था. उन्होंने कहा था कि उनका कोई गॉड फादर नहीं है, इसलिए 27 साल की नौकरी में 21 बार उनका तबादला हो चुका है.
शफीउल हक के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप : आपको बता दे कि मुंगेर के तत्कालीन डीआईजी शफीउल हक के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत आई थी. पुलिस मुख्यालय ने इसकी जांच आर्थिक अपराध इकाई से कराई. आर्थिक अपराध इकाई के जांच प्रतिवेदन में यह बात सामने आई कि वे सहायक अवर पुलिस निरीक्षक मोहम्मद इमरान एवं एक निजी व्यक्ति के माध्यम से पुलिसकर्मियों से अवैध राशि की उगाही करा रहे थे. जांच में प्रथम दृष्टया मामला प्रमाणित हुआ. इसके बाद सरकार ने 1 दिसंबर 2021 को आरोपी डीआईजी मोहम्मद शफीउल हक को निलंबित कर दिया था. तब से इनका निलंबन जारी है.
प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार फिर निलंबित : बिहार सरकार के गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक प्रशिक्षु डीएसपी आशुतोष कुमार को एक बार फिर से निलंबित कर दिया गया है. कई मामलों के आरोप को लेकर आशुतोष कुमार पर एक्शन लिया गया है. उन पर हत्या, प्रशिक्षण से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने और अवकाश स्वीकृत कराए राज्य से बाहर जाने का आरोप है. इसी मामले में डीएसपी पर कार्रवाई हुई है. आपको बता दें, आशुतोष कुमार 56वीं से 59 वीं बैच के प्रशिक्षु डीएसपी हैं.
भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों पर कार्रवाई : वे इसी साल 16 जनवरी को जेल से बाहर आए थे. इसके बाद वे फिर सेवा में लग गए थे लेकिन उन्हें फिर से निलंबित कर दिया गया है. 19 जनवरी 2022 के प्रभाव से उन्हें फिर निलंबित कर दिया गया है. गृह विभाग ने इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी है. दरअसल, बिहार सरकार लगातार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. जिसके तहत भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों, कर्मियों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. यही कारण है कि राज्य सरकार ने एक बार फिर से प्रशिक्षु डीएसपी और निलंबित डीआईजी की निलंबन अवधि को बढ़ा दिया है.