पटना: देश भर में भारत और इंडिया के नाम को लेकर बहस छिड़ी हुई है. विपक्ष के नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार इंडिया गठबंधन से घबराकर इंडिया नाम बदल रही है. भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने विपक्ष के इन आरोपों पर बड़ा पलटवार किया है. उनका कहना था कि विपक्ष के लोग जानबूझकर इसे मुद्दा बनाना चाहते हैं. जी-20 की बैठक के लिए जो आमंत्रण पत्र दिया गया था उसमें भारत लिखा गया था.
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"विपक्ष के लोग सबसे पहले यह बताएं कि वह इंडिया माता की जय का नारा लगाएंगे क्या, जो इस तरह का बयान दे रहे हैं. संविधान में दोनों शब्द हैं, जिन्हें जो कहना है वो कहे. विपक्ष को ना भारत माता की जय कहना है ना ही इंडिया माता की जय कहना है. सिर्फ और सिर्फ मोदी जी जो कहें उसका विरोध करना है, वही वो कर रहे हैं."- सुशील मोदी, राज्यसभा सदस्य, बीजेपी
राजनीति कर रहा विपक्षः सुशील मोदी ने कहा कि देश का नाम पहले से भी भारत था. भारत कहने से हम अपनी संस्कृति और सभ्यता महसूस करते हैं. ये बात लोगो को जानना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग इसका गलत अर्थ लगा रहे हैं. सुशील मोदी ने सफाई देते हुए कहा कि जन गण मन में भी भारत शब्द लिखा गया है. संविधान में भी भारत और इंडिया दोनों है. जिसको जो कहना है वो कहें. इसमें एतराज कहां है. उन्होंने विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया.
इंडिया शब्द से गुलामी की बूः सुशील मोदी ने विपक्ष के नेताओं से सवाल पूछते हुए कहा कि जी-20 के आमंत्रण पत्र में भारत लिखा गया है तो गलत क्या है. उन्होंने कहा कि विपक्ष आम जनता को भ्रम में डालने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने देश का नाम बदलने की बात का विरोध किया. कहा कि पहले से भी इस देश का नाम भारत ही रहा है. जब हम इंडिया शब्द का इस्तेमाल करते हैं तो लगता है कि हम अभी भी गुलाम हैं. इंडिया शब्द से गुलामी की बू आती है.
देश का नाम शुरू से भारत रहा है: सुशील मोदी ने कहा कि जब गांधी जी ने अपने आंदोलन का नाम भारत छोड़ो आंदोलन रखा था. इंडिया छोड़ो आंदोलन नहीं कहा था. उन्होंने कहा कि विपक्ष में बैठे लोग कुछ ना कुछ बयानबाजी करते हैं, जो कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि ऐसे मुद्दे पर बोलकर विपक्ष खुद हल्का हो रहा है. देश की जनता यह जानती है कि हमारे देश का नाम शुरू से भारत रहा है.