पटना: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में हुई हिंसा के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजद को 30 जनवरी को आयोजित की जाने वाली मानव श्रृंखला को रद्द करने की नसीहत दी है. भाजपा के नेता और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर विरोधियों पर निशाना साधा.
-
गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुँचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला रद कर देनी चाहिए। किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 27, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुँचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला रद कर देनी चाहिए। किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 27, 2021गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुँचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला रद कर देनी चाहिए। किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 27, 2021
'किसान आंदोलन पूरी तरह हाईजैक'
सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा- "गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह से उत्पाती भीड़ ने हिंसा, तोड़फोड़ और राष्ट्रीय झंडे के अपमान का आक्रामक दुस्साहस किया, उससे इस संदेह की पुष्टि हुई कि किसान आंदोलन को वामपंथी, खालिस्तानी और टुकड़े-टुकड़े गैंग ने पूरी तरह हाईजैक कर लिया है."
'मानव श्रृंखला रद्द करे राजद'
उन्होंने आगे लिखा, "गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव श्रृंखला रद्द कर देनी चाहिए. किसान नेताओं को भी 1 फरवरी का संसद मार्च रद्द कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए."
बता दें कि राजद नेतृत्व वाले विपक्षी दल के महागठबंधन ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में बिहार में 30 जनवरी को मानव श्रृंखला बनने की घोषणा की है.
'गणतंत्र के प्रतीक लाल किले पर किया हमला'
पूर्व उपमुख्यमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पंजाब के संपन्न बिचौलियों ने किसान आंदोलन के नाम पर न केवल सरकार के सभी प्रस्ताव ठुकरा कर गतिरोध और तनाव बनाये रखा, बल्कि देशविरोधी ताकतों से साठगांठ कर भारतीय गणतंत्र के प्रतीक लाल किले पर हमला किया.