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Bihar Politics : बोले सुशील मोदी-'नीतीश कुमार बार-बार भाजपा शरणम् हुए, अब दरवाजे बंद'

दरभंगा में भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक (BJP working committee meeting in Darbhanga) में यह तय किया गया कि किसी भी हालत में नीतीश कुमार के साथ समझौता नहीं हो सकता है. राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार बोझ हो गए हैं. कोई उनको तवज्जों नहीं दे रहा है. समझौता उनके साथ होता है जिसके पास ताकत होती है. एक बार सुशील मोदी ने दोहराया कि नीतीश कुमार बार-बार भाजपा शरणम् हुए, अब दरवाजे बंद.

सुशील कुमार मोदी
सुशील कुमार मोदी
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Published : Jan 30, 2023, 10:36 PM IST

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 1995 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2014 के संसदीय चुनाव तक नीतीश कुमार की पार्टी जब भी अकेले चुनाव लड़ी, उसे अपनी औकात का एहसास होता रहा. हर चुनाव में भाजपा की सफलता दर जदयू से ज्यादा रही. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार भाजपा की शरण में आते और पलटी मारते रहे हैं, लेकिन अब उनके लिए हमारे दरवाजे बंद (Sushil Modi said no alliance with Nitish) हो चुके हैं.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: सुशील मोदी बोले- 'बिहार में नीतीश से समझौता नहीं करने का BJP का फैसला सराहनीय'


भाजपा के साथ आने की कोशिश की थीः सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जिस अल्पसंखयक वोट को "हमारा वोट" कह रहे हैं, वह कहां था, जब उन्हें विधानसभा की मात्र 7 सीट और संसदीय चुनाव में केवल 2 सीटें मिली थीं. उन्होंने कहा कि सन् 2000 के चुनाव में भाजपा को 65 सीटें और जदयू को 35 सीटें मिली थीं, फिर भी हमने उन्हेंं मुख्यमंत्री बनाया था. 2015 में जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने और 9 महीने में उनकी कुर्सी छीनने के बाद हताश नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ आने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें दूर ही रखा.

लालू प्रसाद से मोहभंगः सुशील मोदी ने कहा कि मात्र दो साल में लालू प्रसाद से मोहभंग के बाद जब नीतीश कुमार ने 2017 में अपनी सरकार बचाने के लिए फिर भाजपा के द्वार खटखटाए, तब जंगलराज की वापसी टालने के लिए भाजपा ने उनका बिना शर्त समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार की लोकप्रियता इतनी घट गई कि जदयू मात्र 44 सीटों पर सिमट गया. इसके लिए कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा ने जो डील की बात की है उसपर नीतीश जी को जवाब देना चाहिए- सुशील मोदी

"आज लालू प्रसाद की जो हालत है, उसके लिए भी नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. उनके इशारे पर ही चारा घोटाला और बेनामी सम्पत्ति जैसे मामलों में शिवानंद तिवारी और ललन सिंह अदालत या जांच एजेंसियों को सबूत उपलब्ध कराते रहे. आज भले ये तीनों लोग लालू प्रसाद के हितैषी बन रहे हों, लेकिन उन्हेंं सजा दिलाने में इन्हीं का हाथ था"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सदस्य

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 1995 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2014 के संसदीय चुनाव तक नीतीश कुमार की पार्टी जब भी अकेले चुनाव लड़ी, उसे अपनी औकात का एहसास होता रहा. हर चुनाव में भाजपा की सफलता दर जदयू से ज्यादा रही. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बार-बार भाजपा की शरण में आते और पलटी मारते रहे हैं, लेकिन अब उनके लिए हमारे दरवाजे बंद (Sushil Modi said no alliance with Nitish) हो चुके हैं.

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भाजपा के साथ आने की कोशिश की थीः सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार जिस अल्पसंखयक वोट को "हमारा वोट" कह रहे हैं, वह कहां था, जब उन्हें विधानसभा की मात्र 7 सीट और संसदीय चुनाव में केवल 2 सीटें मिली थीं. उन्होंने कहा कि सन् 2000 के चुनाव में भाजपा को 65 सीटें और जदयू को 35 सीटें मिली थीं, फिर भी हमने उन्हेंं मुख्यमंत्री बनाया था. 2015 में जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाने और 9 महीने में उनकी कुर्सी छीनने के बाद हताश नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ आने की पूरी कोशिश की थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें दूर ही रखा.

लालू प्रसाद से मोहभंगः सुशील मोदी ने कहा कि मात्र दो साल में लालू प्रसाद से मोहभंग के बाद जब नीतीश कुमार ने 2017 में अपनी सरकार बचाने के लिए फिर भाजपा के द्वार खटखटाए, तब जंगलराज की वापसी टालने के लिए भाजपा ने उनका बिना शर्त समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि 2020 के चुनाव में नीतीश कुमार की लोकप्रियता इतनी घट गई कि जदयू मात्र 44 सीटों पर सिमट गया. इसके लिए कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं.

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"आज लालू प्रसाद की जो हालत है, उसके लिए भी नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं. उनके इशारे पर ही चारा घोटाला और बेनामी सम्पत्ति जैसे मामलों में शिवानंद तिवारी और ललन सिंह अदालत या जांच एजेंसियों को सबूत उपलब्ध कराते रहे. आज भले ये तीनों लोग लालू प्रसाद के हितैषी बन रहे हों, लेकिन उन्हेंं सजा दिलाने में इन्हीं का हाथ था"- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सदस्य

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