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बिहार सरकार भी अग्निवीरों को भर्ती में प्राथमिकता देने की घोषणा करे: सुशील मोदी

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Published : Jun 16, 2022, 8:03 PM IST

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तथा राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा कई राज्य सरकारों ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्र पुलिस बल और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देने की घोषणा की है. ऐसी पहल बिहार सरकार को भी करनी चाहिए.

पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी

पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (MP Sushil Kumar Modi ) ने बीजेपी विधायकों पर हमले और कार्यलयों में आगजनी और तोड़फोड़ की निंदा की है. उन्होंने कहा कि युवा किसी के बहकावे में आकर राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं. अग्निपथ भर्ती योजना के विरुद्ध आगजनी और राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसी कार्रवाई में शामिल न हों.

ये भी पढ़ें: VIDEO: 'अग्निपथ' के विरोध में कैमूर में बवाल, छात्रों ने ट्रेन को फूंका


मोदी ने छपरा के भाजपा विधायक डाक्टर सीएन गुप्ता के घर पर हमला, वारसलीगंज की विधायक अरुणा देवी की गाड़ी को निशाना बनाने, नवादा के भाजपा कार्यालय में आगजनी और मधुबनी कार्यालय में तोड़फोड़ की घटनाओं की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं की आड़ में सक्रिय असामाजिक तत्वों पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

सुशील मोदी ने बिहार सरकार से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा कई राज्य सरकारों ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्र पुलिस बल और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देने की घोषणा की है, ऐसी पहल बिहार सरकार को भी करनी चाहिए.

नवादा में विधायक की गाड़ी में तोड़फोड़: अग्निपथ योजना के विरोध के चलते बीजेपी विधायक की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई. इस दौरान विधायक काफी असहज दिखी. उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि नवादा में किसी प्रकार का हंगामा है. अचानक हुए इस घटना में विधायक के अलावा, नगर थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह, वाहन चालक सागर सिंह, गार्ड विभाकर चौधरी और मणिकांत कुमार साथ में रहे मनोज कुमार चोटिल हुए हैं. हालांकि, विधायक द्वारा औपचारिक शिकायत पुलिस में दर्ज नहीं कराई गई है. बता दें कि नवादा में बड़ी संख्या में छात्र सेना भर्ती की नई नियमावली के खिलाफ गुरुवार की सुबह से हंगामा कर रहे हैं. पहले प्रजातंत्र चौक को जाम किया. फिर रेलवे स्टेशन परिसर पहुंच गए. आलम ये कि नवादा-जमुई सड़क मार्ग और किउल-गया रेलखंड पर परिचालन पूरी तरह से ठप है.

"हम आ रहे थे और तीन नंबर रेलवे गुमटी के पास और हमको पता नहीं था कि क्या चीज का ये भीड़ है और काहे के लिए सब ऐसे कर रहा है. अचानक गाड़ी रुकी और झंडा और बोर्ड कबार के फेंक दिया. उसके बाद अचानक से ईंटा-पत्थर सब चलाने लगा. पूरा गाड़ी का शीसा चूर दिया है और बॉडी तोड़ दिया. बीजेपी का झंडा देखकर ही वो लोग गुस्सा गये. इसमें कोई स्टूडेंट नहीं था. हमको लगता है सब जान बूझ कर सब बदमाशी कर रहा है और कोई पढ़ेने लिखने वाला नहीं है. लड़का लोग इस तरह से कर रहा है तो क्या मान लिजिएगा."-अरुणा देवी, भाजपा विधायक, वारिसलीगंज, नवादा

नवादा में उपद्रवियों ने भाजपा कार्यालय को फूंका: वहीं नवादा भाजपा जिला अध्यक्ष संजय कुमार मुन्ना ने कहा कि "हमलोग को जानकारी हुआ कि अपना भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पूरा तोड़फोड़, जो आपलोग देख ही रहे हैं. तोड़फोड़ करके पूरा आग लगा दिया है. पूरा जितना कुर्सी वगैरह था, कागज-पत्तर सबमें आग लगा दिया है. इस योजना का अगर कोई विरोध है तो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होता है. विरोध का ये थोड़ी मतलब होता है कि आप किसी जगह आग लगा दिजिए. आज आप सुने होंगे हमारे जो वारसलिगंज के विधायक हैं. श्रीमति अरुणा देवी, उनपर भी हमला किया गया. उनपर जानलेवा हमला किया गया. उनकी पूरी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया."

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना : केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

ये भी पढ़ें: अग्निपथ को लेकर आरा में बवाल, प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्लेटफार्म पर की आगजनी और तोड़फोड़, लूटी दुकानें

ये भी पढ़ें:बिहार में अग्निपथ स्कीम के विरोध का असर: इन ट्रेनों का परिचालन रद्द, देखें पूरी लिस्ट

पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी (MP Sushil Kumar Modi ) ने बीजेपी विधायकों पर हमले और कार्यलयों में आगजनी और तोड़फोड़ की निंदा की है. उन्होंने कहा कि युवा किसी के बहकावे में आकर राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान न पहुंचाएं. अग्निपथ भर्ती योजना के विरुद्ध आगजनी और राष्ट्रीय सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाने जैसी कार्रवाई में शामिल न हों.

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मोदी ने छपरा के भाजपा विधायक डाक्टर सीएन गुप्ता के घर पर हमला, वारसलीगंज की विधायक अरुणा देवी की गाड़ी को निशाना बनाने, नवादा के भाजपा कार्यालय में आगजनी और मधुबनी कार्यालय में तोड़फोड़ की घटनाओं की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं की आड़ में सक्रिय असामाजिक तत्वों पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.

सुशील मोदी ने बिहार सरकार से कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा कई राज्य सरकारों ने अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्र पुलिस बल और अन्य सेवाओं में प्राथमिकता देने की घोषणा की है, ऐसी पहल बिहार सरकार को भी करनी चाहिए.

नवादा में विधायक की गाड़ी में तोड़फोड़: अग्निपथ योजना के विरोध के चलते बीजेपी विधायक की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई. इस दौरान विधायक काफी असहज दिखी. उन्होंने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि नवादा में किसी प्रकार का हंगामा है. अचानक हुए इस घटना में विधायक के अलावा, नगर थानाध्यक्ष विजय कुमार सिंह, वाहन चालक सागर सिंह, गार्ड विभाकर चौधरी और मणिकांत कुमार साथ में रहे मनोज कुमार चोटिल हुए हैं. हालांकि, विधायक द्वारा औपचारिक शिकायत पुलिस में दर्ज नहीं कराई गई है. बता दें कि नवादा में बड़ी संख्या में छात्र सेना भर्ती की नई नियमावली के खिलाफ गुरुवार की सुबह से हंगामा कर रहे हैं. पहले प्रजातंत्र चौक को जाम किया. फिर रेलवे स्टेशन परिसर पहुंच गए. आलम ये कि नवादा-जमुई सड़क मार्ग और किउल-गया रेलखंड पर परिचालन पूरी तरह से ठप है.

"हम आ रहे थे और तीन नंबर रेलवे गुमटी के पास और हमको पता नहीं था कि क्या चीज का ये भीड़ है और काहे के लिए सब ऐसे कर रहा है. अचानक गाड़ी रुकी और झंडा और बोर्ड कबार के फेंक दिया. उसके बाद अचानक से ईंटा-पत्थर सब चलाने लगा. पूरा गाड़ी का शीसा चूर दिया है और बॉडी तोड़ दिया. बीजेपी का झंडा देखकर ही वो लोग गुस्सा गये. इसमें कोई स्टूडेंट नहीं था. हमको लगता है सब जान बूझ कर सब बदमाशी कर रहा है और कोई पढ़ेने लिखने वाला नहीं है. लड़का लोग इस तरह से कर रहा है तो क्या मान लिजिएगा."-अरुणा देवी, भाजपा विधायक, वारिसलीगंज, नवादा

नवादा में उपद्रवियों ने भाजपा कार्यालय को फूंका: वहीं नवादा भाजपा जिला अध्यक्ष संजय कुमार मुन्ना ने कहा कि "हमलोग को जानकारी हुआ कि अपना भारतीय जनता पार्टी कार्यालय में पूरा तोड़फोड़, जो आपलोग देख ही रहे हैं. तोड़फोड़ करके पूरा आग लगा दिया है. पूरा जितना कुर्सी वगैरह था, कागज-पत्तर सबमें आग लगा दिया है. इस योजना का अगर कोई विरोध है तो शांतिपूर्ण तरीके से विरोध होता है. विरोध का ये थोड़ी मतलब होता है कि आप किसी जगह आग लगा दिजिए. आज आप सुने होंगे हमारे जो वारसलिगंज के विधायक हैं. श्रीमति अरुणा देवी, उनपर भी हमला किया गया. उनपर जानलेवा हमला किया गया. उनकी पूरी गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर दिया गया."

'अंग्निपथ स्कीम' से क्यों नाराज है छात्र : दरअसल, 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी. किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन. ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई. पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी. मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे. नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी. इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा. 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे. उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी. बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का एक ही लक्ष्य कह लीजिए या सपना सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख छात्र सड़कों पर उतर गए.

क्या है 'अग्निपथ' योजना : केंद्र की अग्निपथ योजना के तहत इस साल 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल किया जाना है. योजना के मुताबिक युवाओं की भर्ती चार साल के लिए होगी और उन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 वर्ष के बीच होगी और 30-40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा. योजना के मुताबिक भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा और बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी.

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