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जातीय जनगणना पर RJD अनावश्यक ले रही श्रेय, लालू बताएं कभी ऐसा प्रस्ताव लाए : सुशील मोदी

बिहार में जातीय जनगणना (cast census in Bihar) होगी. सर्वदलीय बैठक के बाद बिहार में NDA सरकार के फैसले पर आरजेडी ने अपनी बड़ी जीत करार दिया है. तेजस्वी इसे आरजेडी की जीत बता रहे हैं. ये बात सुशील मोदी को खटकी तो उन्होंने सामने आकर कहा कि आरजेडी जातीय जनगणना के पक्ष में थी तो 2011 की जनगणना में एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया? तब लालू केंद्र में थे. बीजेपी विपक्ष में थी. पढ़ें पूरी खब-

बिहार में जातीय जनगणना
बिहार में जातीय जनगणना
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Published : Jun 2, 2022, 6:29 PM IST

Updated : Jun 2, 2022, 8:12 PM IST

पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बयान में कहा कि भाजपा कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं (Sushil Modi on cast census) रही. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दो-दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव भाजपा की सहमति एवं भाजपा जदयू की सरकार के कार्यकाल में ही पारित हुआ. उन्होंने श्रेय लेने की राजनीति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि राजद-कांग्रेस के कार्यकाल में कभी ये प्रस्ताव क्यों नहीं आया? महाराष्ट्र और उड़ीसा विधानसभा से भी सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित हुआ जहां भाजपा महत्वपूर्ण दल था. यदि भाजपा विरोध में होती तो भाजपा कभी अपने वरिष्ठ मंत्री श्री जनक राम एवं झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष श्री दीपक प्रकाश को प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं कराती.

ये भी पढ़ें - जातीय जनगणना पर सरकार के फैसले से तेजस्वी गदगद, कहा- ये RJD की लंबी लड़ाई की जीत

'जातीय जनगणना को लेकर जो सर्वदलीय बैठक हुई उसका आरजेडी अनावश्कयक श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने दो-दो बार विधान सभा और विधान परिषद से जातीय जनगणना का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित कराया. मैं राजद के लोगों से जानना चाहता हूं कि जब आपकी सरकार 15 साल थी तब आपने कभी कोई प्रस्ताव पारित क्यों नहीं किया? ये सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और उड़ीसा में भी जातीय जनगणना का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित हुआ जिसमें बीजेपी भी शामिल थी. भारती जनता पार्टी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही. जब बिहार से जातीय जनगणना को लेकर प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए तब उसमें बीजेपी से बिहार के मंत्री जनक राम भी शामिल थे. जब झारखंड का प्रतिनिधिमंडल गया तब उसमें प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश शामिल थे.' - सुशील मोदी, पूर्व उप मुख्यमंत्री, बिहार


राजद तो 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में शामिल थी. उसने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया? भाजपा यदि विरोध में होती तो 2011 की सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना केंद्र के लिए कराना असंभव हो जाता. राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें. इसका इतिहास तो रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था.

'बीजेपी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही. यहां तक कि 2011 की जो सामाजिक आर्थिक जनगणना हुई थी उसका भी बीजेपी ने समर्थन किया था. मैं लालू जी से जानना चाहता हूं कि जब आप इतने वर्षों से सरकार में थे आपने क्यों नहीं जातीय जनगणना करवाई. क्यों सोशल-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस करवाना पड़ा? ये पिछड़ों की दुहाई देने वाले वही लोग हैं जिन लोगों ने पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में दलितों को पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था. ये पिछड़ों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने से नहीं होगा. इसमें किसी को अनावश्यक श्रेय लेने की आवश्यकता नहीं है. भारतीय जनता पार्टी पूरी तरीके से इसके समर्थन में है. यहां तक कर्नाटक और तेलंगाना में भी जो कास्ट सर्वे हुआ उसका भी बीजेपी ने समर्थन किया था.'- सुशील मोदी, पूर्व उप मुख्यमंत्री, बिहार

जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव का बयान: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों के प्रस्ताव से और लालू प्रसाद की लगातार लड़ाई से बिहार विधानसभा में जाति जनगणना को लेकर प्रस्ताव दो बार पारित हुआ और सर्वसम्मति से पास भी हुआ. उसमे कहीं कोई असहमति की गुंजाइश नहीं थी. सब लोग सहमत थे. सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने की निर्णय लेना हमारी जीत है.

'जब इसे लेकर पार्लियामेंट में मना किया कि भारत सरकार जातीय जनगणना नहीं कराएगी, तब हम लोगों ने विधानसभा में इस बात को उठाया. दो बातें रखी गईं कि या तो प्रधानमंत्री से मिला जाए या फिर राज्य सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराए. उसके बाद हालांकि विलंब हुआ, विलंब का कारण क्या था अब हमें उस पर नहीं जाना चाहते लेकिन ये हमारी जीत है'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

सीएम नीतीश ने किया ऐलान: गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय संवाद में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक के बाद ऐलान किया कि बिहार में जातीय जनगणना होगी. मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि सबकी सहमति हो गई है और जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी और उसके बाद एक टाइम फ्रेम में जातीय जनगणना को पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा सभी वर्ग और संप्रदाय के जातियों की जनगणना होगी और एक एक चीज की गिनती की जाएगी इस सब को लाभ होगा.

"जातीय जनगणना कैसे कराया जाए सबकी सहमति हो गई है. जल्द ही कैबिनेट से पास कराएंगे और उसके बाद एक टाइम फ्रेम तय होगा. सभी वर्ग और संप्रदाय के जातियों की जनगणना की जाएगी. धन का इंतजाम करना होगा. पब्लिक के सामने सब कुछ रखा जाएगा. सभी सम्प्रदाय के जाति की जनगणना होगी. जातीय जनगणना को लेकर विज्ञापन भी निकाला जाएगा और जो भी कुछ किया जाएगा उसकी पूरी जानकारी मीडिया को दी जाएगी. सभी लोगो का आकलन होगा. इससे सभी को फायदा होगा." - नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

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पटना : बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बयान में कहा कि भाजपा कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं (Sushil Modi on cast census) रही. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में दो-दो बार सर्वसम्मत प्रस्ताव भाजपा की सहमति एवं भाजपा जदयू की सरकार के कार्यकाल में ही पारित हुआ. उन्होंने श्रेय लेने की राजनीति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि राजद-कांग्रेस के कार्यकाल में कभी ये प्रस्ताव क्यों नहीं आया? महाराष्ट्र और उड़ीसा विधानसभा से भी सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित हुआ जहां भाजपा महत्वपूर्ण दल था. यदि भाजपा विरोध में होती तो भाजपा कभी अपने वरिष्ठ मंत्री श्री जनक राम एवं झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष श्री दीपक प्रकाश को प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं कराती.

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'जातीय जनगणना को लेकर जो सर्वदलीय बैठक हुई उसका आरजेडी अनावश्कयक श्रेय लेने की कोशिश कर रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने दो-दो बार विधान सभा और विधान परिषद से जातीय जनगणना का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित कराया. मैं राजद के लोगों से जानना चाहता हूं कि जब आपकी सरकार 15 साल थी तब आपने कभी कोई प्रस्ताव पारित क्यों नहीं किया? ये सिर्फ बिहार में ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र और उड़ीसा में भी जातीय जनगणना का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित हुआ जिसमें बीजेपी भी शामिल थी. भारती जनता पार्टी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही. जब बिहार से जातीय जनगणना को लेकर प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने गए तब उसमें बीजेपी से बिहार के मंत्री जनक राम भी शामिल थे. जब झारखंड का प्रतिनिधिमंडल गया तब उसमें प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश शामिल थे.' - सुशील मोदी, पूर्व उप मुख्यमंत्री, बिहार


राजद तो 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में शामिल थी. उसने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया? भाजपा यदि विरोध में होती तो 2011 की सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना केंद्र के लिए कराना असंभव हो जाता. राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें. इसका इतिहास तो रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था.

'बीजेपी कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही. यहां तक कि 2011 की जो सामाजिक आर्थिक जनगणना हुई थी उसका भी बीजेपी ने समर्थन किया था. मैं लालू जी से जानना चाहता हूं कि जब आप इतने वर्षों से सरकार में थे आपने क्यों नहीं जातीय जनगणना करवाई. क्यों सोशल-इकोनॉमिक कास्ट सेंसस करवाना पड़ा? ये पिछड़ों की दुहाई देने वाले वही लोग हैं जिन लोगों ने पंचायत और नगर निकाय के चुनाव में दलितों को पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था. ये पिछड़ों के लिए घड़ियाली आंसू बहाने से नहीं होगा. इसमें किसी को अनावश्यक श्रेय लेने की आवश्यकता नहीं है. भारतीय जनता पार्टी पूरी तरीके से इसके समर्थन में है. यहां तक कर्नाटक और तेलंगाना में भी जो कास्ट सर्वे हुआ उसका भी बीजेपी ने समर्थन किया था.'- सुशील मोदी, पूर्व उप मुख्यमंत्री, बिहार

जातीय जनगणना पर तेजस्वी यादव का बयान: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हम लोगों के प्रस्ताव से और लालू प्रसाद की लगातार लड़ाई से बिहार विधानसभा में जाति जनगणना को लेकर प्रस्ताव दो बार पारित हुआ और सर्वसम्मति से पास भी हुआ. उसमे कहीं कोई असहमति की गुंजाइश नहीं थी. सब लोग सहमत थे. सरकार द्वारा जातीय जनगणना कराए जाने की निर्णय लेना हमारी जीत है.

'जब इसे लेकर पार्लियामेंट में मना किया कि भारत सरकार जातीय जनगणना नहीं कराएगी, तब हम लोगों ने विधानसभा में इस बात को उठाया. दो बातें रखी गईं कि या तो प्रधानमंत्री से मिला जाए या फिर राज्य सरकार अपने खर्चे पर जातीय जनगणना कराए. उसके बाद हालांकि विलंब हुआ, विलंब का कारण क्या था अब हमें उस पर नहीं जाना चाहते लेकिन ये हमारी जीत है'- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

सीएम नीतीश ने किया ऐलान: गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सीएम सचिवालय संवाद में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक के बाद ऐलान किया कि बिहार में जातीय जनगणना होगी. मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा कि सबकी सहमति हो गई है और जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति ली जाएगी और उसके बाद एक टाइम फ्रेम में जातीय जनगणना को पूरा किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा सभी वर्ग और संप्रदाय के जातियों की जनगणना होगी और एक एक चीज की गिनती की जाएगी इस सब को लाभ होगा.

"जातीय जनगणना कैसे कराया जाए सबकी सहमति हो गई है. जल्द ही कैबिनेट से पास कराएंगे और उसके बाद एक टाइम फ्रेम तय होगा. सभी वर्ग और संप्रदाय के जातियों की जनगणना की जाएगी. धन का इंतजाम करना होगा. पब्लिक के सामने सब कुछ रखा जाएगा. सभी सम्प्रदाय के जाति की जनगणना होगी. जातीय जनगणना को लेकर विज्ञापन भी निकाला जाएगा और जो भी कुछ किया जाएगा उसकी पूरी जानकारी मीडिया को दी जाएगी. सभी लोगो का आकलन होगा. इससे सभी को फायदा होगा." - नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

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Last Updated : Jun 2, 2022, 8:12 PM IST
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