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सुशील मोदी ने बिहार में रोजगार को बनाया मुद्दा, कहा- '10 लाख नौकरी के जुमले का क्या हुआ...? '

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार में रोजगार (Employment In Bihar) का मुद्दा बनाकर राजद पर निशाना साधा. कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री रोजगार मेला लगाकर नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं तो दूसरी ओर राजद ने जो 10 लाख नौकरी का वायदा किया था, उसका अब तक कोई पता नहीं है. पढ़ें पूरी खबर...

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी
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Published : Nov 22, 2022, 9:33 PM IST

पटनाः बिहार में रोजगार को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Former Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi) ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा. कहा कि राजद ने तो कैबिनेट की पहली बैठक में ही 10 लाख सरकारी नौकरी का वायदा किया था उसका क्या हुआ? उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक साल में 10 लाख सरकारी नौकरी के वायदे के अनुरूप रोजगार मेला लगाकर नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. परंतु राजद ने जो 10 लाख सरकारी नौकरी की बात कही थी उसका अभी तक कोई पता नहीं है.

यह भी पढ़ेंः बिहार में खाद आपूर्ति पर बोले सुशील मोदी - 'गलत बयानबाजी कर केंद्र को बदनाम कर रहे विभागीय मंत्री'

नौकरी का कोई ठिकाना नहींः सुशील मोदी ने का कि राजद की घोषणा थी कि पहली ही कैबिनेट की बैठक में हस्ताक्षर कर रिक्त पड़े 4.50 लाख पद भरने के साथ 5.50 लाख स्थाई पदों का सृजन किया जाएगा. कुल 10 लाख स्थायी नौकरियां दी जाएगी. जब से घोषणा हुई है तब से कैबिनेट की 15 बैठकें हो चुकी है. परंतु अभी तक 10 लाख नौकरियों का कोई ठिकाना नहीं है. झूठा घोषणा कर युवा को ठगा जा रहा है. सरकार को इसपर अमल करना चाहिए.

चुनावी घोषणा का क्या हुआः हाल में नौकरी के नाम पर महागठबंधन सरकार जो नियुक्ति पत्र बांट रही है वह तो भाजपा के समय निकले विज्ञापन द्वारा नियुक्त लोगों को ही बुलाकर दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. इससे युवा को गुमराह किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) इसका जबाव दें कि उनके समय के नियुक्त एक भी नौजवान को अब तक नौकरी क्यों नहीं दी गई? 10 लाख नौकरी के जुमले का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर समान काम, समान वेतन की नीति पर अमल करने की चुनावी घोषणा का क्या हुआ?

पटनाः बिहार में रोजगार को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (Former Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi) ने तेजस्वी यादव पर जमकर निशाना साधा. कहा कि राजद ने तो कैबिनेट की पहली बैठक में ही 10 लाख सरकारी नौकरी का वायदा किया था उसका क्या हुआ? उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने एक साल में 10 लाख सरकारी नौकरी के वायदे के अनुरूप रोजगार मेला लगाकर नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. परंतु राजद ने जो 10 लाख सरकारी नौकरी की बात कही थी उसका अभी तक कोई पता नहीं है.

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नौकरी का कोई ठिकाना नहींः सुशील मोदी ने का कि राजद की घोषणा थी कि पहली ही कैबिनेट की बैठक में हस्ताक्षर कर रिक्त पड़े 4.50 लाख पद भरने के साथ 5.50 लाख स्थाई पदों का सृजन किया जाएगा. कुल 10 लाख स्थायी नौकरियां दी जाएगी. जब से घोषणा हुई है तब से कैबिनेट की 15 बैठकें हो चुकी है. परंतु अभी तक 10 लाख नौकरियों का कोई ठिकाना नहीं है. झूठा घोषणा कर युवा को ठगा जा रहा है. सरकार को इसपर अमल करना चाहिए.

चुनावी घोषणा का क्या हुआः हाल में नौकरी के नाम पर महागठबंधन सरकार जो नियुक्ति पत्र बांट रही है वह तो भाजपा के समय निकले विज्ञापन द्वारा नियुक्त लोगों को ही बुलाकर दोबारा नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है. इससे युवा को गुमराह किया जा रहा है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) इसका जबाव दें कि उनके समय के नियुक्त एक भी नौजवान को अब तक नौकरी क्यों नहीं दी गई? 10 लाख नौकरी के जुमले का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि संविदा प्रथा को समाप्त कर नियोजित शिक्षकों को स्थायी कर समान काम, समान वेतन की नीति पर अमल करने की चुनावी घोषणा का क्या हुआ?

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