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नीतीश कुमार को सुशील मोदी का साथ मिला, कहा- जहरीली शराब से मौत का शराबबंदी से कोई संबंध नहीं

बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को लेकर चौतरफा हमला झेल रहे नीतीश कुमार को सुशील मोदी का साथ (Sushil Modi came in support of Nitish) मिला है. बिहार बीजेपी के अध्यक्ष संजय जायसवाल और अन्य नेताओं से अलग राय रखते हुए पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने (BJP MP Sushil Modi) ने साफ किया कि नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है.

नीतीश कुमार को सुशील मोदी का साथ मिला
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Published : Jan 17, 2022, 10:34 PM IST

Updated : Jan 17, 2022, 11:07 PM IST

पटना: नालंदा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Poisonous Liquor) के बाद भले ही शराबबंदी पर जेडीयू और बीजेपी में तनातनी (Dispute Between JDU and BJP on Prohibition) बढ़ गई हो लेकिन बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने (BJP MP Sushil Modi) ने बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को जरूरी बताया है. उन्होंने ट्वीट कर न केवल सरकार का बचाव किया है, बल्कि शराबबंदी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले की सराहना भी की है. उन्होंने कहा कि नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है.

ये भी पढ़ें: CM नीतीश पर BJP का सबसे बड़ा हमला, संजय जायसवाल बोले- 'सुशासन की पुलिस शराब माफियाओं से मिली हुई है'

सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'वर्ष 2016 में जब जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में 19 लोगों की मौत हुई थी, तब राज्य सरकार ने स्पीडी ट्रायल के जरिये पांच साल के भीतर 13 लोगों को दोषी सिद्ध कराया. इनमें से 9 को फांसी और 4 महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनायी गई.' वहीं, दूसरे ट्वीट में लिखा, नालंदा और जहरीली शराब से मौत की सभी घटनाओं में स्पीडी ट्रायल का रास्ता अपना कर ही पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सकता है.

  • वर्ष 2016 में जब जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में 19 लोगों की मौत हुई थी, तब राज्य सरकार ने स्पीडी ट्रायल के जरिये पांच साल के भीतर 13 लोगों को दोषी सिद्ध कराया। इनमें से 9 को फांसी और 4 महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनायी गई।

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  • नालंदा और जहरीली शराब से मौत की सभी घटनाओं में स्पीडी ट्रायल का रास्ता अपना कर ही पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सकता है।

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सुशील कुमार मोदी ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा, 'नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है.' वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'जिन राज्यों में शराबबंदी लागू नहीं है, वहां अक्सर बिहार से ज्यादा बड़ी घटनाएँ हुईं. पश्चिम बंगाल में 2011 में जहरीली शराब पीने से 167, महाराष्ट्र में 2015 में 102 और 2019 में यूपी-उत्तराखंड में 108 लोगों की जान गई. इनमें से किसी राज्य में शराबबंदी लागू नहीं है.'

  • नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है।

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ये भी पढ़ें: BJP को JDU विधायक की दो टूक- 'साथ छोड़ना है तो छोड़ दीजिए, कौन कह रहा है रहने के लिए'

  • जिन राज्यों में शराबबंदी लागू नहीं है, वहां अक्सर बिहार से ज्यादा बड़ी घटनाएँ हुईं।
    पश्चिम बंगाल में 2011 में जहरीली शराब पीने से 167, महाराष्ट्र में 2015 में 102 और 2019 में यूपी-उत्तराखंड में 108 लोगों की जान गई।
    इनमें से किसी राज्य में शराबबंदी लागू नहीं है।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) January 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आपको बताएं कि संजय जायसवाल इन शराबबंदी को लेकर सरकार पर हमलावर हैं. पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि परसों मुझसे जहरीली शराब पर जेडीयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था. आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा, क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता है, तो आपके लिए ये अपराध है. संजय जायसवाल ने कहा कि दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी. 10 साल का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना, जहां वो ये सब काम चालू रख सकें. तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है, जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है. इस को पकड़ना भी बहुत आसान है. इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा. शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए, पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं, जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे. जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा.

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पटना: नालंदा में जहरीली शराब से मौत (Death Due to Poisonous Liquor) के बाद भले ही शराबबंदी पर जेडीयू और बीजेपी में तनातनी (Dispute Between JDU and BJP on Prohibition) बढ़ गई हो लेकिन बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने (BJP MP Sushil Modi) ने बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) को जरूरी बताया है. उन्होंने ट्वीट कर न केवल सरकार का बचाव किया है, बल्कि शराबबंदी के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फैसले की सराहना भी की है. उन्होंने कहा कि नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है.

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सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए हैं. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'वर्ष 2016 में जब जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में 19 लोगों की मौत हुई थी, तब राज्य सरकार ने स्पीडी ट्रायल के जरिये पांच साल के भीतर 13 लोगों को दोषी सिद्ध कराया. इनमें से 9 को फांसी और 4 महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनायी गई.' वहीं, दूसरे ट्वीट में लिखा, नालंदा और जहरीली शराब से मौत की सभी घटनाओं में स्पीडी ट्रायल का रास्ता अपना कर ही पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सकता है.

  • वर्ष 2016 में जब जहरीली शराब पीने से गोपालगंज में 19 लोगों की मौत हुई थी, तब राज्य सरकार ने स्पीडी ट्रायल के जरिये पांच साल के भीतर 13 लोगों को दोषी सिद्ध कराया। इनमें से 9 को फांसी और 4 महिलाओं को उम्र कैद की सजा सुनायी गई।

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  • नालंदा और जहरीली शराब से मौत की सभी घटनाओं में स्पीडी ट्रायल का रास्ता अपना कर ही पीड़ितों को न्याय दिलाया जा सकता है।

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सुशील कुमार मोदी ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा, 'नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है.' वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'जिन राज्यों में शराबबंदी लागू नहीं है, वहां अक्सर बिहार से ज्यादा बड़ी घटनाएँ हुईं. पश्चिम बंगाल में 2011 में जहरीली शराब पीने से 167, महाराष्ट्र में 2015 में 102 और 2019 में यूपी-उत्तराखंड में 108 लोगों की जान गई. इनमें से किसी राज्य में शराबबंदी लागू नहीं है.'

  • नालंदा में जहरीली शराब से मरने की घटना अत्यंत दुखद है, लेकिन ऐसी त्रासदी से पूर्ण मद्यनिषेध का कोई संबंध नहीं है।

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  • जिन राज्यों में शराबबंदी लागू नहीं है, वहां अक्सर बिहार से ज्यादा बड़ी घटनाएँ हुईं।
    पश्चिम बंगाल में 2011 में जहरीली शराब पीने से 167, महाराष्ट्र में 2015 में 102 और 2019 में यूपी-उत्तराखंड में 108 लोगों की जान गई।
    इनमें से किसी राज्य में शराबबंदी लागू नहीं है।

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आपको बताएं कि संजय जायसवाल इन शराबबंदी को लेकर सरकार पर हमलावर हैं. पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि परसों मुझसे जहरीली शराब पर जेडीयू प्रवक्ता ने प्रश्न पूछा था. आज मेरा प्रश्न उस दल से है कि क्या इन 11 लोगों के पूरे परिवार को जेल भेजा जाएगा, क्योंकि अगर कोई जाकर उनके यहां सांत्वना देता है, तो आपके लिए ये अपराध है. संजय जायसवाल ने कहा कि दूसरे अपराधी वहां के पुलिस वाले हैं, जिन्होंने अपने इलाके में शराब की खुलेआम बिक्री होने दी. 10 साल का कारावास इन पुलिस कर्मियों को होना चाहिए, ना कि इन्हें 2 महीने के लिए सस्पेंड करके नया थाना देना, जहां वो ये सब काम चालू रख सकें. तीसरा सबसे बड़ा अपराधी शराब माफिया है, जो शराब की बिक्री विभिन्न स्थानों पर करवाता है. इस को पकड़ना भी बहुत आसान है. इन्हीं पुलिस कर्मियों से पुलिसिया ढंग से पूछताछ की जाए तो उस माफिया का नाम भी सामने आ जाएगा. शराब बेचने वाले और पीने वाले दोनों को सजा अवश्य होनी चाहिए, पर यह उस हाइड्रा की बाहें हैं, जिन्हें आप रोज काटेंगे तो रोज उग जाएंगे. जड़ से खत्म करना है तो प्रशासन, पुलिस और माफिया की तिकड़ी को समाप्त करना होगा.

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Last Updated : Jan 17, 2022, 11:07 PM IST
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