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तेजस्वी के धरने पर बोले सुशील मोदी- अब गांधी क्यों याद आने लगे? - farmer protest

गांधी मैदान में मजिस्ट्रेट ने बिना अनुमति धरना देना असंवैधानिक बताया है. मजिस्ट्रेट ने कहा है कि हमलोग घटनाक्रम देख रहे हैं. आगे जो भी कार्रवाई होगी हमलोग वरीय पदाधिकारियों के निर्देश पर करेंगे. इस बीच, गांधी मैदान के अंदर भी बड़े पैमाने पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है.

sushil modi attack tejaswi
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Published : Dec 5, 2020, 1:39 PM IST

पटना: किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल आरजेडी के पटना के गांधी मैदान में धरना कार्यक्रम की जिला प्रशासन के अनुमति नहीं मिलने के बाद राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता गांधी मैदान के बाहर ही धरने पर बैठ गए. इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी गांधी मैदान पहुंचे और धरने में शामिल हुए हैं.

इससे पहले, तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है और चैलेंज भी किया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा- 'गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं. उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गांधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गांधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सकें नीतीश जी,वहां पहुंच रहा हूं. रोक सको तो रोक लीजिए.'

  • गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके।

    नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिए

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तेजस्वी पर सुशील कुमार मोदी का पलटवार
अब तेजस्वी यादव के इसी बयान के आधार पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने निशाना साधा है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा- 'राजद के 15 साल के राज में दलितों के सामूहिक संहार, फिरौती के लिए 17000 लोगों का अपहरण और पंचायत से संसद तक के लिए हुए कुल नौ चुनावों में 641 हत्याएं हुईं, लेकिन तब उन्हें गांधीजी के सिद्धांत की याद नहीं आयी. लालू- राबड़ी राज में गांधी ही नहीं, जेपी, लोहिया, कर्पूरी ठाकुर तक अनेक महापुरुषों के आदर्शों को रौंद कर सम्पत्ति बनायी गई और वंशवादी राजनीति को मजबूत किया गया.'

  • राजद के 15 साल के राज में दलितों के सामूहिक संहार, फिरौती के लिए 17000 लोगों का अपहरण और पंचायत से संसद तक के लिए हुए कुल नौ चुनावों में 641 हत्याएँ हुईं, लेकिन तब उन्हें गांधीजी के सिद्धांत की याद नहीं आयी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'आज जिनके मन में गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना देने का विचार आ रहा है, वे सत्ता में रहते हुए गांधी को बहुत पहले भूल चुके हैं. गांधीवाद से उन्हें यदि सचमुच कोई लगाव होता तो माओ-लेनिन के हिंसक सिद्धातों में भरोसा रखने वाले वामदलों से गठबंधन नहीं करते.'

पटना: किसान आंदोलन के समर्थन में शनिवार को राष्ट्रीय जनता दल आरजेडी के पटना के गांधी मैदान में धरना कार्यक्रम की जिला प्रशासन के अनुमति नहीं मिलने के बाद राजद और कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता गांधी मैदान के बाहर ही धरने पर बैठ गए. इधर, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी गांधी मैदान पहुंचे और धरने में शामिल हुए हैं.

इससे पहले, तेजस्वी यादव ने भी ट्वीट कर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है और चैलेंज भी किया है. तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा- 'गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे हैं. उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में गांधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गांधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गांधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सकें नीतीश जी,वहां पहुंच रहा हूं. रोक सको तो रोक लीजिए.'

  • गोडसे को पूजने वाले लोग पटना पधारे है उनके स्वागत में अनुकंपाई मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गाँधी मैदान में गाँधी मूर्ति को क़ैद कर लिया ताकि गाँधी को मानने वाले लोग किसानों के समर्थन में गाँधी जी के समक्ष संकल्प ना ले सके।

    नीतीश जी,वहाँ पहुँच रहा हूँ। रोक सको तो रोक लीजिए

    — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 5, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

तेजस्वी पर सुशील कुमार मोदी का पलटवार
अब तेजस्वी यादव के इसी बयान के आधार पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने निशाना साधा है. सुशील मोदी ने ट्वीट कर लिखा- 'राजद के 15 साल के राज में दलितों के सामूहिक संहार, फिरौती के लिए 17000 लोगों का अपहरण और पंचायत से संसद तक के लिए हुए कुल नौ चुनावों में 641 हत्याएं हुईं, लेकिन तब उन्हें गांधीजी के सिद्धांत की याद नहीं आयी. लालू- राबड़ी राज में गांधी ही नहीं, जेपी, लोहिया, कर्पूरी ठाकुर तक अनेक महापुरुषों के आदर्शों को रौंद कर सम्पत्ति बनायी गई और वंशवादी राजनीति को मजबूत किया गया.'

  • राजद के 15 साल के राज में दलितों के सामूहिक संहार, फिरौती के लिए 17000 लोगों का अपहरण और पंचायत से संसद तक के लिए हुए कुल नौ चुनावों में 641 हत्याएँ हुईं, लेकिन तब उन्हें गांधीजी के सिद्धांत की याद नहीं आयी।

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'आज जिनके मन में गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना देने का विचार आ रहा है, वे सत्ता में रहते हुए गांधी को बहुत पहले भूल चुके हैं. गांधीवाद से उन्हें यदि सचमुच कोई लगाव होता तो माओ-लेनिन के हिंसक सिद्धातों में भरोसा रखने वाले वामदलों से गठबंधन नहीं करते.'

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