पटना: राज्यसभा सांसद व बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय कुमार (Bihar Former Minister Kartik Kumar ) मामले में कार्रवाई की मांग की है. सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि अपहरण मामले में कार्तिकेय कुमार (Sushil Modi attack On Former minister Kartik Kumar) ने मंत्री रहते है पीड़ित राजू कुमार पर समझौते का दवाब बनाया. इस मामले में बीजेपी नेता ने कहा कि राजू सिंह की पत्नी ने पटना उच्च न्यायालय को एक पत्र भी लिखा है. जिसपर सरकार अविलंब एंक्शन लें.
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सुशील मोदी का कार्तिकेय कुमार पर आरोपः सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि ''बिहार सरकार के पूर्व कानून मंत्री जिन्होंने फरारी के बावजूद नीतीश कुमार ने बिहार सरकार में मंत्री बनवाया था. उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट था. उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए 20 अगस्त को अपने चार लोगों को बेऊर जेल भेजा. इस मामले में राजू सिंह, जिन्होंने एफआईआर किया था उनपर दवाब डाला था कि वो समझौता कर लें. राजू सिंह की पत्नी ने पटना उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखा है. जिसमें आरोप लगाया है कि 20 अगस्त को दोपहर में एक से चार के बीच में चार लोग जाते है और जिला प्रशासन के द्वारा उनको जेल के भीतर प्रवेश कराया जाता है कि और राजू सिंह को बुलाकर उन पर दवाब बनाया जाता है कि वो समझौता कर लें.''
दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांगः बीजेपी नेता बीजेपी नेता ने आगे कहा कि, ''ये वही कार्तिकेय सिंह है जो फरार हैं. बिहार पुलिस ने उनको फरार होने का मौका दिया. उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई. नीतीश जी को मालूम था कि वो वारंटी है. फिर वी उनको शपथ दिलाई गई. 20 दिनों तक कानून मंत्री बना कर रखा गया. ताकि पद का दुरुपयोग करते हुए वो दवाब डाल सकें. उसी का प्रमाण है ये पत्र जो राजू सिंह की पत्नी ने पटना हाईकोर्ट को लिखा है. मैं बिहार सरकार से मांग करता हूं कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाए और जो दोषी लोग है उनपर कार्रवाई की जाए.''
कार्तिकेय सिंह पर लगे थे आरोप : आपको बता दें कि सुशील कुमार मोदी लगातार कार्तिकेय कुमार पर हमलावर हैं. अब उन पर बेऊर जेल में राजू सिंह पर समझौते के लिए दबाव बनाने का आरोप लगा है. दरअसल नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही कार्तिकेय कुमार विवादों में घिर गए थे. उनके ऊपर आरोप लगा था कि उनके खिलाफ कोर्ट से अपहरण के मामले में वारंट जारी किया जा चुका है. 2014 में राजीव रंजन को अगवा कर लिया गया था, इसके बाद कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्तिकेय सिंह के खिलाफ वारंट जारी किया. इस मामले में कार्तिकेय सिंह ने अभी तक ना तो कोर्ट के सामने सरेंडर किया है ना ही जमानत के लिए अर्जी दी है. इसको लेकर विपक्ष लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोल रहा था कि जिनके खिलाफ खुद गिरफ्तारी का वारंट जारी किया जा चुका हो, उसे विधि विभाग का मंत्री कैसे बनाया जा सकता है.
अनंत सिंह के हैं चुनावी रणनीतिकार : आपको बता दें कि कार्तिकेय कुमार को बाहुबली अनंत सिंह (Bahubali Anant Singh)के समर्थक 'कार्तिक मास्टर' के नाम से जानते हैं. वर्ष 2005 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद कार्तिकेय मास्टर और अनंत सिंह में दोस्ती काफी आगे बढ़ी थी. अनंत सिंह के चुनावी रणनीतिकार के रूप में कार्तिकेय ने खुद को साबित किया. जानकारी है कि अनंत सिंह के लिए सभी राजनीतिक दांव-पेंच पर्दे के पीछे से कार्तिकेय की मदद से ही अनंत सिंह संभालते हैं. इसलिए अनंत सिंह की पहली पसंद वे हैं. सबसे बड़े विश्वासी हैं. अनंत सिंह कार्तिकेय कुमार को खुद 'मास्टर साहब' कहकर पुकारते हैं. राजनीति में सक्रिय होने से पहले कार्तिकेय स्कूल में शिक्षक थे. वे मोकामा के रहने वाले हैं और उनके गांव का नाम शिवनार है. कार्तिकेय मास्टर की पत्नी रंजना कुमारी लगातार दो बार मुखिया बनीं.
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