नई दिल्ली/पटना: राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को NARENDRA MODI का मायने समझाया. सुशील मोदी ने कहा कि मै सदन को बताना चाहता हूं कि पीएम मोदी का मतलब क्या है.
नरेंद्र मोदी के नाम का नया मीनिंग सुशील मोदी ने बताया
N- New india
A- Aatm nirbhar bharat
R- Ready for reforms
E- Electronic agri market
N- New Financial Structure
D- Disinvestment
R- Railway and roads
A- Agriculture Reforms
M- MSP assured, Helping migrant worker
O- One person company
D- Down to earth
I- Inclusive development
भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला है बजट
सुशील मोदी ने राज्यसभा में बजट 2021-22 पर दिए अपने पहले भाषण में बजट का स्वागत करते हुए इसे रोजगार पैदा करने, गरीबी दूर करने, महंगाई नियंत्रित करने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाला बताया. सुमो ने कहा कि कोरोना काल के दौरान प्रधानमंत्री ने समय पर कड़ाई से लॉकडाउन लागू कर कोविड से मरने वालों में से कम से कम एक लाख लोगों की जान बचाई है.
राज्यसभा में सुशील मोदी ने कहा कि पूरे देश में जब लॉकडाउन था तो प्रधानमंत्री ने 80 करोड़ करीबों को 8 माह तक 40 किलो अनाज देने के अलावा 39.18 करोड़ जनधन खाताधारक महिलाओं, उज्जवला योजना के लाभार्थियों को विधवा, वृद्धि व दिव्यांगों व किसानों आदि के खाते में सीधे 61 हजार 334 करोड़ की राशि एक क्लीक पर पहुंचाई, जबकि अमेरिका जैसे देश को अपने 7 करोड़ नागरिकों को चेक प्रिंट करा कर डाक के जरिए उनके घरों तक सहायता राशि पहुंचाने में छह महीना का समय लगा.
टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान
इस बजट में स्वास्थ्य परिक्षेत्र पर खर्च में 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ ही 50 करोड़ लोगों के टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है. साथ ही द. अफ्रीका, अफगानिस्तान और ब्राजिल के साथ खाड़ी के आधा दर्जन समेत दुनिया के 12 देशों को टीके के 62 लाख डोज मुफ्त उपलब्ध कराने के अलावा 8 अन्य देशों को 1 करोड़ 5 लाख टीके वाणिज्यिक अनुबंध के तहत उपलब्ध कराया जा रहा है.
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लॉकडाउन के कारण राजस्व संग्रह में 23 प्रतिशत की कमी के बावजूद जनता पर नए करों को कोई बोझ नहीं डाला गया है. पेट्रोल और डीजल जैसे उत्पादों पर आयात व एक्साइज ड्यूटी में कमी कर कृषि के विकास के लिए सेस लगाया गया है, जिससे 30 हजार करोड़ का राजस्व संग्रह होगा.
सरकार 5 लाख 54 हजार करोड़ अगले साल सड़क, पुल, रेल, बिजली और हवाई अड्डा आदि के निर्माण पर पूंजीगत व्यय करेगी जिससे न केवल सिमेंट, लोहा आदि का उत्पादन बढ़ेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.