पटना: बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि यदि कांग्रेस ने 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की होती या 1989 में इसके लागू होने का विरोध नहीं किया होता तो आज केंद्र सरकार में पिछड़े वर्ग के सिर्फ तीन नहीं, बल्कि 30 से ज्यादा अधिकारी होते. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी प्रशासन में ओबीसी अधिकारियों की कमी के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं, जबकि यह जख्म खुद उनकी पार्टी और परिवार ने दिए हैं. यह सब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की राजनीतिक गलती का परिणाम है.
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ओबीसी को लेकर कांग्रेस को बोलने का हक नहीं: सुशील मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने 1955 में गठित पहले पिछड़ा वर्ग आयोग (कालेलकर कमीशन) की रिपोर्ट को कूड़ेदान में डाल दिया और अगले 15 साल तक दूसरा आयोग भी नहीं बनाया. बीजेपी सांसद ने कहा कि 1977 में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर जब मोरारजी देसाई की सरकार बनी, तब मंडल आयोग का गठन हुआ. उस सरकार में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी शामिल थे.
राहुल पर भड़के सुशील मोदी: पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि 1989 में जब वीपी सिंह की सरकार ने मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू की, तब उसे भाजपा का समर्थन प्राप्त था. राहुल गांधी को अपनी मां सोनिया गांधी से पूछना चाहिए कि राजीव गांधी ने मंडल आयोग का विरोध क्यों किया था? उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चरित्र हमेशा पिछड़ा विरोधी रहा. इसकी सजा कई पीढ़ियों को भुगतनी पड़ी.
क्या कहा था राहुल गांधी ने?: दरअसल, महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने लोकसभा में कहा था कि 90 सचिव जो सरकार चला रहे हैं, उनमें सिर्फ 3 ओबीसी से आते हैं. ये सेक्रेटरी 5 फीसदी ही बजट कंट्रोल करते हैं.