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पटना आयुर्वेद कॉलेज में क्षार सूत्र विधि से की जा रही कई बीमारियों की सर्जरी

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Published : Feb 17, 2021, 8:00 AM IST

केन्द्र सरकार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दी है. जिसके बाद राजधानी पटना में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज सहरसा में मरीजों की सर्जरी भी शुरू हो गई है. वहीं, अब लोग भी आयुर्वेदिक अस्पतालों का भगंदर सहित कई बीमारियों की सर्जरी कराने पुहंच रहे हैं.

Patna Ayurvedic College
Patna Ayurvedic College

पटना: केंद्र सरकार ने जब से आयुर्वेद चिकित्सा के उत्थान की दिशा में आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दी है. उसके बाद से आयुर्वेद चिकित्सा में कई सफल मामले सामने आने लगे हैं. लोगों का भी आयुर्वेद के प्रति भरोसा बढ़ रहा है. अब लोग भी आयुर्वेदिक अस्पतालों का भगन्दर सहित कई बीमारियों की सर्जरी कराने पुहंच रहे है. आयुर्वेद के प्रणाली के अनुसार, इन मरीजों की सर्जरी आयुर्वेद अस्पताल में शुरू की गई है. राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में 20 बेड का प्रबंध किया गया है और मरीज यहां सर्जरी करवाने आ रहे हैं.

यह भी पढ़ें - आयुर्वेद कॉलेज द्वारा बनाए गए हर्बल गार्डन का 16 फरवरी को मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन

जहानाबाद से आए मदन कुमार का कहना है कि बवासीर का ऑपरेशन करवाने यहां पहुंचे थे, ऑपरेशन हो गया है. अब अच्छा फील हो रहा है. वहीं, पटना से ही आए अनुरोध कुमार का कहना है कि यहां भगंदर के ऑपरेशन करवाने के लिए आए थे. अच्छी तरीके से ऑपरेशन किया गया है. एलोपैथ में हम इस बीमारी को ठीक करवाने के लिए थक हार गए थे. इसीलिए आयुर्वेद के शरण में आए हैं.

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज सहरसा
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज सहरसा

वहीं, आई राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल की डॉ. दीपाली वर्मा का कहना है कि क्षार सूत्र विधि से भगंदर का ऑपरेशन हम लोग करते हैं. आयुर्वेद के किताबों में इस सूत्र का वर्णन किया गया है. इसमें धागे को विशेष रुप से कोटिंग कर उपयोग में लाया जाता है.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें - बिहार में मैट्रिक परीक्षा आज से, 16.84 लाख परीक्षार्थी होंगे शामिल

वहीं सर्जरी विभाग के डॉक्टर हैदर का कहना है कि आयुर्वेद सर्जरी का सबसे पुराना प्रणाली है और आज इसका उपयोग हम लोग कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि जवान सर्जरी होते हैं. उसकी उत्पत्ति आयुर्वेद से हुआ है और उम्मीद है कि और ज्यादा से ज्यादा बीमारी के निदान के लिए आयुर्वेद के सर्जरी का उपयोग जल्दी ही होने लगेगा.

पटना: केंद्र सरकार ने जब से आयुर्वेद चिकित्सा के उत्थान की दिशा में आयुर्वेदिक चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दी है. उसके बाद से आयुर्वेद चिकित्सा में कई सफल मामले सामने आने लगे हैं. लोगों का भी आयुर्वेद के प्रति भरोसा बढ़ रहा है. अब लोग भी आयुर्वेदिक अस्पतालों का भगन्दर सहित कई बीमारियों की सर्जरी कराने पुहंच रहे है. आयुर्वेद के प्रणाली के अनुसार, इन मरीजों की सर्जरी आयुर्वेद अस्पताल में शुरू की गई है. राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल में 20 बेड का प्रबंध किया गया है और मरीज यहां सर्जरी करवाने आ रहे हैं.

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जहानाबाद से आए मदन कुमार का कहना है कि बवासीर का ऑपरेशन करवाने यहां पहुंचे थे, ऑपरेशन हो गया है. अब अच्छा फील हो रहा है. वहीं, पटना से ही आए अनुरोध कुमार का कहना है कि यहां भगंदर के ऑपरेशन करवाने के लिए आए थे. अच्छी तरीके से ऑपरेशन किया गया है. एलोपैथ में हम इस बीमारी को ठीक करवाने के लिए थक हार गए थे. इसीलिए आयुर्वेद के शरण में आए हैं.

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज सहरसा
राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज सहरसा

वहीं, आई राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल की डॉ. दीपाली वर्मा का कहना है कि क्षार सूत्र विधि से भगंदर का ऑपरेशन हम लोग करते हैं. आयुर्वेद के किताबों में इस सूत्र का वर्णन किया गया है. इसमें धागे को विशेष रुप से कोटिंग कर उपयोग में लाया जाता है.

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वहीं सर्जरी विभाग के डॉक्टर हैदर का कहना है कि आयुर्वेद सर्जरी का सबसे पुराना प्रणाली है और आज इसका उपयोग हम लोग कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि जवान सर्जरी होते हैं. उसकी उत्पत्ति आयुर्वेद से हुआ है और उम्मीद है कि और ज्यादा से ज्यादा बीमारी के निदान के लिए आयुर्वेद के सर्जरी का उपयोग जल्दी ही होने लगेगा.

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