दिल्ली/पटना: सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दिया है,जिसमें राज्य के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ कोर्ट में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया गया था. पूर्व की सुनवाई में जस्टिस पीवी बजंत्री की खंडपीठ ने एक अवमानना के सिलसिले में केके पाठक के विरुद्ध जमानतीय वारंट जारी किया था.
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केके पाठक को सुप्रीम कोर्ट से राहत: कोर्ट ने केके पाठक को 13 जुलाई,2023 को निश्चित रूप से कोर्ट में स्वयं उपस्थित होने का आदेश दिया था, लेकिन किसी कारणवश केके पाठक स्वयं उपस्थित नहीं होकर,अपने वकील के जरिए हाजिर हुए थे. कोर्ट ने इसे आदेश की अवमानना करार देते हुए उनकी हाजिरी को सुनिश्चित करने के लिए जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया.
पटना हाईकोर्ट ने जारी किया था जमानती वारंट: अपर मुख्य शिक्षा सचिव की ओर से कोर्ट के समक्ष उपस्थित अधिवक्ता नरेश दीक्षित ने कोर्ट को बताया था कि केके पाठक ने जून, 2023 में अपने पद पर योगदान दिया था. नालंदा के एक टीचर घनश्याम प्रसाद सिंह को हेडमास्टर के पद पर प्रोन्नत का आदेश जारी किया गया था. उन्होंने बताया कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिख कर आदेश का पालन किये जाने का निर्देश दिया.
HC में 20 जुलाई को सुनवाई: नालंदा के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आदेश का पालन कर विभाग को सूचित किया. उस शिक्षक ने भी आदेश के अनुपालन होने को स्वीकार किया. पटना उच्च न्यायालय द्वारा केके पाठक के विरुद्ध जारी जमानती वारंट को एक याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी. इस पर सभी पक्षों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें राहत दी. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट में अगली सुनवाई 20 जुलाई, 2023 को होगी.